उद्देश्य के साथ आराम
रमेश दूसरों को यीशु के बारे में बताना पसंद करता है । वह साहसपूर्वक सहकर्मियों के साथ बात करता है, और हर महीने एक सप्ताह के अंत में अपने गांव में घर-घर जाकर प्रचार करता है । उनका उत्साह लगनेवाला है - खासकर जब से उसने आराम और विश्राम करने के लिए समय निकालने का मूल्य सीखा है ।
रमेश हर सप्ताहांत और अधिकांश शाम सुसमाचार के प्रचार में बिताता था । जब वह बाहर रहता था, तो उसकी पत्नी और बच्चों ने उसे याद करते थे,, और जब वह आसपास था, तो उन्होंने उसे थका हुआ पाया । उसे हर मिनट और बातचीत को महत्वपूर्ण बनाना था l वह खेल या छोटी सी बात का आनंद नहीं ले सकता था । रमेश कस कर जकड़ा हुआ था l
वह अपनी पत्नी के ईमानदार शब्दों, दोस्तों की सलाह और कुछ हद तक पवित्रशास्त्र के अस्पष्ट परिच्छेदों द्वारा अपने असंतुलन के प्रति जागृत हो गया था । नीतिवचन 30 साधारण बातों का उल्लेख करता है, जैसे चींटियाँ, बिज्जू और टिड्डियाँ । यह आचार्यचकित करता है कि "छिपकली हाथ से पकड़ी तो जाती है, तौभी राजभवनों में रहती है”(पद.28) ।
रमेश सोच रहा था कि कुछ साधारण चीजों ने बाइबल में जगह कैसे पाया l छिपकलियों को रुककर ध्यान से देखना पड़ता है l किसी ने महल के चारों ओर एक छिपकली को देखा और सोचा कि यह दिलचस्प है, और कुछ और देखने के लिए रुक गया । शायद परमेश्वर ने इसे अपने वचन में शामिल किया ताकि हमें आराम के साथ काम को संतुलित करने के लिए याद दिलाया जा सके । हमें छिपकलियों के बारे में कल्पना करने के लिए घंटों चाहिये, अपने बच्चों के साथ एक पकड़ें, और बस परिवार और दोस्तों के साथ आराम करें । परमेश्वर हमें ज्ञान दे कि हमें कब काम करना, सेवा करना और आराम करना है!
वन कटाई रोकनेवाला
कुछ लोग उसे “ट्री व्हिस्परर(tree whisperer)” बुलाते हैं । टोनी रिनाओडो, वास्तव में, वर्ल्ड विजन ऑस्ट्रेलिया के पेड़ बचानेवाले हैं । वह एक मिशनरी और कृषिविज्ञानी है, जो अफ्रीका के साहेल, सहारा के दक्षिण में वनों की कटाई का विरोध करके यीशु को साझा करने के तीस साल के प्रयास में लगा हुए हैं ।
एहसास करते हुए कि "झाड़ियाँ" वास्तव में शिथिल/निष्क्रिय पेड़ थे, रिनाओडो ने छंटाई, देखभाल और उन्हें सींचना शुरू कर दिया । उनके काम ने सैकड़ों किसानों को प्रेरित किया कि वे अपने आस-पास के जंगलों को बहाल करके, मिट्टी के कटाव को उलट कर अपने खराब खेतों को बचाएं । उदाहरण के लिए, नाइजर में किसानों ने अपनी फसलों और उनकी आय को दोगुना कर दिया है, जो प्रति वर्ष अतिरिक्त 2.5 मिलियन लोगों के लिए भोजन प्रदान करता है ।
यूहन्ना 15 में, कृषि के रचियता, यीशु, ने इसी तरह की कृषि कार्यनीति का उल्लेख किया जब उसने कहा, “सच्ची दाखलता मैं हूँ, और मेरा पिता किसान है l जो डाली मुझ में है और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है; और जो फलती है, उसे वह छाँटता है ताकि और फले ”(पद.1-2) ।
ईश्वर के दैनिक देखभाल के बिना, हमारी आत्माएं बंजर और शुष्क हो जाती हैं । हालाँकि, जब हम उसकी व्यवस्था में खुशी मनाते हैं, दिन-रात उसका ध्यान करते हैं, तो हम “उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है” (भजन 1:3) l हमारे पत्ते “कभी नहीं मुरझाते” और “जो कुछ [हम करते हैं] मुरझाता नहीं” )पद.3) l उसमें छाँटे गए और उसमें लगाए गए, हम सदाबहार हैं - पुनर्जीवित और हरा-भरा ।
परमेश्वर सब कुछ सुनता है
इतिहास में सबसे लंबे समय तक दर्ज किए गए डाक विलंब में से एक नवासी साल तक का था l 2008 में यूके में एक घर के मालिक को एक पार्टी का निमंत्रण मिला जो मूल रूप से 1919 में उसके पते के एक पूर्व निवासी को भेजा गया था । उस निमंत्रण पत्र को रॉयल मेल के माध्यम से उसके लेटरबॉक्स में रखा गया था, लेकिन इसके लंबे विलंब के पीछे का कारण एक रहस्य बना हुआ है ।
यहां तक कि संचार के सर्वोत्तम मानवीय प्रयास भी कभी-कभी हमें निराश करते हैं, लेकिन पवित्रशास्त्र यह स्पष्ट करता है कि परमेश्वर अपने विश्वासी लोगों को सुनने में कभी विफल नहीं होता है । 1 राजा 18 में, एलिय्याह ने मूर्तिपूजक बाल देवता और यहोवा परमेश्वर के बीच असाधारण विरोधाभास का प्रदर्शन किया । बाल के नबियों द्वारा घंटों प्रार्थना करने के बाद, सच्चा परमेश्वर कौन था, यह प्रदर्शित करने के लिए, एलिय्याह ने उनका ठट्ठा किया : “ऊंचे शब्द से पुकारो, वह तो देवता है; वह तो ध्यान लगाए होगा, या कहीं गया होगा, या यात्रा में होगा या हो सकता है कि सोता हो और उसे जगाना चाहिये” (पद.27) l तब एलिय्याह ने यहोवा से उत्तर के लिए प्रार्थना की ताकि उसके लोग विश्वास में लौट आएँ, और परमेश्वर की सामर्थ्य स्पष्टता से प्रदर्शित हुई ।
यद्धपी हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर हमेशा एलिय्याह के समान नहीं मिल सकती है, हम आश्वस्त हो सकते हैं कि परमेश्वर उन्हें सुनता है (भजन 34:17) । बाइबल हमें याद दिलाती है कि वह हमारी प्रार्थनाओं को इस कदर संजोता है कि वह उन्हें “सुनहरे कटोरों” में अनमोल धूप की तरह रखता है (प्रकाशितवाक्य 5:8) । परमेश्वर हर प्रार्थना का जवाब अपनी पूर्ण बुद्धि और तरीके से देगा । स्वर्ग में कोई खोए हुए पत्र नहीं हैं ।
केवल एक भोजन
ऐश्टन और ऑस्टिन सैमुएलसन ने एक मसीही कॉलेज से यीशु की सेवा करने की तीव्र इच्छा के साथ स्नातक किया । हालांकि, दोनों में से कोई भी चर्च में पारंपरिक सेवा के लिए बुलाहट महसूस नहीं की l लेकिन संसार में सेवा के बारे में क्या? बिलकुल । उन्होंने अपने ईश्वर प्रदत्त उद्यमशीलता कौशल के साथ बचपन की भूख को समाप्त करने के लिए अपने बोझ को एक किया और 2014 में एक रेस्तरां शुरू किया । लेकिन यह सिर्फ कोई भी रेस्तरां नहीं है । सैमुअलसन एक खरीदें-एक दान करें दर्शन से काम करते हैं । खरीदे गए हर भोजन के लिए, वे कुपोषित बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए भोजन प्रदान करने के लिए दान करते हैं । अब तक, उन्होंने साठ से अधिक देशों में योगदान दिया है । उनका लक्ष्य बचपन की भूख को खत्म करना है - एक समय में एक भोजन ।
मत्ती 10 में यीशु के शब्द अप्रगट नहीं हैं । वे आश्चर्यजनक रूप से स्पष्ट हैं : भक्ति कर्मों से स्पष्ट होती है, शब्दों से नहीं (पद.37–42) । उन कार्यों में से एक "छोटों" को देना है । सैमुअलसन के लिए, वह ध्यान बच्चों को देना है । लेकिन ध्यान दें, "छोटे लोग" एक कालानुक्रमिक उम्र तक सीमित वाक्यांश नहीं है । मसीह हमें इस संसार की दृष्टि में “कम महत्त्व” के किसी भी व्यक्ति को देने के लिए बुला रहा है : गरीब, बीमार, कैदी, शरणार्थी, किसी भी तरह से वंचित । और दें क्या? ठीक है, यीशु कहते हैं, "केवल एक कटोरा ठंडा पानी" (पद.42) । यदि एक कप ठंडे पानी के रूप में छोटा और सरल कुछ होता है, तो भोजन भी निश्चित रूप से पंक्ति में सही बैठता है ।