वाक् चिकित्सक (speech therapist) बनने की जेन की योजना तब समाप्त हुयी जब प्रशिक्षण(internship) से पता चला कि नौकरी उनके लिए भावनात्मक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण थी l फिर उसे एक पत्रिका के लिए लिखने का अवसर दिया गया l उसने खुद को एक लेखक के रूप में कभी नहीं देखा था, लेकिन सालों बाद उसने अपने लेखन के माध्यम से ज़रुरात्मन्द परिवारों की वकालत करते हुए पाया l वह कहती है, “पीछे मुड़कर देखकर, मैं देख सकती हूँ कि परमेश्वर ने मेरी योजना क्यों बदली l मेरे लिए उसके पास और भी बड़ी योजना थी l”

बाइबल में बाधित योजनाओं की कई कहानियाँ हैं l अपनी दूसरी मिशनरी यात्रा पर, पौलुस ने सुसमाचार को बितूनिया में लाना चाहा, लेकिन यीशु की आत्मा ने उसे रोक दिया (प्रेरितों 16:6-7) l यह रहस्यपूर्ण प्रतीत हुआ होगा : यीशु उन योजनाओं को क्यों बाधित कर रह था जो परमेश्वर प्रदत्त एक मिशन के अनुरूप थीं? एक रात एक सपने में जवाब आया : मैसिडोनिया को उसकी और अधिक ज़रूरत थी l वहाँ, पौलुस यूरोप में पहला चर्च स्थापित करनेवाला था l सुलैमान ने यह भी देखा, “मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएँ होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है” (नीतिवचन 19:21) l 

योजनाएँ बनाना समझदारी है l एक प्रसिद्ध कहावत है, “योजना बनाने में विफल, और आप विफल होने की योजना बनाते हैं l” परन्तु परमेश्वर अपनी योजना के द्वारा हमारी योजनाएं विफल कर सकता है l हमारी चुनौती सुनना और मानना है, यह जानकार कि हम परमेश्वर पर भरोसा कर सकते हैं l यदि हम उसकी इच्छा के प्रति समर्पण करते हैं, तो हम स्वयं को अपने जीवन के लिए उसके उद्देश्य में ढाले हुए पाएंगे l 

जब हम योजनाएं बनाना जारी रखते हैं, हम एक नया मोड़ जोड़ सकते हैं : सुनने की योजना बनाएँ l परमेश्वर की योजना सुनें l