एक दिन हमारी बेटी हमारे एक वर्ष के नाती के साथ हमारे घर आयी l मैं किसी काम से घर से निकलने ही वाला था, कि कमरे से निकलते ही मेरा नाती रोने लगा l ऐसा दो बार हुआ, और हर बार मैं लौट कर कुछ समय उसके साथ रहा l जब मैं तीसरी बार दरवाजे की ओर बढ़ा, उसके छोटे होंठ फिर हिलने लगे l उस समय मेरी बेटी बोली, “डैड, क्यों न आप इसे अपने साथ ले जाएं?”
कोई भी नाना-नानी आपको बता सकते हैं कि आगे क्या हुआ l मेरा नाती साथ में घूमने गया, केवल इसलिए क्योंकि मैं उसे प्यार करता हूँ l
यह जानना कितना भला है कि परमेश्वर के लिए हमारे हृदयों की अभिलाषाओं से भी परमेश्वर प्रेम करता है l बाइबल हमें भरोसा देती है कि “जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए और हमें उसका विश्वास है” (1 यूहना 4:16) l परमेश्वर हमसे इसलिए प्रेम नहीं करता कि हमने कुछ किया है अथवा नहीं किया है l उसका प्रेम हमारी योग्यता पर बिलकुल नहीं, किन्तु उसकी भलाई और विश्वासयोग्यता पर आधारित है l जब हमारे चारों-ओर का संसार प्रेम नहीं करता है और कठोर है, हम परमेश्वर के न बदलनेवाले प्रेम को अपनी आशा और शांति का श्रोत मानकर उस पर भरोसा कर सकते हैं l
हमारे स्वर्गिक पिता का हृदय उसके पुत्र और उसकी आत्मा के उपहार के रूप में हमें मिले हैं l यह भरोसा कितना सुखदायक है कि परमेश्वर हमसे प्रेम करता है जो कभी ख़त्म होने वाला नहीं!
हमारे लिए परमेश्वर की अभिलाषा है कि हम उसकी अभिलाषा करें l