प्रसिद्ध भजन मण्डली, ब्रुकलीन टैबरनैकल ने कई दशकों से आत्म-विभोर करने वाले  भजनों से सैंकड़ों लोगों को आशीषित किया है। उनकी रिकॉर्डिंग में भजन 121 पर आधारित “मेरी मदद” एक उदाहरण है।

भजन 121 का आरम्भ उस परमेश्वर के प्रति विश्वास के व्यक्तिगत अंगीकार से होता है जो सब बातों का रचयिता, और मदद का स्रोत है (1-2)। स्थिरता (3), दिन-रात की परवाह (3-4), और उपस्थिति और रक्षा (5-6), और हर बुराई से बचाव (7-8)।

शात्रों से प्रेरित होकर परमेश्वर के लोगों ने सदियों से अपने गीतों में परमेश्वर को  “सहायता” का स्रोत बताया है। महान सुधारक मार्टिन लूथर ने लिखा, “परमेश्वर हमारा एक मजबूत गढ़ है, एक दीवार जो कभी नहीं ढहती; हमारे दोषपूर्ण और नश्वर होने के वावजूद वह हमारी सदा मिलने वाली सहायता हैं”।

क्या आप अकेला, छोड़ा, निष्कासित, भ्रमित महसूस करते हैं? भजन 121 के शब्दों पर मनन करें। अपनी आत्मा में विश्वास और साहस भर जाने दें। आप अकेले नहीं हैं, इसलिए जीवन आप ही जीने का प्रयत्न ना करें। वरन् परमेश्वर की सांसारिक और अनन्त काल की परवाह में आनंदित हों जिसे प्रभु यीशु मसीह के जीवन, मृत्यु, पुनः जी उठने, और स्वर्गारोहण में प्रदर्शित किया गया है। और आगे जो भी हो, उसे उनकी सहायता से ग्रहण करें।