मेरा बूढ़ा कुत्ता मेरे पास बैठता है और दूर आसमान को घूरता है l बताओ तुम क्या सोच रहे हो l एक बात मुझे पता है कि वह मरने के बारे में नहीं सोच रहा है क्योंकि कुत्ते “समझते” नहीं हैं l वे भविष्य की चीजों के बारे में नहीं सोचते हैं l लेकिन हम सोचते हैं l कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारी उम्र या स्वास्थ्य या धन क्या है, हम किसी बिंदु पर मृत्यु के बारे में सोचते हैं l यह इसलिए क्योंकि भजन 49:20 के अनुसार, जानवरों के विपरीत, हमारे पास, “समझ” है l हम जानते हैं कि हम मरेंगे, और इसके बारे में हम कुछ नहीं कर सकते l “कोई अपने भाई को किसी भाँति छुड़ा नहीं सकता है; और न परमेश्वर को उसके बदले प्रायश्चित में कुछ दे सकता है” (पद.7) l किसी के पास इतना पैसा नहीं है कि वह खुद को कब्र से बाहर निकाल सके l
लेकिन मृत्यु की अंतिम स्थिति से बाहर निकलने का एक तरीका है : “परमेश्वर मेरे प्राण को अधोलोक के वश से छुड़ा लेगा, क्योंकि वही मुझे ग्रहण कर अपनाएगा” (पद.15) l (शाब्दिक रूप से, “वह मुझे शामिल कर लिया”) l रॉबर्ट फ्रॉस्ट(अमरीकी कवि) ने कहा, “ घर वह स्थान है जहाँ, जब आपको जाना होगा, तो उन्हें आपको अंदर ले लेना होगा l” परमेश्वर ने हमें अपने पुत्र के द्वारा मृत्यु से छुड़ाया है, “जिसने अपने आप को सब के छुटकारे के दाम में दे दिया” (1 तीमुथियुस 2:6) l इस प्रकार यीशु ने वादा किया कि जब हमारा समय आएगा, वह हमारा स्वागत करेगा और हमें शामिल कर लेगा (यूहन्ना 14:3) l
जब मेरा समय आएगा, तो यीशु, जिसने परमेश्वर को मेरे जीवन की कीमत दी, वह खुले बाहों से अपने पिता के घर में मेरा स्वागत करेगा l
आप मरने के विचार से कैसे पेश आते हैं? आप स्वर्ग के अपने आत्मविश्वास को किस पर आधारित करते हैं?
हे परमेश्वर, मैं आभारी हूँ, कि आपने अपने बच्चों के लिए एक जगह का प्रबंध किया है l मैं आपके साथ घर पर रहने का इंतजार कर रहा हूँ l
मृत्यु के बाद जीवन के बारे में अधिक जानने के लिए, ChristianUniversity.org/CA204 पर जाएँ l