मिडिल स्कूल की शिक्षिका केरेन ने, अपने छात्रों को एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझने के लिए सिखाने के लिए एक गतिविधि बनाई l “द बैगेज एक्टिविटी” में छात्रों ने कुछ भावनात्मक बोझ लिखे जो वे उठाए हुए थे l नोट्स को गुमनाम रूप से साझा किया गया,  जिससे छात्रों को एक-दूसरे की कठिनाइयों के बारे में जानकारी मिली,  अक्सर अपने साथियों से अश्रुपूर्ण प्रतिक्रिया के साथ l तब से कक्षा में आपसी सम्मान की गहरी भावना युवा किशोरियों में भर गई है, जो अब एक दूसरे के लिए अधिक सहानुभूति की भावना रखते हैं l 

पूरे बाइबल में,  परमेश्वर ने अपने लोगों को एक-दूसरे के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करने और दूसरों के साथ बातचीत और व्यवहार करने में सहानुभूति दिखाने के लिए लिए कहा है (रोमियों 12:15) l जैसे कि लैव्यव्यवस्था की पुस्तक में जैसे लिखा है वैसी ही इस्राएल के इतिहास के आरम्भ में, परमेश्वर ने इस्राएलियों को सहानुभूति की ओर इंगित किया─विशेष रूप से परदेशियों के साथ उनके व्यवहार में l उसने कहा कि “[उनसे] अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे” (लैव्यव्यवस्था 19:34) l

कभी-कभी हम जो बोझ ढोते हैं,  वह हमें विदेशियों की तरह महसूस कराता है─अकेले और गलत समझे गए─अपने साथियों के बीच भी l हमारे पास हमेशा ऐसा ही अनुभव नहीं होता है जैसा कि इस्राएलियों ने परदेशियों के साथ किया था l फिर भी हम हमेशा उन लोगों के साथ आदर और समझ के साथ व्यवहार कर सकते हैं जिन्हें परमेश्वर हमारे मार्गों में लाता है जो हम, भी,  चाहते हैं l चाहे एक आधुनिक विद्यार्थी, एक इस्राएली, या बीच में कुछ भी,  हम परमेश्वर का आदर करते हैं जब हम ऐसा करते हैं l