यदि केवल हम कर सकते
उसके बगीचे का बड़ा पेड़ तूफान की तेज हवाओं में झूल रहा था l रेजी उस पेड़ से प्यार करती थी जिसने न केवल गर्मियों में सूरज से आश्रय प्रदान किया था, बल्कि उसके परिवार को छाया भी दिया था । अब भयंकर तूफान ज़मीन से जड़ों को उखाड़ रहा था । जल्दी से, रेजी, अपने पंद्रह वर्षीय बेटे को खींचते हुए, पेड़ को बचाने की कोशिश करने के लिए दौड़ी । उसने अपने हाथों और नब्बे पाउंड के शरीर से मजबूती से अपने बेटे के साथ ताकत लगाकर इसे गिरने से बचाने की कोशिश की । लेकिन वे पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं थे l
जब राजा दाऊद ने दूसरे प्रकार के तूफान में परमेश्वर को पुकारा तो परमेश्वर उसकी शक्ति था (भजन 28:8) । कुछ टिप्पणीकारों का कहना है कि उसने यह उस दौरान लिखा था जब उसकी दुनिया बिखर रही थी । उसका अपना बेटा उसके खिलाफ विद्रोह किया और सिंहासन को अपने कब्जे में करने की कोशिश की (2 शमूएल 15) । उसने इतना असुरक्षित और कमजोर महसूस किया कि वह भयभीत हो गया कि परमेश्वर निशब्द हो जाएगा, और उसकी मृत्यु हो जाएगी (भजन 28: 1) । “जब मैं तेरी दोहाई दूँ . . . तब मेरी गिड़गिड़ाहट . . . सुन ले,” उसने परमेश्वर से कहा (पद.2) l परमेश्वर ने दाऊद को आगे बढ़ने की ताकत दी, बावजूद इसके कि उसके बेटे के साथ उसका रिश्ता कभी नहीं सुधरा ।
बुरी चीजों को होने से रोकने के लिए हम कितनी आशा रखते हैं! लेकिन हमारी कमजोरी में, परमेश्वर वादा करता है कि हम हमेशा उसे अपनी चट्टान होने के लिए पुकार सकते हैं (पद.1–2) । जब हमारे पास ताकत नहीं होगी, तो वह हमारा चरवाहा है और हमें हमेशा के लिए थामेगा (पद.8-9) l
उधार के जूते
एक विद्यार्थी के रूप में एक हाई स्कूल के छात्र ने अपने पड़ोस में लगी आग के दौरान अपने घर से भागने के कोलाहल में, राज्य-क्वालिफाइंग क्रॉस-कंट्री रेस(एक प्रकार की लम्बी दौड़) में भाग न ले सका, जिसके लिए वह प्रशिक्षण ले रहा था । इस प्रतियोगिता को छोड़ने का मतलब था कि उसे राज्य प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका नहीं मिलने वाला था - उसके चार साल के प्रशिक्षण की अंतिम घटना । परिस्थितियों के मद्देनजर, राज्य एथलेटिक्स बोर्ड ने इस छात्र को एक और मौका दिया : उसे एक कठिन ट्रैक/दौड़ने के मार्ग पर, "स्ट्रीट शूज़/सामान्य जूतों" में खुद से क्वालिफाइंग समय में चलना होगा, क्योंकि उसके दौड़ने वाले जूते उसके घर के चारपाई के नीचे जले हुए मलबे में थे । जब वह "दौड़" के लिए आया, तो वह अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा आश्चर्यचकित हुआ, जो उसे उचित जूते देने के लिए आए थे और उसके साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसने राज्य प्रतियोगिता में प्रवेश करने के लिए आवश्यक शर्तें बनायी रखी थी ।
प्रतियोगी उसकी मदद करने के लिए बाध्य नहीं थे l वे अपनी स्वाभाविक इच्छाओं को पूरी कर सकते थे (गलतियों 5:13); ऐसा करने से शायद जीतने के अपने सुअवसर में सुधार ला सकते थे l लेकिन पौलुस ने हमें अपने जीवनों में आत्मा के फल प्रगट करने का आग्रह करता है – “प्रेम में एक दूसरे के दास बनो” और “कृपा” और “भलाई” प्रदर्शित करो (पद.13, 22) l जब हम अपनी सहज प्रवृत्ति पर कार्य नहीं करने में हमारी मदद करने के लिए आत्मा पर झुक जाते हैं, तो हम अपने आसपास के लोगों से बेहतर तरीके से प्यार करने में सक्षम होते हैं ।
कोई असंभव बाधा नहीं
एक शिक्षक के रूप में, मैंने विद्यार्थियों को एडवेंचर पार्क(adventure park) ले जाने के लिए एक अध्ययन यात्रा की व्यवस्था की l हमने छात्रों को सुरक्षा साज को अपनाते हुए आठ फीट की दीवार चढ़ने का निर्देश दिया । पहले चढ़ने वालों ने हर एक आरोही को साज-सज्जा पर भरोसा रखते हुए बिना नीचे देखे आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया l हमारे विद्यार्थियों में से एक ने बाधा को घूरते हुए देखा कि हम उसकी कमर के चारों ओर बेल्ट और बकल लगा रहे थे l “मैं किसी भी प्रकार से यह नहीं कर सकती हूँ,” वह बोली l उसके साज-सज्जा की ताकत की पुष्टि करते हुए, हमने उसे प्रोत्साहित किया और जब वह दीवार पर चढ़ गयी और ऊँचे मंच पर कदम रखी तो उसकी प्रशंसा की l
जब हम उन समस्याओं का सामना करते हैं जिसे जीतना असंभव लगता है, तो भय और असुरक्षा संदेह पैदा कर सकती है । परमेश्वर की अपरिवर्तनीय शक्ति, भलाई, और विश्वासयोग्यता का आश्वासन, भरोसा का एक मजबूत साज-सज्जा(harness) बनाता है । इस भरोसेमंद आश्वासन ने पुराने नियम के संतों के साहस को बढ़ाया, जिन्होंने यह प्रदर्शित किया कि विश्वास परमेश्वर की योजना के हर एक विवरण को जानने की हमारी आवश्यकता से बढ़ कर होता है (इब्रानियों 11:1-13, 39) । दृढ़ विश्वास के साथ, हम परमेश्वर को ईमानदारी से चाहते हैं, और अक्सर जब हम उस पर भरोसा करते हैं तो अकेले खड़े होते हैं । हम अपनी परिस्थितियों को एक शाश्वत दृष्टिकोण के साथ देखते हुए अपनी चुनौतियों के तरीके को समायोजित कर सकते हैं - यह जानते हुए कि हमारी आजमाइशें केवल अस्थायी हैं (पद.13-16) ।
जीवन में कठिन रास्तों और खड़ी चढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना हमें यह विश्वास करने से रोक सकता है कि परमेश्वर हमें पार ले जाएगा l लेकिन यह जानकार कि वह हमारे साथ है, हम विश्वास से अपनी अनिश्चितताओं को दूर कर सकते हैं क्योंकि हम परमेश्वर पर भरोसा करते हैं जो हमें एक बार असंभव लगने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करता है l
आग में
स्पेन में एक जंगल की आग ने, लगभग 50,000 एकड़ वनप्रदेश को झुलसा दिया । हालांकि, तबाही के बीच, लगभग 1,000 उज्ज्वल हरे सरू के पेड़ों(cypress trees) का एक समूह खड़ा रहा । पानी को धारण करने की पेड़ों की क्षमता ने उन्हें सुरक्षित रूप से आग को सहन करने दी थी ।
बाबुल/बेबीलोन में राजा नबूकदनेस्सर के शासनकाल के दौरान, दोस्तों का एक छोटा समूह राजा के क्रोध की ज्वाला से बच गया । शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने नबूकदनेस्सर द्वारा बनाई गई एक मूर्ति की पूजा करने से इनकार कर दिया, और उससे कहा, “हमारा परमेश्वर, जिसकी हम उपासना करते हैं वह हम को उस धधकते हुए भट्ठे की आग से बचाने की शक्ति रखता है” (दानिय्येल 3:17) । क्रोध से भरकर, राजा ने भट्ठे को सातगुणा अधिक धधका दिया (पद.19) l
राजा के आदेशों को मानने वाले और मित्रों को आग में झोंकने वाले सैनिक सब जल गए, फिर भी दर्शकों ने शद्रक, मेशक और एबेदनगो को आग की लपटों के बीच “खुले हुए [टहलते] देखा l” कोई और भी भट्ठे में था - एक चौथा आदमी जो "ईश्वर पुत्र के सदृश” था (पद.25) l अनेक विद्वानों का यह मानना है कि वह यीशु का देहधारण से पूर्व का एक प्रगटन था ।
जब हम भय और आजमाईशों का सामना करते हैं तो यीशु हमारे साथ है । जिन क्षणों में हम दबाव में आकर हार मानने लगते हैं, हमें डरने की ज़रूरत नहीं है । हम हमेशा यह नहीं जान सकते कि परमेश्वर हमारी सहायता कैसे या कब करेगा, लेकिन हम जानते हैं कि वह हमारे साथ है । वह हमें हर उस "आग" के द्वारा जिसमें होकर हम जाते हैं हमें अपने प्रति वफादार रहने की शक्ति देता है ।