जो नक़्शे के मध्य में स्थित है, आप आम तौर पर उसके द्वारा यह बता सकेंगे कि उसको  कहाँ खींचा गया था l हम सोचते हैं कि हमारा घर दुनिया का केंद्र है, इसलिए हम बीच में एक बिंदु डालते हैं और वहाँ से बाहर की ओर बढ़ते हैं l आसपास के शहर उत्तर से पचास मील की दूरी पर हो सकते हैं या दक्षिण में आधे दिन की ड्राइव पर, लेकिन इन सब का वर्णन हम कहाँ हैं के अनुसार किया जाता है l भजन पुराने नियम में परमेश्वर के सांसारिक घर से अपना “नक्शा” बनाते हैं, इसलिए बाइबल के भूगोल का केंद्र यरूशलेम है l 

भजन 48 यरूशलेम की प्रशंसा करने वाले कई भजनों में से एक है l यह “हमारे परमेश्वर” का “नगर” है . . . “ऊँचाई में सुन्दर और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण है” (पद.1-2) l क्योंकि “उसके महलों में परमेश्वर ऊंचा गढ़ . . . है,” वह “उसको सदा दृढ़ और स्थिर रखेगा” (पद.3,8) l परमेश्वर की ख्याति यरूशलेम के मंदिर में शुरू होती है और उसकी “स्तुति पृथ्वी की छोर तक होती है” (पद.9-10) l 

जब तक आप इसे यरूशलेम में नहीं पढ़ रहे हैं, आपका घर बाइबल के संसार के केंद्र में नहीं है l फिर भी आपका क्षेत्र बेहद मायने रखता है, क्योंकि जब तक उसकी स्तुति “पृथ्वी के छोर” (पद.10) तक नहीं पहुँच जाती, तब तक परमेश्वर आराम नहीं करेगा l क्या आप परमेश्वर के अपने लक्ष्य तक पहुँचने के तरीके का हिस्सा बनना चाहेंगे? प्रत्येक सप्ताह परमेश्वर के लोगों के साथ आराधना करें, और प्रत्येक दिन उसकी महिमा के लिए खुले तौर पर जीएँ l परमेश्वर का नाम “पृथ्वी की छोर तक” होता है जब हम जो हैं और जो हमारे पास है उसको समर्पित करते हैं l