मेरे ऑफिस के बाहर, गिलहरियाँ ठण्ड के मौसम के लिए अपने बाँझफल सुरक्षित और सुगम स्थान में छिपा रही हैं l उनका शोर मेरा मनोरंजन करता है l हिरणों का एक झुण्ड हमारे पीछे के आँगन से बिना आवाज़ किये हुए निकल सकता है, किन्तु एक गिलहरी की आवाज़ एक आक्रमण सा लगता है l

ये दोनों प्राणियों में एक और अंतर भी है l हिरण सर्दियों के लिए तैयारी नहीं करते l बर्फ गिरने पर कुछ भी(आँगन के सजावटी पौधे भी ) खा लेते हैं l किन्तु गिलहरियाँ हिरन का अनुसरण कर भूखों मर जाएंगी l वे उचित भोजन नहीं ढूंढ पाएंगी l

हिरण और गिलहरी हमारे लिए परमेश्वर की देखभाल दर्शाती हैं l वह हमें काम करके भविष्य के लिए बचत करने देता है, और संसाधन कम होने पर भी वह हमारी ज़रूरतें पूरी करता है l जैसे कि बुद्धि साहित्य सिखाती है, परमेश्वर हमें बहुतायत का मौसम देता है ताकि हम ज़रूरत के समय के लिए तैयारी कर सकें (नीतिवचन 12:11) l और भजन 23 कहता है, वह हमें घोर अंधकार से भरी तराईयों से ले कर हरी चराइयों में भी बैठाता है l

परमेश्वर भरपूर लोगों के द्वारा भी ज़रुरतमंदों की पूर्ति करता है (व्यव. 24:19) l इसलिए जब प्रावधान की बात आती है, बाइबिल का सन्देश यह है : जब तक काम कर सकते हैं करें, जो बचत कर सकते हैं करें, जो बाँट सकते हैं बाँटें, और अपनी ज़रूरतों की पूर्ति के लिए परमेश्वर पर भरोसा करें l