ऊपर देखें!
जब फिल्म निर्माता वाईली ओवरस्ट्रीट ने अजनबियों को चंद्रमा की एक जीवित तस्वीर दिखाई, जैसा कि उनके शक्तिशाली दूरबीन के द्वारा देखा गया था, वे फुसफुसाहट और खौफ के साथ प्रतिक्रिया करते हुए, बहुत कम दूरी के दृश्य पर दंग रह गए थे l इस तरह के शानदार नज़ारे को देखने के लिए, उन्होंने समझाया, “यह हमें आश्चर्य से भर देता है कि कुछ हम लोग से बहुत बड़ा भी है l”
भजनकार दाऊद ने भी परमेश्वर के स्वर्गिक प्रकाश पर अचम्भा किया l “जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तारागन को जो तू ने नियुक्त किये हैं, देखता हूँ; तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? (भजन 8:3-4) l
दाऊद का विनम्र प्रश्न हमारे खौफ को परिप्रेक्ष्य में ला देता है, जब हम सीखते है कि परमेश्वर के अपने नए स्वर्ग और पृथ्वी को बनाने के बाद, हमें चाँद या सूरज की आवश्यकता नहीं होगी l इसके बजाय, प्रेरित यूहन्ना ने कहा, कि परमेश्वर की झिलमिलाती महिमा समस्त आवश्यक प्रकाश प्रदान करेगी l “उस नगर में सूर्य और चाँद के उजियाले की आवश्यकता नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज़ से उस में उजियाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है . . . और रात वहां न होगी” (प्रकाशितवाक्य 21:23-25) l
यह कितना अद्भुत विचार है! फिर भी हम अभी उसकी स्वर्गिक ज्योति का अनुभव कर सकते हैं – केवल मसीह को ढूँढने के द्वारा, जो जगत की ज्योति है l ओवरस्ट्रीट के दृष्टिकोण में, “हमें अक्सर ऊपर देखना चाहिये l” जब हम ऐसा करते हैं, काश हम परमेश्वर को देखें l
अलगाव में एकता
अपने सहयोगी तरुण के साथ एक परियोजना में लगाएं गए, अशोक को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा : उसके और तरुण के बहुत अलग विचार थे कि कैसे कार्य आरंभ करें l जबकि वे एक दूसरे के मत का सम्मान करते थे, उनके दृष्टिकोण इतने अलग थे कि संघर्ष आसन्न लग रहा था l इससे पहले कि संघर्ष शुरू हुआ, हालाँकि, दोनों लोग अपने मालिक के साथ अपने मतभेदों पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए, जिन्होंने उन्हें अलग-अलग टीमों में डाल दिया l यह एक समझदारी भरा कदम था l उस दिन, अशोक ने यह सबक सीखा : एकजुट होना का मतलब हमेशा एक साथ काम करना नहीं है l
अब्राहम को इस सच्चाई का एहसास हुआ होगा जब उसने सुझाव दिया था कि वह और लूत बेतेल में अपने अलग मार्ग को चुन लें (उत्पत्ति 13:5-9) l यह देखते हुए कि उनके दोनों झुंडों के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी, अब्राहम ने समझदारी से साहचर्य छोड़ दी l लेकिन पहले, उसने बल देकर कहा कि वे “बाई-बंधू” (पद.8) हैं, लूत को आपसी सम्बन्ध याद दिलाया l फिर, अत्यधिक विनम्रता के साथ, उन्होंने अपने भतिजे को पहली पसंद (पद.9) दी, भले ही वह अब्राहम, वरिष्ठ व्यक्ति था l यह वैसे था, जैसा कि एक पास्टर ने वर्णन किया है, “एक सामंजस्यपूर्ण अलगाव l”
परमेश्वर द्वारा अद्वितीय रूप से बनाए जाने के कारण, हम पाते हैं कि हम एक ही लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कभी-कभी अलग रहकर बेहतर काम करते हैं l विविधता में एक एकता है l हालाँकि, हम कभी नहीं भूलते, कि हम अभी भी परमेश्वर के परिवार में भाई-बहन हैं l हम चीजों को अलग तरीके से कर सकते हैं, लेकिन हम उद्देश्य में एकजुट रहते हैं l
रंगों का प्रदर्शन
दशकों तक, लन्दन दुनिया के सबसे महानगरीय शहरों में से एक रहा है l 1933 में, एक पत्रकार ने इंग्लैंड की महान राजधानी के बारे में लिखा था, “मुझे अभी भी लगता है कि लोगों का भीड़ और रंग और भाषा लन्दन की सबसे अच्छी बात है l” यह “भीड़” आज भी मिश्रित महक, आवाज़ और एक वैश्विक समुदाय के दर्शनीय स्थलों में दिखाई देते हैं l विविधता की सुन्दरता दुनिया के महानतम शहरों में से एक लुभावनी अपील का हिस्सा है l
जैसा कि किसी भी शहर में जहाँ मनुष्य बसे हुए है, हालाँकि, लन्दन अपनी समस्याओं के बिना नहीं है l बदलाव चुनौतियाँ लाता है l संस्कृतियाँ कभी-कभी टकराती हैं l और यह एक कारण है कि मानव हाथों द्वारा निर्मित कोई भी शहर हमारे शास्वत घर के आश्चर्य की तुलना नहीं कर सकता है l
जब प्रेरित यूहन्ना परमेश्वर की उपस्थिति में पहुँचाया गया, स्वर्गिक आराधना का एक अंश विविधता थी, जैसे कि छुटकारा पाए हुए लोग गा रहे थे, “तू इस पुस्तक को लेने, और इसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से हर एक कुल और भाषा और लोग और जाति में से परमेश्वर के लिए लोगों को मोल लिया है, और उन्हें हमारे परमेश्वर के लिए एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं” (प्रकाशितवाक्य 5:9-10) l
स्वर्ग की कल्पना करें : जीवित परमेश्वर की संतान होने के आश्चर्य का – मिलकर - उत्सव मनाता हुआ संसार के प्रत्येक समूह की एक भीड़! यीशु में विश्वासी होकर, हम आज भी उस विविधता का उत्सव मनाएं l
गलत फायदा नहीं उठाना
कई कैदी अपने जेल के समय को कम करने के लिए सड़क के किनारे का कचरा इकठ्ठा कर रहे थे जब उनके पर्यवेक्षक/जेलर, जेम्स अचानक गिर गए l वे उनकी सहायता के लिए दौड़े और महसूस किया कि वह एक चिकित्सीय आपात स्थिति में है l एक कैदी ने मदद के लिए जेम्स का फोन लिया l पुलिस विभाग ने बाद में अपने पर्यवेक्षक को तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करने के लिए कैदियों को धन्यवाद दिया, विशेष रूप से इसलिए कि वे उनकी उपेक्षा कर सकते थे – उनकी बड़ी हानि में क्योंकि उन्हें आघात(stroke) पहुंचा था – या भागने के लिए स्थिति का खुद लाभ उठा सकते थे l
कैदियों की दया के कार्य पौलुस और सीलास के विपरीत नहीं है जब वे जेल में थे l जब उनके कपड़े उतारकर, बेंत लगाकर, उन्हें जेल में डाल दिया गया, एक बड़ा भूकंप आया जिससे उन के सब बंधन खुल गए और जेल की नींव हिल गयी और उसके दरवाजे खुल गए (प्रेरितों 16:23-26) l जब जेलर जागा, वह स्वाभाविक रूप से अनुमान लगाया कि कैदी भाग गए होंगे, इसलिए उसने अपने आप को मार डालने की तयारी की (कल्पना करके कि उनके भागने के लिए उसको क्या सज़ा मिलेगी) l जब पौलुस ने ऊंचे शब्द से पुकारा , “हम सब यहीं है!” (पद.28) जेलर उनके व्यवहार से द्रवित हो गया – कैदियों के विषय जो असामान्य था – कि वह उस परमेश्वर के विषय उत्सुक हो गया जिसके वे उपासक थे, और अंततः वह भी उसमें विश्वास कर लिया (पद.29-34) l
जिस प्रकार हम दूसरों के साथ व्यवहार करते हैं दर्शाता है कि हम क्या विश्वास करते हैं और किसको महत्व देते हैं l जब हम हानि के बदले भलाई करने का निर्णय करते हैं, हमारे व्यवहार उनको उस परमेश्वर के विषय जिसको हम जानते और प्रेम करते हैं सोचने के लिए प्रेरित करेंगे l