कुछ चित्र इतने शक्तिशाली होते हैं कि उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता l यह मेरा अनुभव था जब मैंने वेल्स की दिवंगत राजकुमारी डायना की एक प्रसिद्द तस्वीर देखी l पहली नजर में, देखा  गया दृश्य नीरस लगता है : गर्मजोशी से मुस्कुराते हुए, राजकुमारी एक अज्ञात आदमी से हाथ मिला रही है l लेकिन यह तस्वीर की कहानी है जो इसे उल्लेखनीय बनाती है l 

19 अप्रैल, 1987 को, जब राजकुमारी डायना ने लन्दन मिडिलसेक्स अस्पताल का दौरा किया, यूनाइटेड किंगडम दहशत की लहर में घिरा हुआ था क्योंकि वह एड्स माहामारी का सामना कर रहा था l नहीं जानते हुए कि बिमारी──जो अक्सर भयावह गति से मार रही थी──कैसे फैलती थी, जनता ने कई बार एड्स पीड़ितों को सामाजिक रूप से अछूत की तरह माना l 

इसलिए यह एक आश्चर्यजनक क्षण था जब डायना, दास्तानों के बिना हाथों और स्वाभाविक मुस्कान के साथ, उस दिन एड्स रोगी के हाथ को धीरता से हिला रही थी l सम्मान और दयालुता की छवि दुनिया को बीमारी से ग्रस्त लोगों के साथ समान दया और करुणा के साथ व्यवहार करने के लिए प्रेरित करेगी l 

तस्वीर मुझे कुछ याद दिलाती है जिसे मैं अक्सर भूल जाता हूँ : स्वतंत्र रूप से और उदारता से दूसरों के लिए यीशु के प्यार की पेशकश करना इसके लायक है l यूहन्ना ने मसीह के आरंभिक विश्वासियों को याद दिलाया कि प्रेम को अपने भय के सामने मुरझाने या छिपने देना वास्तव में “मृत्यु की दशा में” रहना है (1 यूहन्ना 3:14) l और प्रेम जो स्वतंत्र और अभय है और पवित्र  आत्मा के स्व-बलिदानी प्रेम से सशक्त है, अपनी सम्पूर्णता में जीवन के पुनरुत्थान का अनुभव करना है (पद.14, 16) l