हेलिकोप्टर पायलट के रूप में दो दशक तक अपने देश की सेवा करने के बाद, जेम्स अपने समुदाय में शिक्षक की सेवा करने हेतु अपने घर लौट आया l इसलिए कि उसे अभी भी हेलीकॉप्टरों की याद आती थी,  उसने एक स्थानीय हॉस्पिटल के साथ लोगों को खतरनाक स्थान से हटाकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने की सेवा करने लगा l वह काफी उम्र तक यह काम करता रहा l

अब उसे अलविदा कहने का समय आ चुका था l जब मित्रगण, परिजन, और वर्दी पहने सहकर्मी कब्रस्थान में सजग खड़े थे l एक सहकर्मी ने रेडियो पर अंतिम बार पुकारा l शीघ्र ही हवा में हेलीकॉप्टर बड़ी आवाज़ के साथ उस मेमोरियल बगीचे के ऊपर उड़ता हुआ  श्रद्धांजलि देते हुए हॉस्पिटल लौट गया l उपस्थित सेना के अधिकारी भी रो पड़े l

जब राजा शाऊल और उसका पुत्र योनातान युद्ध में मारे गए, दाऊद ने भी युगों के लिए “धनुष-गीत” नामक विलापगीत लिखा (2 शमूएल 1:17) l “हे इस्राएल, तेरा शिरोमणि तेरे ऊँचे स्थान पर मारा गया,” उसने गाया l “हाय, शूरवीर कैसे गिर पड़े हैं!” (पद.19) l योनातान दाऊद का घनिष्ठ मित्र और एक ही सेना के लिए लड़नेवाले योद्धा थे l और यद्यपि दाऊद और शाऊल शत्रु थे, दाऊद दोनों को सम्मान देता था l “उसने लिखा, “शाऊल के लिए रोओ . . . हे मेरे भाई योनातान, मैं तेरे कारण दुखित हूँ” (पद.24,26) l

सबसे अच्छे विदाई के क्षण भी बहुत कठिन होते हैं l किन्तु प्रभु पर भरोसा करनवालों के लिए, स्मरण कड़वा नहीं बल्कि बहुत मधुर होता है, क्योंकि वह हमेशा के लिए कभी नहीं होता l जिन्होंने दूसरों की सेवा की है उनका स्मरण कितना अच्छा है!