नटखट l मीठी l मोटे l ये कुछ ‘उपनाम’ हैं जिन्हें हम अपने बच्चों को देते हैं l इन नामों में से अधिकांश उनके चरित्र, उनकी शारीरिक रूप का वर्णन करने के लिए बनाए गए हैं, या वे प्रीतिकर होने के लिए होते हैं l

उपनाम केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं हैं – हम उन्हें बाइबिल में भी इस्तेमाल होते हुए पाते हैं l उदाहरण के लिए, यीशु ने प्रेरित याकूब और यूहन्ना को “गर्जन के पुत्र” कहा (मरकुस 3:17) l किसी के द्वारा खुद को उपनाम देना पवित्रशास्त्र में दुर्लभ है, फिर भी ऐसा तब होता है जब नाओमी नाम की एक महिला लोगों से उसे “मारा” पुकारने को कहती है, जिसका अर्थ है “कड़वाहट” (रूत 1:20), क्योंकि उसके पति और दो बेटों की मृत्यु हो गई थी l उसने महसूस किया कि ईश्वर ने उसके जीवन को कड़वा बना दिया है (पद. 21) l

खुद को दिया गया नया नाम नाओमी उसके साथ न रह सका,  हालांकि, वे विनाशकारी नुकसान उसकी कहानी का अंत नहीं थे l उसके दुःख के बीच में, परमेश्वर ने उसे रूत के रूप में, एक युवा बहु से आशीषित किया था,  जिसने अंततः पुनर्विवाह किया और एक पुत्र को जन्म दिया, जिससे नाओमी को फिर से एक परिवार मिला l

यद्यपि उन कठिनाइयों के आधार पर जिन्हें हमने अनुभव किये हैं या जो गलतियाँ हमने की हैं, हम  कभी-कभी अपने आप को “असफल” या “अप्रिय” जैसे कड़वे उपनाम देने के लिए लुभाए जा सकते हैं,  वे नाम हमारी कहानियों का अंत नहीं है l हम उन उपनामों के स्थान पर हमें परमेश्वर द्वारा दिया गया नाम, “प्रिया” दे सकते हैं (रोमियों 9:25), और उन तरीकों की तलाश कर सकते हैं , जिसके द्वारा वह हमारे लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी प्रबंध करता है l