जब मुझे हवाई मार्ग से समय क्षेत्रों(time zones) में यात्रा करनी होती है,  तो मैं थकान(jet lag) से बचने के लिए विभिन्न उपायों की कोशिश करता हूँ l मेरी समझ से मैं सभी उपाए कर चुका हूँ l एक अवसर पर,  मैंने अपनी उड़ान के अन्दर(in-flight) खाने को उस समय क्षेत्र में समायोजित करने का निर्णय लिया, जहां मैं जा रहा था l बाकी यात्रियों के साथ रात का खाना खाने के बजाय,  मैं एक फिल्म देखता रहा और सो गया l चयनात्मक उपवास के घंटे कठिन थे,  और नाश्ता जो विमान के उतरने के ठीक पहले आया, बहुत कुछ छोड़ गया जिनकी इच्छा होती है l लेकिन अपने आस पास के लोगों के साथ “चिड़ाचिड़ा” होना काम कर गया l इसने मेरे शरीर की घड़ी को एक नए समय क्षेत्र में धक्का दे दिया l

पौलुस जानता था कि यदि यीशु में विश्वासियों को वास्तव में अपने जीवन में उसे प्रतिबिंबित करना है, तो उन्हें अपने आस पास की दुनिया के साथ कदम न मिलाकर चलना होगा l वे “पहले अंधकार थे” लेकिन अब उम्हें “ज्योति की संतान के समान” जीने की ज़रूरत है (इफिसियों 5:8) l और वह कैसा दिखाई दे सकता है? पौलुस चित्र को पूरा करने के लिए आगे बढ़ता है : “ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धार्मिकता, और सत्य है” (पद.9) l

मेरी उड़ान पर रात के खाने के समय सो जाना लोगों को मूर्खतापूर्ण लगा होगा, लेकिन जब संसार में आधी रात हैं, विश्वासियों के रूप में,  हम इस प्रकार जीने के लिए बुलाए गए हैं मानो सुबह है l यह तिरस्कार और विरोध को उकसाने वाला हो सकता है,  लेकिन यीशु में हम “प्रेम में [चल सकते हैं],” उस व्यक्ति के उदाहरण का अनुसरण करते हुए जो हमसे “प्रेम [करता है], और हमारे लिए अपने आप को सुखदायक सुगंध के लिए परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया (पद.2) l