प्राचीन काल में, टूटी दीवारों वाला शहर खतरा और शर्म के साथ-साथ पराजित लोगों का चिन्ह होता था l इसी कारण यहूदियों ने यरूशलेम की दीवारों का पुनः निर्माण किया l कैसे? पास-पास रहकर कार्य करते हुए, जो नहेम्याह 3 में खूबसूरती से व्यक्त है l

पहली झलक में, अध्याय 3 पुनः निर्माण में किसने क्या किया का उबाऊ वर्णन महसूस हो सकता है l हालांकि, निकट अवलोकन स्पष्ट करता है कि लोग किस तरह एक दुसरे के निकट  रहकर कार्य किए l याजक लोग शासकों के निकट रहकर कार्य कर रहे थे l इत्र बनानेवालों के साथ-साथ सुनारों ने भी कार्य किया l निकट के शहरों के लोग भी सहायता करने आ गए l दूसरों ने अपने घरों के सामने मरम्मत की l जैसे, शल्लूम की बेटियों ने पुरुषों के साथ कार्य में सहयोग दिया (3:12), और तकोइयों की तरह, कुछ लोगों ने दो भागों की मरम्मत की (पद.5,27) l

इस अध्याय से दो  बातें स्पष्ट हो जाती हैं l पहली, एक सामूहिक कार्य के लिए सभी ने  साथ-साथ काम किया l दूसरी बात, दूसरों की तुलना में किसने कितना अधिक अथवा कम किया की जगह उस काम को पूर्ण करने के लिए सभी की सराहना की गयी है l

आज हम बिगड़े परिवार और टूटा समाज देखते हैं l किन्तु यीशु लोगों के जीवन को बदल कर  परमेश्वर के राज्य को बनाने आया था l हम लोगों को, यीशु में आशा और नया जीवन देकर अपने पड़ोस का पुनः निर्माण कर सकते हैं l हम सभी को कुछ करना ही है l इसलिए काम छोटा या बड़ा हो, हम साथ-साथ रहकर अपना उत्तरदायित्व पूरा करते रहें जिससे हम प्रेमी समाज की रचना कर पाएंगे जहाँ लोग यीशु से मिल सकेंगे l