“सम्पादकीय कार्य से मुक्त होने के बाद, मैंने परमेश्वर से एक नये कार्य के लिए प्रार्थना की l और नेटवर्किंग और आवेदन करने के मेरे प्रयास के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने की स्थिति में मैं खिजने लगी l “क्या आपको पता नहीं कि मेरे लिए नौकरी महत्वपूर्ण है?” यह महसूस करते हुए कि मेरी प्रार्थना सुनी नहीं गयी है, मैंने परमेश्वर से अपनी दोनों बाहें विरोध में मोड़ कर पूछा l

जब मैंने अपने पिता से, जिन्होंने मेरी नौकरी के विषय परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर विश्वास करने के विषय मुझे अक्सर याद दिलाया था, बातें की, तो उनका उत्तर था, “मेरी इच्छा है कि तुम परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर विश्वास करने की स्थिति में पहुँच जाओ l”

मेरे पिता की सलाह मुझे नीतिवचन 3 याद दिलाती है, जिसमें एक प्रिय बच्चे को एक अभिभावक की सलाह सम्मिलित है l यह परिचित परिच्छेद विशेषकर मेरी स्थिति के अनुकूल था : “तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन् सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना l उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिए सीधा मार्ग निकलेगा” (नीतिवचन 3:5-6) l “सीधा मार्ग निकालेगा” का अर्थ है कि वह हमारी उन्नत्ति के लिए अपने लक्ष्य की ओर हमारा मार्गदर्शन करेगा l उसका अंतिम लक्ष्य है कि मैं और भी उसके समान बन जाऊं l

इसका अर्थ यह नहीं है कि उसके द्वारा चुना गया मार्ग सरल होगा l किन्तु मैं उस पर भरोसा कर सकती हूँ कि उसका मार्गदर्शन और समय अंततः मेरी भलाई के लिए ही होगा l

क्या आप उत्तर के लिए परमेश्वर के समक्ष ठहरे हुए हैं? उसके निकट रहने का चुनाव करें और भरोसा करें कि वह आपका मार्गदर्शन करेगा l