इंद्रधनुष प्रभामंडल
पहाड़ों में पैदल यात्रा के दौरान, एड्रियन ने खुद को बादलों के ऊपर पाया जो सामान्य से नीचे स्तर पर थे l अपने पीछे सूरज के साथ, एड्रियन ने नीचे देखा और न केवल अपनी छाया देखी, बल्कि एक चमकदार प्रदर्शन जिसे ब्रोकेन स्पेक्टर(Broken Spectre) के रूप में जाना जाता है l यह घटना एक इंद्रधनुष प्रभामंडल के सदृश होता है, जो व्यक्ति की छाया को घेरे रहता है l यह तब होता है जब सूरज की रोशनी नीचे के बादलों से दूर वापस प्रतिबिंबित होती है l एड्रियन ने इसे एक “जादुई” पल के रूप में वर्णित किया’ जिसने उसे बहुत खुशी दी l
हम अंदाजा लगा सकते हैं कि उसी प्रकार नूह के लिए पहली बार इंद्रधनुष को देखना कितनी चौंकाने वाली बात रही होगी l उसकी आंखों के लिए एक खुशी से अधिक, मुड़ा हुआ प्रकाश और उससे निकले हुए रंग परमेश्वर की ओर से एक प्रतिज्ञा के साथ आए l विनाशकारी बाढ़ के बाद, परमेश्वर ने नूह और सभी ‘जीवित शरीरधारी प्राणियों” को आश्वासन दिया, जो तब से जीवित हैं, कि “ऐसा जल प्रलय फिर न होगा जिससे सब प्राणियों का विनाश हो” (उत्पत्ति 9:15) l
हमारी पृथ्वी अभी भी बाढ़ और अन्य भयावह मौसम का अनुभव करती है जिसके परिणामस्वरूप दु:खद नुकसान होता है, लेकिन इंद्रधनुष एक प्रतिज्ञा है कि परमेश्वर कभी भी संसार का न्याय विश्वव्यापी जल प्रलय से नहीं करेगा l उसकी विश्वासयोग्यता की यह प्रतिज्ञा हमें याद दिला सकती है कि यद्यपि हम व्यक्तिगत रूप से इस धरती पर व्यक्तिगत नुकसान और शारीरिक मृत्यु का अनुभव करेंगे─चाहे बीमारी, प्राकृतिक आपदा, गलत काम, या बढ़ती उम्र के कारण─परमेश्वर हमें उन कठिनाइयों के दौरान अपने प्यार और उपस्थिति से संभालता है l जल में होकर धूप का प्रतिबिंबित होना उन लोगों से पृथ्वी को भरना जो उसकी छवि को धारण किये हुए हैं और दूसरों को उसकी महिमा को प्रतिबिंबित करते हैं की एक ताकीद है l
पुनः फलो-फूलो
पर्याप्त धूप और पानी मिलने के कारण, जंगली फूल कैलिफोर्निया के एंटीलोप घाटी और फिगेरोआ पर्वत के क्षेत्रों को ढंके हुए हैं l लेकिन जब सूखे की मार पड़ती है तो क्या होता है? वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कुछ जंगली फूल अपने ढेर सारे बीज मिट्टी के नीचे संचय कर लेते हैं और उन्हें खिलने की अनुमति देने के बजाय भूमि में नीचे पहुँचा देते हैं l सूखे के बाद, पौधे सुरक्षित बीजों का उपयोग फिर से फलने-फूलने के लिए करते हैं l
प्राचीन इस्राएली कठोर परिस्थितियों के बावजूद मिस्र की भूमि में बढ़ते और फैलते गए l दासों के मालिकों ने उन्हें खेतों में काम करने और ईंटें बनाने के लिए मजबूर किया l क्रूर निरीक्षक उनसे फिरौन के लिए पूरे शहर का निर्माण करने की अपेक्षा करते थे l मिस्र के राजा ने उनकी संख्या कम करने के लिए शिशु हत्या(infanticide) का उपयोग करने की कोशिश की l हालाँकि, कि परमेश्वर ने उन्हें जीवित रखा, “ज्यों-ज्यों वे उनको दुःख देते गए, त्यों-त्यों वे बढ़ते और फैलते चले गए” (निर्गमन 1:12) l कई बाइबल विद्वानों का अनुमान है कि इस्राएल के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की आबादी मिस्र में उनके समय के दौरान बढ़कर बीस लाख (या अधिक) हो गई l
परमेश्वर, जिसने अपने लोगों को तब सुरक्षित रखा था, आज भी हमें संभाले हुए है l वह किसी भी वातावरण में हमारी मदद कर सकता है l हम एक और मौसम के दौरान टिके रहने की चिंता कर सकते हैं l लेकिन बाइबल हमें आश्वास्त करती है कि परमेश्वर, जो “मैदान के घास को, जो आज है और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्त्र पहिनाता है” हमारी आवश्यकता को भी पूरी करेगा (मत्ती 6:30) l
दयालुता की विरासत
मार्था ने एक प्राथमिक स्कूल में एक सहायक शिक्षिका के रूप में 30 साल से ज्यादा सेवा की । हर साल, वह जरुरतमन्द बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदने के लिए पैसे बचाती थी l उसके ल्यूकेमिया(leukemia) से लड़ाई हारने के बाद, हम ने जीवन सेवा का एक उत्सव आयोजित किया । फूलों की जगह, लोगों ने उन छात्रों को जिन से वह प्यार करती और दशकों से जिनकी सेवा करती थी सौ से अधिक एकदम नए कपड़े दान किए । कई लोग उन के बारे में कहानियाँ बतायीं कि कैसे अनगिनत तरीकों से मार्था ने दूसरों को दयालु शब्दों और विचारशील कार्यों द्वारा प्रोत्साहित किया था l अनंतकाल के इस तरफ उसकी जिन्दगी खत्म होने के बाद उसके साथी शिक्षकों ने तीन वर्षों तक वार्षिक वस्त्र मुहिम चलाकर उसके स्मरण को सम्मानित किया l उसकी भलाई की विरासत आज भी उदारता से जरुरतमंदों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती है l
प्रेरितों 9 में, प्रेरित लूका दोरकास की कहानी साझा करता है, एक महिला जो “बहुत से भले-भले काम और दान किया करती थी” (पद.36) l बीमार होकर मरने के बाद, उस शोकित समुदाय ने पतरस को आने के लिए आग्रह किया । सारी विधवाओं ने पतरस को दिखाया कि दोरकास किस तरह सेवा करने के लिए जीती थी (पद.39) । दया के एक आश्चर्यकर्म में, पतरस ने दोरकास को जीवित किया । दोरकास के जीवित होने की खबर फैली, और “बहुतेरों ने प्रभु पर विश्वास किया” (पद.42) । पर यह दोरकास का व्यावहारिक तरीकों से सेवा करने की प्रतिबद्धता थी जो उसके समुदाय में हृदयों को छूआ और उदार प्रेम की सामर्थ्य को प्रकट किया ।
साहसी प्रेम
चार पास्टर “नायक/वीर” के रूप में नहीं जाने जाते थे l लेकिन 1943 में फरवरी की एक सर्द रात, जब उनके परिवहन जहाज, एस एस डोरचेस्टर( S S Dorchester), को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ग्रीनलैंड के तट से दूर टारपीडो से उड़ा दिया गया, चारों ने सैकड़ों घबराए हुए सैनिकों को ढाढ़स बंधाने के लिए अपना सम्पूर्ण प्रयास लगा दिया l एक बचे हुए व्यक्ति ने कहा कि डूबते जहाज और भीड़भाड़ वाली जीवन नौकाओं में कूदते हुए घायल लोगों के बीच, इन चार पास्टरों ने कोलाहल को “साहस के प्रचार” से शांत कर दिया l
जब लाइफ जैकेट ख़त्म हो गए, तो प्रत्येक ने अपना उतारकर एक भयभीत युवक को दे दिया l उन्होंने जहाज के साथ डूब जाने का निश्चय किया था ताकि दूसरे लोग जीवित रह सकें l एक बचे हुए व्यक्ति ने कहा, “यह सबसे अच्छी चीज थी जिसे मैंने देखा है या स्वर्ग के इस ओर देखने की उम्मीद करता हूँ l”
डूबते जहाज में बाहों को जोड़कर इन पास्टरों ने ऊंची आवाज़ में प्रार्थना करते हुए, उन लोगों को दिलासा दी जो उनके साथ डूब रहे थे l
वीरता उनकी गाथा का प्रतीक है l हालाँकि, प्यार उस उपहार को परिभाषित करता है जो उन चारों ने पेश किया l पौलुस ने सभी विश्वासियों से ऐसे ही प्रेम का वकालत करता था जिसमें आंधी के झोंकों से उछाली जा रही कुरिन्थुस की कलीसिया शामिल है l संघर्ष, भ्रष्टाचार और पाप से गन्दी/धुंधली, पौलुस ने उनसे “जागते [रहने], विश्वास में स्थिर [रहने] पुरुषार्थ [करने], बलवंत [होने] का आग्रह किया (1 कुरिन्थियों 16:13) l उसके बाद आगे कहा, “जो कुछ करते हो प्रेम से करो” (पद.14) l
यह विशेष रूप से एक संकट के दौरान, यीशु में प्रत्येक विश्वासी के लिए एक असली आदेश है l जीवन में, जब उथल-पुथल का खतरा होता है, तो हमारी सबसे साहसी प्रतिक्रिया मसीह को दर्शाती है─दूसरों को उसका प्यार देना l
न्यूट्रल में होना
कार धुलाई में मुझसे आगे वाला व्यक्ति एक मिशन/विशेष कार्य पर था l वह जानबूझकर अपने पिकअप(छोटी वैन) के पीछे की ओर गया और रूकावट को हटा दिया, ताकि यह उच्च शक्ति घूमने वाले सफाई ब्रशों के काम करने में कठिनाई उत्पन्न नहीं करेगा l उसने अटेंडेंट को भुगतान किया और फिर उसने स्वचालित ट्रक को उस स्थान से बाहर निकाला जहाँ पर उसने खड़ा किया था l अटेंडेंट चिल्लाया, “न्यूट्रल! न्यूट्रल!” लेकिन खिड़कियाँ बंद होने के कारण वह सुन नहीं सकता था l गाड़ी की खिड़कियाँ बंद थीं और वह व्यक्ति सुन नहीं सका l वह मात्र चार सेकेंडों में कार धुलाई के स्थान से बाहर निकल गया l उसका ट्रक मुश्किल से भीगा l
एलिय्याह भी एक मिशन पर था l वह बड़े पैमाने पर ईश्वर की सेवा में व्यस्त था l उसने बाल के नबियों को एक अलौकिक बल परीक्षा में हराया था, जिसने उसे थका दिया था (देखें 1 राजा 18:16–39) l उसे अबाधित/न्यूट्रल में समय की ज़रूरत थी l परमेश्वर एलिय्याह को होरेब पर्वत पर ले गया, जहाँ वह मूसा के सामने बहुत पहले प्रगट हुआ था l एक बार फिर परमेश्वर ने पहाड़ को हिला दिया l लेकिन वह चट्टान को तोड़नेवाली आंधी, भूकंप, या उग्र आग में नहीं था l इसके बजाय, परमेश्वर कोमल फुसफुसाहट में एलिय्याह के पास आया l “यह सुनते ही एलिय्याह ने अपना मुंह चद्दर से ढाँका, और बाहर जाकर गुफा के द्वार पर खड़ा हुआ” परमेश्वर से मुलाकात करने के लिए (1 राजा 19:13) l
आप और मैं एक मिशन पर हैं l हम अपने जीवन को अपने उद्धारकर्ता के लिए बड़ी चीजों को पूरा करने के मुहीम में हैं l लेकिन अगर हम न्यूट्रल में नहीं आएँगे, हम जीवन में होकर निकल जाएंगे और पवित्र आत्मा की भरपूरी से वंचित हो जाएंगे l परमेश्वर फुसफुसाता है, “चुप हो जाओ, और जान लो कि मैं ही परमेश्वर हूँ” (भजन 46:10) l न्यूट्रल! न्यूट्रल!