कई पश्चिमी देशों में दिसम्बर और जनवरी के सर्दियों के महीने कई हफ़्तों के लिए ठन्डे और नीरस होते हैं : बर्फ के टुकड़ों के बीच से निकलते मटमैले घास, धुंधला आसमान, और कंकाल वृक्ष l यद्यपि, एक दिन कुछ असामान्य रात भर में हुआ l तुषार ने बर्फ के क्रिस्टलों से सभी वस्तुओं पर एक आवरण बना दिया था l बेजान और निराशाजनक परिदृश्य एक सुन्दर दृश्य बन गया था जो सूरज के प्रकाश में चमक रहा था और जिसने मुझे चकाचौंध कर दिया l 

कभी-कभी हम समस्याओं को उस कल्पना के बिना देखते हैं जिससे विश्वास विश्वास होता है l हम उम्मीद करते हैं कि दर्द, डर और निराशा हमें हर सुबह सलाम करेगा, लेकिन कुछ अलग होने की संभावना को नज़रंदाज़ करते हैं l हम परमेश्वर की शक्ति के द्वारा स्वास्थ्यलाभ, वृद्धि या जीत की उम्मीद नहीं करते हैं l फिर भी बाइबल कहती है कि परमेश्वर वह है को मुश्किल समय में हमारी मदद करता है l वह टूटे हुए दिलों को आरोग्य करता है और बंधन से लोगों को मुक्त करता है l वह विलाप करनेवालों के सिर पर “राख दूर करके सुन्दर पगड़ी [बांधता है] . . . हर्ष का तेल [लगाता है] और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना [ओढ़ाता है]” (यशायाह 61:3) l 

ऐसा नहीं है कि परमेश्वर केवल तब ही हमें खुश करना चाहता है जब हमारे पास समस्याएँ हैं l यह है कि वह स्वयं ही परीक्षा के दौरान हमारी आशा है l भले ही हमें असली राहत पाने के लिए स्वर्ग की प्रतीक्षा करने पड़े, परमेश्वर हमारे साथ उपस्थित है, हमें उत्साहित कर रहा है और अक्सर हमें खुद की झलक दे रहा है l हमारे जीवन की यात्रा में, हम संत औगुस्टीन के शब्दों को समझ सकते हैं : “मेरे सबसे गहरे घाव में मैंने आपकी महिमा देखी, और उसने मुझे चकाचौंध कर दिया l”