कॉलेज में, एक सुबह जब मैं उठा तो अपने रूममेट, कैरोल को घबराया हुआ पाया l उसकी अंगूठी खो गयी थी l हमने सभी जगह खोजा l अगली सुबह हम कूड़ादान में खोज रहे थे l

मैंने कूड़े का एक बैग खोला l “तुम तो इसे खोजने में कितने लवलीन हो!”

“मैं दो सौ डॉलर की अंगूठी खोना नहीं चाहती हूँ!” उसने कहा l

कैरोल की दृढ़ता मुझे स्वर्ग के विषय यीशु का दृष्टान्त याद दिलाता है, जो “खेत में छिपे हुए धन के समान है l जब किसी मनुष्य ने पाया और छिपा दिया, और मारे आनंद के जाकर अपना सब कुछ बेच दिया और उस खेत को मोल ले लिया” (मत्ती 13:44) l कुछ वस्तुओं को खोजने में मेहनत करना फायदेमंद है l

सम्पूर्ण बाइबल में, परमेश्वर प्रतिज्ञा देता है कि उसको खोजनेवाले उसे पाते हैं l व्यवस्थाविवरण में, परमेश्वर इस्राएलियों से कहता है कि वे उसे पाएंगे जब वे अपने पापों से पश्चाताप करके अपने सम्पूर्ण हृदय से उसे खोजेंगे (4:28-29) l 2 इतिहास में, राजा आसा ने इसी प्रकार की प्रतिज्ञा से प्रोत्साहन प्राप्त किया (15:2) l और यिर्मयाह में, परमेश्वर ने यह कहकर कि वह उन्हें दासत्व से वापस लाएगा, निर्वासितों को उसी तरह की प्रतिज्ञा दी (29:13-14) l

यदि हम उसके वचन, और आराधना में, और अपने दैनिक जीवन में परमेश्वर को खोजते हैं, हम उसको पा लेंगे l समय के साथ, हम उसे गहराई से जानने पाएंगे l यह उस क्षण से भी बेहतर होगा जब कैरोल ने कूड़ेदान के अन्दर से अपनी अंगूठी खोज ली l