पार्किंग के स्थान पर फुटबॉल क्यों? मैं अचंभित हुआ l लेकिन जैसे-जैसे मैं करीब आता गया, मुझे अहसास हुआ कि राख के रंग का दिखाई देने वाला गोला फुटबॉल नहीं था : वह एक बत्तख था – सबसे दुखित बत्तख जो मैंने कभी देखा हो l

बतखें अक्सर ठन्डे महीनों में मेरे कार्यस्थल के निकट मैदान में एकत्र होते हैं l लेकिन आज केवल एक था, उसकी गर्दन पीछे की ओर मुड़ी हुयी और उसका सिर पंखों के अन्दर छिपा हुआ था lतुम्हारे मित्र कहाँ हैं? मैंने सोचा l बेचारा बिलकुल अकेला था l वह बहुत उदास दिखाई दे रहा था, मैं उसे गले लगाना चाहता था l

मैंने पंख वाले अपने अकेले मित्र की तरह शायद ही कभी बत्तख देखा हो lबतखों को विशेष रूप से एक साथ,V का आकार बनाते हुए हवा को चीरते हुए उड़ते देखा जाता है l उन्हें एक साथ रहने के लिए बनाया गया है l

मनुष्य होने के नाते, हमें भी समुदाय में रहने के लिए ही रचा गया है (देखें उत्पत्ति 2:18) l और सभोपदेशक 4:10 में, सुलैमान वर्णन करता है कि जब हम अकेले होते हैं तब कितना असुरक्षित होते हैं : “हाय उस पर जो अकेला होकर गिरे और उसका कोई उठानेवाला न हो l” वह आगे कहता है, संख्या में ताकत है, क्योंकि “यदि कोई अकेले पर प्रबल हो तो हो, परन्तु दो उसका सामना कर सकेंगे l जो डोरी तीन तागे से बटी हो वह जल्दी नहीं टूटेगी” (4:12) l

यह हमारे लिए आध्यात्मिक रूप से उतना ही सत्य है जितना कि शारीरिक रूप से l परमेश्वर हमें कभी भी अकेले “उड़ने” की इच्छा नहीं रखा, कमजोर रूप से अलग-थलग l हमें प्रोत्साहन, ताजगी और वृद्धि के लिए एक-दूसरे के साथ संबंधों की ज़रूरत है (देखें 1 कुरिन्थियों 12:21) l

एक साथ, हम दृढ़ खड़े रह सकते हैं जब तेज़ हवा का विपरीत झोंका हमारे सामने हो lएक साथ l