धोखा न खाएँ
टिड्डी एक बहुत ही सुन्दर कीट है, जिसके बाहरी पंख चित्तीदार होते हैं और उन पर पीले रंग का फैलावट होता है जो उड़ते समय चमकते हैं l लेकिन इसकी सुन्दरता थोड़ी भ्रामक है l इस कीट को फसलों के लिए आक्रामक माना जाता है, अर्थात् यह पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है l टिड्डी व्यावहारिक रूप से हरे रंग के हर हिस्से को खा जाएंगे, जिसमें गेहूं, मक्का और अन्य पौधे शामिल हैं, वे इन पौधों के रसों को चूस कर उनको बेकार कर देते हैं l
आदम और हव्वा की कहानी में, हम एक अलग तरह के खतरे के विषय सीखते हैं l सर्प, शैतान, ने दम्पति को परमेश्वर की अवज्ञा करने और निषिद्ध फल खाने में धोखा दिया, कि वे “परमेश्वर के तुल्य हो [जाएंगे]“ (उत्पत्ति 3:1-7) l लेकिन एक सर्प की बात क्यों सुनें? क्या उसके शब्दों ने केवल हव्वा को लुभाया था, या उसके बारे में कुछ आकर्षक भी था? शैतान के विषय पवित्र शास्त्र संकेत देता है कि उसे सुन्दर बनाया गया था (यहेजकेल 28:12) l फिर भी शैतान उसी प्रलोभन से गिर गया जो उसने हव्वा को लुभाने के लिए किया था : “मैं परमप्रधान के तुल्य हो जाऊँगा“(यशायाह 14:14; यहेजकेल 28:9) l
कोई भी सुन्दरता जो आज शैतान के पास है धोखा देने के लिए उपयोग किया जाता है (उत्पत्ति 3:1; यूहन्ना 8:44; 2 कुरिन्थियों 11:14) l जैसे वह गिरा, वह दूसरों को नीचे खींचना चाहता है – या उन्हें बढ़ने से रोकता है l लेकिन हमारे पास हमारी तरफ कोई अधिक शक्तिशाली हैं! हम अपने सुन्दर उद्धारकर्ता यीशु के पास दौड़ सकते हैं l
सब दे दें जो आपके पास है
अनुमाप परिवर्तन(Scaling) l यह फिटनेस/स्वस्थता की दुनिया में उपयोग किया जाने वाला एक शब्द है जो किसी को भी भाग लेने की अनुमति देता है l यदि विशिष्ट व्यायाम एक पुश-अप है, उदाहरण के लिए, तो शायद आप एक बार में दस कर सकते हैं, लेकिन मैं केवल चार कर सकता हूँ l मेरे लिए प्रशिक्षक का प्रोत्साहन उस समय मेरी फिटनेस के स्केल के अनुसार पुश-अप्स वापस करना होगा l हम सभी एक ही स्तर पर नहीं हैं, लेकिन हम सभी एक ही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं l दूसरे शब्दों में, वह कहेगी, “अपनी पूरी ताकत के साथ अपने चार पुश-अप्स करें l किसी और से अपनी तुलना न करें l अब गति को स्केल करें, जो आप कर सकते हैं उसे करते रहें, और आप चकित हो जाएंगे कि उतने ही समय में आप सात कर रहे हैं, और यहाँ तक कि एक दिन में, दस तक कर सकते हैं l”
जब देने की बात आती है, तो प्रेरित पौलुस स्पष्ट था : “परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है” (2 कुरिन्थियों 9:7) l लेकिन कुरिन्थुस के विश्वासियों के लिए और हमारे लिए उसका प्रोत्साहन स्केलिंग का बदलाव है l “हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे”(पद.7) l हम में से प्रत्येक अपने आप को देने के विभिन्न स्तरों पर देखते हैं, और कभी-कभी वे स्तर समय के साथ बदलते हैं l करुणा फायदेमंद नहीं है, लेकिन रवैया/व्यवहार है l आप जहाँ हैं, उसके आधार पर उदारता से दें (पद.6) l हमारे परमेश्वर ने वादा किया है कि इस तरह के हर्ष से देंनेवाले का अनुशासित अभ्यास हर तरह से एक समृद्ध जीवन के साथ समृद्धि लाता है जिसके परिणामस्वरूप “परमेश्वर का धन्यवाद” (पद.11) होता है l
काम पर करुणा
मेरी दोस्त अनीता एक लेखा फर्म के लिए कुल वेतन भुगतान(payroll) की गणना करती है l यह एक सीधी नौकरी की तरह लग सकता है, लेकिन ऐसे समय होते हैं जब नियोक्ता अनुरोध के बाद देर से अपनी जानकारी जमा करते हैं l अनीता अक्सर इसकी पूर्ति के लिए लम्बे समय तक काम करती हैं ताकि कर्मचारी समय से अपना पैसा प्राप्त कर सकें l वह उन परिवारों के कारण विचार करती है जो किराने का सामान खरीदने, दवा खरीदने और आवास के लिए भुगतान करने के लिए उन आय श्रोतों(fund) पर निर्भर हैं l
अनीता का अपनी नौकरी के प्रति दयालु रवैया मुझे यीशु की ओर इशारा करता है l संसार में, उसने कभी-कभी लोगों की सेवा की जब वह उसके लिए असुविधाजनक था l उदाहरण के लिए, यूहन्ना बप्तिस्मा दाता के मारे जाने के बारे में सुनने के बाद मसीह कुछ समय अकेले रहना चाहता था, इसलिए वह एक अलग जगह की तलाश में एक नाव पर सवार हो गए (मत्ती 14:13) l शायद वह अपने रिश्तेदार के लिए शोक मनाना चाहता था और दुःख में होकर प्रार्थना करना चाहता था l
सिर्फ एक ही समस्या थी l उसके पीछे लोगों की भीड़ लगी l इस समूह की विभिन्न भौतिक ज़रूरतें थीं l लोगों को भेजना बहुत आसान होता, लेकिन “उसने निकलकर एक बड़ी भीड़ देखी और उन पर तरस खाया, और उनके बीमारों को चंगा किया” (पद.14) l
हालाँकि यह लोगों को सिखाने और उनकी बीमारियों को ठीक करने के लिए यीशु की बुलाहट का हिस्सा था, उसकी सहानुभूति ने उसके काम करने के तरीके को प्रभावित किया जिसमें उसने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा किया l परमेश्वर हमें अपने जीवन में उसकी करुणा को पहचानने में मदद करें और हमें उसे दूसरों तक पहुंचाने की शक्ति दें l
गुडबाई और हेलो
जब मेरे भाई की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी, जीवन के प्रति मेरा परिपेक्ष नाटकीय रूप से बदल गया l डेव सात बच्चों में चौथा था, लेकिन हममें से सबसे पहले गुज़र गया – और उसके गुजरने का अनापेक्षित स्वभाव ने मुझे बहुत अधिक विचार करने को मजबूर किया l यह स्पष्ट हो गया कि जैसे जैसे हमलोगों की आयु बढ़ने लगी हमारे परिवार का भविष्य लाभ से अधिक हानि से चिन्हित होने जा रहा था l यह हेलो के बराबर गुडबाई से चरितार्थ होने जा रहा था l
इनमें से कोई भी बौद्धिक रूप से चकित करनेवाला नहीं था – जीवन ऐसे ही कार्य करता है l लेकिन यह एहसास मस्तिष्क पर एक भावनात्मक वज्रपात की तरह था l इसने हर पल को एक तरोताजा, नया महत्व दिया जो जीवन हमें देता है और हर एक अवसर जो समय अनुमति देता है l और इसने एक ऐसे भविष्य के पुनर्मिलन की वास्तविकता को एक बड़ा नया मूल्य दिया, जहां कभी भी किसी गुडबाई की ज़रूरत नहीं होगी l
प्रकाशितवाक्य 21:3-4 में जो हमें मिलता है, उसके केंद्र में यह परम वास्तविकता है : “परमेश्वर आप उनके साथ रहेगा और उनका परमेश्वर होगा l वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा; और इसके बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहली बातें जाती रहीं l”
हालाँकि आज हम खुद को लम्बे समय तक अलविदा कहने का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान में हमारा विश्वास अनंत काल तक हेलो का वादा करता है l
मित्रवत मीनपक्ष(Friendly Fin)
एक समुद्रीय जीवविज्ञानी तैर रही थी, जब 50,000 पौंड की व्हेल अचानक दिखाई दी और उसे अपने मीनपक्ष(fin) में छिपा लिया l महिला को लगा कि उसकी ज़िन्दगी ख़त्म हो गयी है l लेकिन हलकों(circle) में धीरे-धीरे तैरने के बाद, व्हेल ने उसे जाने दिया l यह तब जब जीवविज्ञानी ने एक शार्क को वह क्षेत्र छोड़ते देखा l महिला का मानना है कि व्हेल उसकी रक्षा कर रही थी – उसे खतरे से बचाकर l
खतरे के संसार में, हमें दूसरों की देखभाल करने के लिए बुलाया जाता है l लेकिन आप अपने आप से पूछ सकते हैं, क्या मुझे वास्तव में किसी और के लिए जिम्मेदार होने की उम्मीद करनी चाहिये? या कैन के शब्दों में : “क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूँ?” (उत्पत्ति 4:9) l पुराने नियम का बाकी हिस्सा गरजनेवाली प्रतिक्रिया के साथ गूंज उठता है : हाँ! जैसे आदम को बगीचे की देखभाल करनी थी, वैसे ही कैन को हाबिल की देखभाल करनी थी l इस्राएल को कमज़ोर लोगों और ज़रुरतमंदों की देखभाल करनी थी l फिर भी उन्होंने विपरीत काम किया – लोगों का शोषण किया, गरीबों पर अत्याचार किया, और अपने पड़ोसियों से अपने समान प्रेम करने के आह्वान को त्याग दिया (यशायाह 3:14-15) l
फिर भी, कैन और हाबिल की कहानी में, परमेश्वर कैन को दूर भेज दिये जाने के बाद भी उस पर नज़र रखना जारी रखा (उत्पत्ति 4:15-16) l परमेश्वर ने कैन के लिए जो किया वह कैन को हाबिल के लिए करना चाहिये था l यह यीशु में परमेश्वर का एक सुन्दर पूर्वाभास है जो वह हमारे लिए करने वाला था l यीशु हमें अपने देखभाल में रखता है, और वह हमें जाकर दूसरों के लिए उसी तरह करने में समर्थ बनाता है l