पोस्ट ऑफिस जाते हुए मैं जल्दी में था। मेरी लिस्ट में लिखे कई काम करने बाकि थे, परन्तु घुसते ही वहां दरवाजे तक लंबी लाइन देखकर मैं हताश हो गया। घड़ी देखकर मैं बड़बड़ाया  “जितनी जल्दी हो रही थी थी उतनी देर लगेगी”।

मेरा हाथ अभी दरवाजे पर ही था कि एक बुजुर्ग अजनबी पीछे एक मशीन की ओर इशारा करते हुए बोला, “इस कापियर में मेरे पैसे तो जा चुके हैं पर मेरी फोटो कॉपी निकली नहीं है।” मैं तुरंत समझ गया कि परमेश्वर क्या चाहते थे। लाइन से निकल कर दस मिनट में मैंने मशीन ठीक कर दी।

मुझे धन्यवाद देकर वह चला गया। जब मैं वापस आया तो पाया कि लाइन अब खत्म हो चुकी थी। मैं सीधे काउंटर पर चला गया।

उस दिन का मेरा अनुभव मुझे यीशु के शब्दों की याद दिलाता है: “दिया करो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा: लोग पूरा नाप दबा दबाकर और हिला हिलाकर और उभरता…” (लूका 6:38)।

मेरी प्रतीक्षा की घड़ियाँ खत्म हो गईं क्योंकि किसी अन्य की जरूरत की ओर मेरा ध्यान खींच कर उसे अपना समय देने के लिए मेरी मदद करके परमेश्वर ने मेरी जल्दी में बाधा डाल दी। उन्होंने मुझे एक उपहार दिया। एक ऐसा सबक जिसे मैं जब घड़ी देखूं याद करने की अपेक्षा करता हूँ।