छुट्टियों मनाकर घर लौटकर मेरे मित्र आर्ची ने देखा कि उसके पड़ोसी ने एक बाड़ लगाई थी जो उसकी जमीन की सीमा के पांच फुट अंदर थी। उसने हफ्तों कोशिश की, बाड़ हटवाने में मदद करने और लागत बांट लेने की भी पेशकश की, परंतु, पड़ोसी नहीं माना। आर्ची नागरिक प्राधिकारी से अपील कर सकता था। परंतु अपने पड़ोसी को परमेश्वर की कृपा दिखाने के लिए उसने ऐसा न करने का निर्णय किया।
“आर्ची डरपोक है”! आप कहेंगे। नहीं। वह ताकतवर व्यक्ति है। परन्तु उसने अधिग्रहण के उपर अनुग्रह को चुना।
पशु बढ़ जाने के कारण अब्राहम और लूत के बीच झगड़ा हो गया था। तब अब्राहम और लूत…(उत्पत्ति 13:7)। लूत ने उत्तम तराई को चुना और अंत में सब कुछ गवा दिया। अब्राहम ने बचे खुचे को चुना और वायदे का देश पाया (12-17)।
हमारे अधिकार होते हैं और हम उनकी मांग कर सकते हैं। विशेषकर जब दूसरों के अधिकार की बात हो। कभी-कभी हमें उन पर ज़ोर भी देना चाहिए। महायाजक के व्यवस्था के विरूद्ध जाने पर पौलुस ने भी यही किया (प्रेरितों के काम 23:1-3)। परंतु संसार को एक बेहतर तरीका दिखाने के लिए हम अधिकारों को छोड़ने का चुनाव कर सकते हैं। इसे बाइबिल दुर्बलता नहीं “विनम्रता” कहती है जो परमेश्वर के नियंत्रण की ताकत है।
मेरे जीवन की गवाही देखकर मेरा पड़ोसी परमेश्वर का चित्र देख सकता है।