अमेरिकी सेना के सैनिक डेसमंड डॉस के वीर कर्मों को 2016 की फिल्म हैक्सॉ रिज(Hacksaw Ridge) में चित्रित किया गया है l जबकि डॉस के दृढ़ विश्वास ने उसे मानव जीवन की हत्या करने की अनुमति नहीं दी, उन्होंने सेना के एक चिकित्सक के रूप में खुद के जीवन के जोखिम के बावजूद जीवन को सुरक्षित करने के लिए खुद को समर्पित किया l 12 अक्टूबर, 1945 को डॉस मेडल ऑफ ऑनर समारोह में पढ़े गए उद्धरणों में ये शब्द शामिल थे : “प्राइवेट फर्स्ट क्लास डॉस ने सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया और बहुत से घायल लोगों के साथ गोलाबारी प्रभाव-क्षेत्र में बने रहकर, उन्हें एक-एक करके उठाकर किलाबंदी के ढलान के किनारे लाते गए . . . . l उन्होंने एक तोपची ऑफिसर(artillery officer) की मदद करने के लिए दृढ़तापूर्वक शत्रु की गोलाबारी और छोटे हथियारों की गोलीबारी का सामना किया l
भजन 11 में, दाऊद की यह धारणा कि उसका भरोसा परमेश्वर में था, उसे दुश्मनों का सामना करने से ज्यादा भागने के सुझाओं का विरोध करने पर विवश किया (पद.2-3) l पाँच सरल शब्दों में उसका विश्वास कथन समाविष्ट था : “मेरा भरोसा परमेश्वर पर है” (पद.1) l वह अच्छी तरह जड़वत धारणा उसके आचरण का मार्गदर्शन करनेवाली थी l
पद. 4-7 में दाऊद के शब्दों ने परमेश्वर की महानता को बढ़ाया l हां, जीवन कभी-कभी एक युद्ध भूमि की तरह हो सकता है, और विरोधी गोलाबारी हमें आश्रय के लिए तितर-बितर कर सकती है जब हम पर स्वास्थ्य की चुनौतियाँ या वित्तीय, संबंधपरक और आध्यात्मिक तनाव बमबारी करते हैं l तो हमें क्या करना चाहिए? स्वीकार करें कि परमेश्वर संसार का राजा है (पद.4); परिशुद्धता के साथ न्याय करने की उसकी अद्भुत क्षमता का आनंद लें (पद.5-6); और क्या सही, उचित और न्यायसंगत है की उसकी ख़ुशी में विश्राम करें (पद.7) l हम आश्रय के लिए परमेश्वर की ओर तेजी से दौड़ सकते हैं!