जनवरी, 2020 | हमारी प्रतिदिन की रोटी Hindi Our Daily Bread - Part 7

Month: जनवरी 2020

सिद्धता से स्थापित

वैज्ञानिक जानते हैं कि हमारा गृह सूर्य से उसके ताप का लाभ प्राप्त करने के लिए बिलकुल ठीक दूरी पर स्थित है l थोड़ा निकट और सारा पानी वाष्पित हो जाता, जैसा कि शुक्र गृह पर है l केवल थोड़ी दूर और सब कुछ जम जाता जैसा कि मंगल ग्रह पर है l सही मात्रा में गुरुत्वाकर्षण उत्पन्न करने के लिए पृथ्वी का आकार बिलकुल सही है l कम हमारे चाँद की तरह सब कुछ को भारहीन के साथ निष्प्राण बना देता, जबकि अधिक गुरुत्वाकर्षण जहरीली गैसों को आकर्षित करता जो बृहस्पति पर जीवन का दम घोंटती है l 

जटिल भौतिक, रासायनिक और जैविक अन्तःक्रियाएं जिससे हमारा संसार बना है पर एक प्रबुद्ध अभिकल्पक (sophisticated Designer) की छाप है l हमें इस जटिल शिल्प कौशल की एक झलक मिलती है जब परमेश्वर अय्यूब से हमारी समझ से परे चीजों के विषय बातें करता है l परमेश्वर पूछता है, “जब मैं ने पृथ्वी की नींव डाली, तब तू कहाँ था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे l उसकी नाप किसने ठहराई, क्या तू जानता है! उस पर किसने सूत खींचा? उसकी नींव कौन सी वस्तु पर रखी गयी, या किसने उसके कोने का पत्थर बिठाया?” (अय्यूब 38:4-6) l 

सृष्टि की विशालता की यह झलक हमें आश्चर्यचकित कर देती है जब पृथ्वी के शक्तिशाली महासागर उसके समक्ष दंडवत करते हैं जिसने “जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किसने द्वार बंदकर के उसको रोक दिया; . . . [जिसने कहा] ‘यहाँ तक आ, और आगे न बढ़,’” (पद.8-11) l आश्चर्य में हम भोर के तारों के साथ गाएँ और स्वर्गदूतों के साथ जयजयकार करें (पद.7), क्योंकि संसार हमारे लिए बनाया गया था कि हम परमेश्वर को जान जाएँ और उस पर भरोसा करें l 

परमेश्वर ने इंतज़ार किया

जब डेनेसी लेवर्टोव केवल बारह वर्ष की थी, तो एक प्रसिद्ध कवि बनने से बहुत पहले उसने, महान कवि टी. एल. इलियट को कविता का एक पैकज भेजने करने की साहस की l फिर उसने उत्तर की प्रतीक्षा की l आश्चर्यजनक रूप से, इलियट ने हस्तलिखित प्रोत्साहन के दो पृष्ठ भेजे l अपने संग्रह द स्ट्रीम एंड द सफायर(The Stream and the Sapphire) के प्रस्तावना में, उन्होंने बताया कि किस तरह कवितायेँ अज्ञेयवाद(agnosticism) से मसीही विशवास की ओर [उसकी] गति ढूँढ लेती हैं l फिर यह पहचानना प्रभावशाली है, कि बाद की कविताओं में से एक (“अननसिएशन Annunciation”) परमेश्वर के प्रति मरियम के समर्पण का बयान करती है l मरियम को अभिभूत करने के लिए पवित्र आत्मा के इनकार और मरियम का स्वतंत्र रूप से मसीह बालक प्राप्त करने की उसकी इच्छा को देखते हुए, ये दो शब्द कविता के केंद्र में चमकते हैं : “परमेश्वर इंतज़ार किया l”

मरियम की कहानी में, लेवर्टोव ने स्वयं को पहचान लिया l परमेश्वर इंतज़ार करते हुए उसे प्यार करने के लिए उत्सुक था l वह उसे किसी भी बात के लिए मजबूर नहीं करने वाला था l उसने इंतज़ार की l यशायाह ने इसी वास्तविकता का वर्णन किया, कि कैसे परमेश्वर तैयार था, प्रत्याशा के साथ उत्सुक था, इस्राएल पर कोमल प्रेम बरसाने के लिए l “यहोवा इसलिए विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे” (30:18) l वह अपने लोगों पर दया बरसाने को तैयार था, और फिर भी परमेश्वर ने उनके लिए इंतज़ार किया कि उसकी पेशकश को वे स्वेच्छा से स्वीकार करें (पद.9) l 

यह आश्चर्य की बात है कि हमारा सृष्टिकर्ता, संसार का उद्धारकर्ता, इंतज़ार करने का चुनाव करता है कि हम उसका स्वागत करें l जो परमेश्वर हमारे ऊपर इतनी आसानी से हावी हो सकता है, वह विनम्र धीरज धरता है l पवित्र जन हमारा इंतज़ार करता है l 

आपके लिए भला

दुनिया भर में लोगों ने 2016 में चॉकलेट पर अनुमानित 9800 करोड़ रूपये खर्च किए l यह संख्या चौंकानेवाली है फिर भी एक ही समय में यह सब आश्चर्यजनक नहीं है l चॉकलेट, आखिरकार, स्वादिष्ट होता है और हम सब इसे चाव से खाते हैं l तो संसार सामूहिक रूप से आनंदित हुआ जब खाने की इस मीठी वस्तु में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ भी पाए गए l चॉकलेट में फ्लेवोनॉयड्स (flavonoids-वनस्पति रसायन) पाए जाते हैं जो उम्रवृद्धि और हृदय रोग के विरुद्ध शरीर को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं l कभी भी स्वास्थ्य के लिए कोई नुश्खा इतनी अच्छी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है या उसको अम्ल में नहीं लाया गया है (संतुलन में, निश्चय ही!) l 

सुलैमान ने हमारे निवेश के योग्य एक और “मिष्ठान” का सुझाव दिया है : उसने अपने पुत्र को मधु खाने की सलाह दी “क्योंकि वह अच्छा है” (नीतिवचन 24:13) और उसकी तुलना ज्ञान से की l वह व्यक्ति जो पवित्रशास्त्र में परमेश्वर के ज्ञान का भोजन करता है, वह न केवल आत्मा के लिए मीठा नहीं है परन्तु शिक्षण और प्रशिक्षण के लिए लाभदायक होता है, जो हमें “हर एक भले कार्य के लिए तत्पर” बनाता है, जिसे हमें जीवन में पूरा करने की ज़रूरत है (2 तीमुथियुस 3:16-17) l 

बुद्धि वह है जो हमें बुद्धिमान चुनाव करने में और हमारे आसपास के संसार को समझने की अनुमति देती है l और यह उन लोगों में निवेश करने और उनके साथ साझा करने के लायक है जिन्हें हम प्यार करते हैं – जैसा कि सुलैमान ने अपने पुत्र के लिए करना चाहा l हम बाइबल में परमेश्वर के ज्ञान का भोज करने पर अच्छा महसूस कर सकते हैं l यह एक मीठा दावत है जिसका हम असीमित आनंद ले सकते हैं – वास्तव में, हमें इसके लिए प्रोत्साहित किया गया है! परमेश्वर, आपके वचन की मिठास के लिए धन्यवाद!

प्रार्थना करने के लिए प्रेरित

“कई साल पहले मैं आपके लिए अक्सर प्रार्थना करने के लिए प्रेरित हुयी, और मुझे आश्चर्य है कि क्यों l”

पुराने मित्र का वह नोट एक फोटो के रूप में आया जो उसने अपने बाइबल में रखा था : “जेम्स के लिए प्रार्थना करो l मन, विचारों, शब्दों को ढांक लो l” मेरे नाम के आगे उसने तीन अलग-अलग वर्षों को रिकॉर्ड किया है l 

मैंने वर्षों को देखकर अपनी साँसें रोक लीं l मैंने वापस लिखकर पूछा कि उसने किस माह में प्रार्थना करना आरम्भ की थी l “जुलाई में किसी समय l”

वही महिना था जब मैं विदेश में विस्तारित अध्ययन करने के लिए घर छोड़ने की तैयारी कर रहा था l मैं एक अपरिचित संस्कृति और भाषा का सामना करने वाला था और मेरे विश्वास को ऐसी चुनौती मिलने वाली थी जैसी पहले कभी नहीं मिली थी l जब मैंने उस नोट को देखा, मुझे एहसास हुआ कि मुझे उदार प्रार्थना का अनमोल उपहार मिला है l 

मेरे मित्र की दयालुता ने मुझे प्रार्थना करने के लिए एक और “उकसावे” की याद दिला दी l अपने युवा मिशनरी मित्र तीमुथियुस के लिए पौलुस का निर्देश : “अब मैं सब से पहले यह आग्रह करता हूँ कि विनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद सब मनुष्यों के लिए किए जाएँ” (1 तीमुथियुस 2:1) l वाक्याँश “सबसे पहले” सर्वोच्च प्रार्थमिकता को दर्शाता है l पौलुस समझाता है कि हमारी प्रार्थनाएं मायने रखती हैं, क्योंकि परमेश्वर “चाहता है कि सब मनुष्यों का उद्धार हो, और वे” यीशु के विषय “सत्य को भली भांति पहचान लें” (पद.4) l 

परमेश्वर दूसरों को प्रोत्साहित करने और उन्हें अपने पास खींचने के लिए अनगिनत तरीकों से विश्वासयोग्य प्रार्थना के द्वारा आगे बढ़ता है l हम किसी की परिस्थितियों को नहीं जानते होंगे जब वे हमारे मन में आती हैं, लेकिन परमेश्वर जानता है l और जब हम प्रार्थना करेंगे वह उस व्यक्ति की सहायता करेगा!