जब डॉक्टरों ने उनके पहले बच्चे को मनोरोग/उन्नति विकार(autism), से ग्रस्त बताया, उस युवा जोड़े ने दुखित होते हुए एक ज्ञान-सम्बन्धी निशक्त बच्चे के लिए जीवन भर की देखभाल का सामना किया l अपनी पुस्तक अनब्रोकन फ़ेथ(Unbroken Faith) में, अपने प्यारे बेटे के भविष्य के लिए अपने सपनों और उम्मीदों को समायोजित करने के लिए संघर्ष करना स्वीकार करती है l  फिर भी इस पीड़ादायक प्रक्रिया में, उन्होंने सीखा कि ईश्वर उनके क्रोध, शंकाओं और आशंकाओं को संभाल सकता है l अब, उनके बेटे के व्यस्क होने के साथ, डायना अपने अनुभवों का उपयोग विशेष जरूरतों वाले बच्चों के माता-पिता को प्रोत्साहित करने के लिए करती है l वह दूसरों को ईश्वर के अटूट वादों, असीम शक्ति, और प्रेममयी विश्वास के बारे में बताती है l वह लोगों को विश्वास दिलाती है कि जब हम किसी सपना, आशा, जीवन के एक मौसम के विनाश का अनुभव करते हैं, वह हमें दुखित होने की अनुमति देता है l

यशायाह 26 में, भविष्यवक्ता घोषणा करता है कि परमेश्वर के लोग प्रभु पर हमेशा भरोसा कर सकते है, “क्योंकि प्रभु . . . सनातन चट्टान है” (पद.4) l वह हमें हर स्थिति में अलौकिक शांति के साथ थामे रहने में सक्षम है (पद.12) l उसके अपरिवर्तनीय चरित्र पर ध्यान केंद्रित करना और परेशानी के समय उसको पुकारना हमारी आशा में नया प्राण भर देता है (पद.15) l

जब हम कोई हानि, निराशा, या कठिन परिस्थिति का सामना करते हैं, तो परमेश्वर हमें उसके साथ ईमानदार होने के लिए आमंत्रित करता है l वह हमारी निरंतर बदलती भावनाओं और हमारे सवालों को संभाल सकता है l वह हमारे साथ रहता है और स्थायी आशा के साथ हमारी आत्माओं को ताज़ा करता है l जब हम महसूस करते हैं कि हमारा जीवन बिखर रहा है, तब भी परमेश्वर हमारे विश्वास को अटूट बना सकता है l