पिछली रात मैं देर तक बाहर था, जिस तरह मैं शनिवार की रात को रहता था l मैं 20 वर्ष का था, और अत्यधिक गति से परमेश्वर से दूर भाग रहा था l किन्तु अचानक, विचित्र रूप से, मैं उस चर्च में जाने को विवश हुआ जिसमें मेरे पिता पासवान थे l मैंने अपनी बदरंग जींस, पुरानी शर्ट, और खुले फीतों वाली घुटने तक की जूतियाँ पहनकर अपनी गाड़ी से चर्च गया l
मुझे अपने पिता का धर्मोपदेश याद नहीं जो उन्होंने उस दिन दिया था, किन्तु यह मुझे याद है कि वह मुझे देखकर कितना खुश हुए थे l अपनी बाहें मेरे कन्धों पर रखते हुए, उन्होंने मेरा परिचय सभी लोगों से कराया था l उन्होंने गर्व से कहा था, “यह मेरा बेटा है l” उनका आनंद परमेश्वर के प्रेम की छवि बन गयी जो पिछले कई दशकों से मेरे साथ है l
एक प्रेमी पिता के रूप में परमेश्वर की छवि पूरी बाइबल में दिखाई देती है l यशायाह 44 में, नबी पारिवारिक प्रेम के विषय परमेश्वर का सन्देश घोषित करने के लिए श्रृंखलाबद्ध चेतावनियाँ देता है l “हे मेरे चुने हुए यशूरून,” उसने कहा l “मैं तेरे वंश पर अपनी आत्मा और तेरी संतान पर अपनी आशीष उंडेलूँगा” (पद.2-3) l यशायाह ने ध्यान दिया कि किस तरह उन वंशजों का प्रतिउत्तर पारिवारिक गर्व दर्शाएगा l कुछ लोग गर्व से कहेंगे, ‘मैं यहोवा का हूँ,’” उसने लिखा l “कुछ अपने हाथों पर प्रभु का नाम लिखेंगे” (पद.5) l
उसी तरह जैसे मेरे पिता ने मुझे स्वीकार किया, हठधर्मी इस्राएल परमेश्वर के ही थे l मेरा कोई भी व्यवहार मुझे उसके प्रेम से अलग नहीं कर सकता था l उसने मुझे हमारे स्वर्गिक पिता का हमसे प्रेम करने की झलक दी l
परमेश्वर का प्रेम हमें उसका होने का और हमारी पहचान का अहसास देता हैजो हमारी इच्छा है l