मेरे मित्र के अपने नए घर में जाने के बाद, उन्होंने अपने बाड़े के निकट एक विशेष फूल का पौधा लगाकर पांच वर्ष का पौधा हो जाने के बाद खुशबूदार फूल की इच्छा की l उन्होंने दो दशकों तक उस पौधे का आनंद लिया, और सावधानी पूर्वक उसको छांटते और उसकी देखभाल करते रहे l किन्तु पड़ोसियों द्वारा बाड़े की दूसरी ओर कुछ कीटनाशक डालने के कारण अचानक वह पौधा मर गया l विष पौधे के जड़ों तक चला गया और पौधा मर गया-या मेरे मित्रों की सोच यही थी l अचानक, अगले वर्ष भूमि में से कुछ कोपलें निकलीं l

यिर्मयाह नबी द्वारा भरोसा करनेवाले परमेश्वर के लोग अथवा उसके मार्गों को त्यागने वालों के विषय बताते समय हम फलते-फूलते और बर्बाद होते पेड़ों की तस्वीर देखते हैं l परमेश्वर का अनुसरण करनेवाले अपनी जड़े जल के निकट फैलाएंगे और फलदायी होंगे (यिर्मयाह 17:8), किन्तु अपनी इच्छा पर चलनेवाले मरुभूमि में अधमरे पेड़ के समान होंगे (पद.5-6) l नबी की चाहत है कि परमेश्वर के लोग सच और जीवित परमेश्वर पर निर्भर होंगे, कि वे “उस वृक्ष के समान [होंगे] जो नदी के किनारे लगा” है (पद.8) l

हम जानते हैं कि “पिता किसान है” (यूहन्ना 15:1) और कि हम उसमें भरोसा करके प्रतीति करते हैं (यिर17:7) l  हम टिकनेवाले फल उत्पन्न करते हुए सम्पूर्ण हृदय से उसका अनुसरण करें l