Month: अप्रैल 2020

हमारा पिता गाता है

पीटर गाकर लोगों को उत्साहित करना पसंद करता है l एक दिन हम उसके पसंदीदा रेस्टोरेंट में दोपहर का भोजन कर रहे थे, और उसने देखा कि महिला वेटर का वह दिन कठिन था l उसने उससे कुछ सवाल पूछे और फिर चुपचाप उसे खुश करने के लिए एक आकर्षक, उत्साहित गीत गाने लगा l “ठीक है, मेहरबान सर, आपने मेरा दिन ठीक कर दिया l हमारे खाने का ऑर्डर लेते हुए, वह एक बड़ी मुस्कुराहट के साथ बोली l 

जब हम सपन्याह की किताब खोलते हैं, तो पाते हैं कि परमेश्वर को गाना पसंद है l नबी ने सिद्धता से अपने शब्दों के साथ एक तस्वीर बनायी, जिसमें उसने परमेश्वर को एक संगीतकार के रूप में वर्णित किया, जो अपने बच्चों के लिए और उनके साथ गाना पसंद करता है l उसने लिखा कि परमेश्वर “तेरे कारण आनंद से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुपका रहेगा; फिर ऊँचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा” (3:17) l परमेश्वर ने उन लोगों के साथ हमेशा उपस्थित रहने का वादा किया जो उनकी दया से रूपांतरित हो गए हैं l लेकिन यह वहां रुकता नहीं है! वह आमंत्रित करता है और अपने लोगों के साथ “सम्पूर्ण मन से आनंद [करता है] और प्रसन्न [होता है]” (पद.14) l 

हम केवल उस दिन की कल्पना कर सकते हैं जब हम परमेश्वर के साथ और उन सभी के साथ होंगे जिन्होंने अपने उद्धारकर्ता के रूप में यीशु में विश्वास किया है l

चुनौती की ओर दौड़

डेविड ने उन युवकों का पीछा किया जो उसके निर्बल मित्र की बाइक चुरा रहे थे l उसके पास कोई योजना नहीं थी l वह केवल जानता था कि उसे वह बाइक वापस लाना ही है l वह चकित हुआ, तीनों चोर उसकी ओर देखे, बाइक छोड़ दिए, और वापस चले गए l डेविड को राहत राहत मिली और वह खुद से प्रभावित हुआ जब उसने बाइक उठाया और वापस मुड़ा l उसी समय उसने अपने मजबूत मित्र, संतोष को देखा, जो उसके निकट पीछे चल रहा था l 

एलिशा घबरा गया जब उसने अपने शहर को एक दुश्मन सेना से घिरा हुआ देखा l वह एलिशा के पास भागा, “अरे नहीं, स्वामी! हमें क्या करना चाहिए?” एलिशा ने उसे शांत रहने को कहा l “जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं l” तब परमेश्वर ने उसके सेवक की आँखें खोल दीं और उसने “एलिशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ” देखा (पद. 15-17) l 

यदि आप यीशु के पीछे चलने का यत्न करेंगे, तो आप अपने आप को कुछ खतरनाक स्थिति में पाएंगे l आप अपनी प्रतिष्ठा को जोखिम में डाल सकते हैं, और शायद अपनी सुरक्षा को भी, क्योंकि आपने सही करने का दृढ़ निश्चय किया है l आप यह सोचकर नींद खो सकते हैं कि इसका परिणाम क्या होगा l याद रखें, आप अकेले नहीं हैं l आपके सामने चुनौती से अधिक मजबूत या होशियार होने की ज़रूरत नहीं है l यीशु आपके साथ है, और उसकी शक्ति सभी विरोधियों से अधिक है l अपने आप से पौलुस के सवाल पूछें, “यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? (रोमियों 8:31) l वाकई, कौन? कोई नहीं l परमेश्वर के साथ अपनी चुनौती की ओर दौड़ें l 

दिव्यता से पंक्तिबद्ध

मैं बहुत परेशान था और रात में जाग कर आगे-पीछे चलते हुए प्रार्थना करने लगा lसच में कहूँ, तो मेरा रवैया परमेश्वर के प्रति प्रार्थनापूर्ण समर्पण का नहीं था, बल्कि सवाल और गुस्से का था lकोई आराम नहीं मिलने पर, मैं बैठ गया और एक बड़ी खिड़की के बाहर रात के आकाश को घूरने लगा lमेरा ध्यान अप्रत्याशित रूप से तारों पर केन्द्रित हो गया – वे तीन तारे जो पूरी तरह से व्यवस्थित हैं और जो अक्सर स्पष्ट रातों में दिखाई देते हैं l मैं खगोल विज्ञान सेबस इतना समझ सकता था कि वे तीन तारे एक दूसरे से सैंकड़ों प्रकाश वर्ष(light years)दूर हैं l

मुझे अहसास हुआ कि मैं उन तारों के जितना करीब जाऊँगा, वे उतना ही कम पंक्तिबद्ध दिखाई देंगे l फिर भी मेरे दूर के दृष्टिकोण से, वे आकाश में सावधानी से पंक्तिबद्ध दिखायी देते थेl उस पल, मुझे अहसास हुआ कि मैं यह देखने के लिए अपने जीवन के बहुत करीब था कि परमेश्वर क्या देखता है l उसकी बड़ी तस्वीर में, सब कुछ सही पंक्ति में है l

प्रेरित पौलुस, जब परमेश्वर के अंतिम उद्देश्यों का सारांश पूरा करता है, उसके अन्दर से प्रशंसा का एक भजन फूटता है (रोमियों 11:33-36) l उसके शब्द हमारे परम परमेश्वर के की ओर हमारी निगाहें उठाते हैं, जिनके तरीके समझने या खोजने की हमारी सीमितक्षमतासे परे हैं (पद.33) l फिर भी जो आकाश में और पृथ्वी पर सभी चीजों को एक साथ थामता है, वह हमारे जीवन के प्रत्येक विवरण के साथ बहुत निकट से और प्रेमपूर्वक शामिल है (मत्ती 5:25-34; कुलुस्सियों 1:16) l

जब चीजें भ्रामक लगें, परमेश्वर की दिव्य योजनाएं हमारी भलाई और परमेश्वर के आदर और महिमा के लिए खुलती है l

सबसे दुखित बत्तख

पार्किंग के स्थान पर फुटबॉल क्यों? मैं अचंभित हुआ l लेकिन जैसे-जैसे मैं करीब आता गया, मुझे अहसास हुआ कि राख के रंग का दिखाई देने वाला गोला फुटबॉल नहीं था : वह एक बत्तख था – सबसे दुखित बत्तख जो मैंने कभी देखा हो l

बतखें अक्सर ठन्डे महीनों में मेरे कार्यस्थल के निकट मैदान में एकत्र होते हैं l लेकिन आज केवल एक था, उसकी गर्दन पीछे की ओर मुड़ी हुयी और उसका सिर पंखों के अन्दर छिपा हुआ था lतुम्हारे मित्र कहाँ हैं? मैंने सोचा l बेचारा बिलकुल अकेला था l वह बहुत उदास दिखाई दे रहा था, मैं उसे गले लगाना चाहता था l

मैंने पंख वाले अपने अकेले मित्र की तरह शायद ही कभी बत्तख देखा हो lबतखों को विशेष रूप से एक साथ,V का आकार बनाते हुए हवा को चीरते हुए उड़ते देखा जाता है l उन्हें एक साथ रहने के लिए बनाया गया है l

मनुष्य होने के नाते, हमें भी समुदाय में रहने के लिए ही रचा गया है (देखें उत्पत्ति 2:18) l और सभोपदेशक 4:10 में, सुलैमान वर्णन करता है कि जब हम अकेले होते हैं तब कितना असुरक्षित होते हैं : “हाय उस पर जो अकेला होकर गिरे और उसका कोई उठानेवाला न हो l” वह आगे कहता है, संख्या में ताकत है, क्योंकि “यदि कोई अकेले पर प्रबल हो तो हो, परन्तु दो उसका सामना कर सकेंगे l जो डोरी तीन तागे से बटी हो वह जल्दी नहीं टूटेगी” (4:12) l

यह हमारे लिए आध्यात्मिक रूप से उतना ही सत्य है जितना कि शारीरिक रूप से l परमेश्वर हमें कभी भी अकेले “उड़ने” की इच्छा नहीं रखा, कमजोर रूप से अलग-थलग l हमें प्रोत्साहन, ताजगी और वृद्धि के लिए एक-दूसरे के साथ संबंधों की ज़रूरत है (देखें 1 कुरिन्थियों 12:21) l

एक साथ, हम दृढ़ खड़े रह सकते हैं जब तेज़ हवा का विपरीत झोंका हमारे सामने हो lएक साथ l