Month: मई 2021

योजनाएं हैं?

लगभग अठारह वर्ष का एक युवक, कैडेन, एक अकादमिक छात्रवृत्ति पर अपनी पहली पसंद के कॉलेज में पढ़ने  की  उम्मीद कर रहा था l वह हाई स्कूल में एक कैंपस सेवकाई में शामिल था और नए वातावरण में इसी तरह की सेवकाई में भागदारी के लिए उत्सुक था l उसने अपने अंशकालिक नौकरी से पैसे बचाए थे और एक नई नौकरी में भी उसकी श्रेष्ठ बढ़त थी l उसने कुछ महान लक्ष्य स्थापित किए, और सब कुछ ठीक समय पर पूरा हो रहा था l

और फिर 2020 के वसंत में एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट ने सब कुछ बदल दिया l

स्कूल ने कैडेन को बताया कि उसका पहला सेमेस्टर शायद ऑनलाइन होगा  l कैंपस सेवा क्रमभंग हो चुकी थी  l व्यवसाय बंद होने पर नौकरी की संभावना ख़त्म हो गई  l  जब वह निराश हुआ,  उसके दोस्त ने एक प्रसिद्ध पेशेवर बॉक्सर के शब्दों को धाराप्रवाह रूप से उद्धृत किया  : “हाँ,   सभी के पास एक योजना होती है जब तक कि उन्हें अपने मुँह की नहीं खानी पड़ती है l”

नीतिवचन 16 हमें बताता है कि जब हम सब कुछ ईश्वर को समर्पित कर देते हैं,तो वह हमारी योजनाओं को स्थापित करेगा और अपनी इच्छा के अनुसार पूरा करेगा (पद. 3-4)  l हालांकि,  सच्ची प्रतिबद्धता कठिन हो सकती है   l इसमें ईश्वर के निर्देशन के लिए एक खुले  ह्रदय के साथ, अपने मार्ग की  रूप-रेखा तैयार करने की स्वतंत्रता का विरोध करना शामिल है (9; 19:21)  l

सपने जो मूर्त रूप नहीं लेते हैं वे निराशा ला सकते हैं, लेकिन भविष्य के लिए हमारी सीमित दृष्टि कभी भी परमेश्वर के सर्वज्ञ तरीकों का मुकाबला नहीं कर सकती है  l जब हम खुद को उसको समर्पित कर देते हैं,  तो हम निश्चित हो सकते हैं कि वह तब भी हमारे कदमों  को प्यार से निर्देशित कर रहा है जब हम आगे का रास्ता नहीं देख सकते हैं (16:9)  l

दृष्टि अप्रत्यक्ष

यूरी गगारिन का अंतरिक्ष में जानेवाला पहला आदमी बनने के बाद, वह रूसी ग्रामीण इलाके में पैराशूट से उतरे l एक किसान महिला ने नारंगी रंग के कपड़े पहने हुए उस अन्तरिक्ष यात्री को देखा, जो अभी भी अपना हेलमेट पहना हुआ था और दो पैराशूट खींच रहा था l “"क्या यह हो सकता है कि आप बाहरी अन्तरिक्ष से आए हैं?”  उसने आश्चर्य से पूछा l “वास्तव में, मैं आया हूँ,” उन्होंने कहा l

सोवियत नेताओं ने दुखद रूप से ऐतिहासिक उड़ान को धार्मिक विश्वास के विरुद्ध प्रचार में बदल दिया l “गगारिन अंतरिक्ष में गए, लेकिन उन्होंने वहाँ कोई ईश्वर को नहीं देखा,”  उनके प्रधानमंत्री ने घोषणा की l (गगारिन ने खुद कभी ऐसी बात नहीं कही l) जैसा कि सी. एस. लियुईस ने ध्यान देखा, “जो लोग पृथ्वी पर [ईश्वर] को नहीं पाते हैं, वे  उन्हें अंतरिक्ष में नहीं पा सकते हैं l”

यीशु ने हमें इस जीवन में परमेश्वर की उपेक्षा करने के बारे में चेतावनी दी l उसने दो आदमियों की एक कहानी बताई,  जो मर गए─एक अमीर आदमी जिसके पास ईश्वर के लिए समय नहीं था,  और लाजर,  एक निस्सहाय व्यक्ति जो विश्वास में धनी था (लूका 16:1931) l पीड़ा में, अमीर आदमी ने अब्राहम से अपने भाइयों के लिए याचना की जो अभी भी धरती पर थे l उसने अब्राहम से विनती की, ““लाज़र को भेज l”  “यदि कोई मरे हुओं में से उनके पास जाए, तो वे मन फिराएंगे” (पद.27,30) l अब्राहम समस्या के केंद्र में पहुँच गया : “जब वे मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की नहीं सुनते, तो यदि मरे हुओं में से कोई जी भी उठे तौभी उसकी नहीं मानेंगे” (पद.31) l

ऑस्वाल्ड चैम्बर्स ने लिखा, “देखना विश्वास करना कभी नहीं होता है l “हम जो विश्वास करते हैं उसके प्रकाश में हम जो देखते हैं उसकी व्याख्या करते हैं l”

जल वहाँ जहाँ हमें ज़रूरत है

विश्व की सबसे गहरी झील,  बैकल झील,  विशाल और भव्य है l एक मील गहरी और लगभग 400 मील (636 किमी) लम्बी और 49 मील (79 किमी) चौड़ी इसकी माप है l इसमें संसार के  सभी सतही ताजा जल का पांचवां (20 फीसदी) हिस्सा है l लेकिन यह पानी काफी हद तक पहुँच से बाहर है l बैकल झील साइबेरिया में स्थित है─रूस के सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में से एक l हमारे ग्रह के काफी हिस्से में पानी की इतनी सख्त जरूरत के साथ,  यह असंगत है कि जल का इतना विशाल भंडार एक ऐसे स्थान पर है, जहाँ बहुत लोग इसका उपयोग नहीं कर सकते l

यद्यपि बैकल झील बहुत दूर हो सकती है,  लेकिन जीवनदायक जल का एक अंतहीन स्रोत है, जो उन लोगों के लिए उपलब्ध और सुलभ है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है l जब सामरिया के एक कुएँ पर, यीशु ने एक महिला से बातचीत करते हुए, उसकी गहरी आध्यात्मिक प्यास की तीव्रता को जांचा l उसकी सबसे प्रमुख आवश्यकता का समाधान?  स्वयं यीशु l

जिस कुएँ से वह पानी भरने आयी थी, के विपरीत, यीशु ने कुछ बेहतर पेश किया : “जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा, परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनंतकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनंत जीवन के लिए उमड़ता रहेगा” (यूहन्ना 4:13–14) l

बहुत सी चीजें संतुष्टि का वादा करती हैं लेकिन कभी भी हमारे प्यासे हृद्यों को पूरी तरह से तृप्त नहीं करती हैं l यीशु ही हमारी आध्यात्मिक प्यास को वास्तव में संतुष्ट कर सकता है,  और उसका प्रावधान हर किसी के लिए,  हर जगह उपलब्ध है l

सुरक्षित उस पार

पापुआ न्यू गिनी में, कैंडास जनजाति ने अपनी भाषा में मुद्रित नया नियम बाइबल के आगमन का उत्साह के साथ इंतजार किया l हालाँकि,  गाँव तक पहुँचने के लिए,  किताबों को लाने वाले लोगों को छोटी नावों में समुद्र की यात्रा करनी पड़ी l

किसने उन्हें विशाल समुद्र की यात्रा करने का साहस दिया?  उनकी नाविकविद्या, जी हाँ l  लेकिन वे यह भी जानते थे कि समुद्र को किसने रचा है l वह ही है जो हमारे जीवन के अशांत तरंगों और गहरे जल के पार हममें से हर का मार्गदर्शन करता है l

जैसा कि दाऊद ने लिखा है, “मैं तेरे आत्मा से भागकर कहाँ जाऊँ?” (भजन 139:7) l “यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहाँ है . . . यदि मैं . . . समुद्र के पार जा बसूं, तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा” (पद.8-10) l

ये शब्द कैंडास जनजाति के साथ गहराई से प्रतिध्वनित होंगे,  जो एक द्वीप राष्ट्र पर रहते हैं जिनके उष्णकटिबंधीय(tropical) तटों,  घने वर्षावनों(rainforests) और बीहड़ पहाड़ों को “अंतिम अज्ञात/The Last Unknown” कहा जाता है l  फिर भी वहां के और हर जगह के विश्वासी जानते हैं कि  कोई भी जगह या समस्या परमेश्वर के लिए बहुत दूरस्थ नहीं है l भजन 139:12 कहता है, “अंधकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिए अंधियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं l”

इसलिए, प्रचण्ड आंधी से, हमारा परमेश्वर बोलता है, “शांत रह, थम जा!”  और आंधी थम गई और बड़ा चैन हो गया (मरकुस 4:39) l इसलिए,  आज जीवन के गहरे या अशांत आंधी से मत डरिये l हमारा परमेश्वर हमें सुरक्षित रूप से उस पार ले चलेगा l