महामारी तालाबंदी के दौरान, जेरी को अपना फिटनेस सेन्टर को बंद करने को विवश होना पड़ा और महीनों तक उसको कोई आमदनी नहीं हुई l एक दिन उसके एक मित्र से उसे एक सन्देश प्राप्त हुआ, जो उसे शाम 6.00 बजे उसके प्रतिष्ठान पर मिलने के लिए कह रहा था l जेरी को नहीं मालूम था क्यों लेकिन वह वहां गया l जल्द ही कारें पार्किंग स्थल पर पहुँचने लगीं l पहली कार के ड्राईवर ने इमारत के निकट फूटपाथ पर एक टोकरी रखी l उसके बाद एक के बाद दूसरी (लगभग 50) कारें आयीं l जो कारों के अन्दर थे उन्होंने जेरी को हाथ से इशारा किया या जोर से हेलो बोला, टोकरी के निकट पहुंचकर, और एक कार्ड या नगद डालें l कुछ लोगों ने पैसे दिए; सभी ने उसको प्रोत्साहित करने के लिए अपना समय दिया l 

प्रेरित पौलुस के अनुसार, प्रेम का सच्चा स्वरूप बलिदानी है l उसने कुरिन्थियों को समझाया कि मकिदुनिया के लोगों ने “अपनी सामर्थ्य भर वरन् सामर्थ्य से भी बाहर” दिया ताकि वे प्रेरितों और दूसरों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दे सकें (2 कुरिन्थियों 8:3) l उन्होंने पौलुस से उनको और परमेश्वर के लोगों को देने के सुअवसर के लिए “निवेदन” किया l उनके देने का आधार स्वयं यीशु का बलिदानी हृदय था l वह स्वर्ग के धन को छोड़कर एक दास बनने और अपने ही जीवन को देने इस धरती पर आया l “वह धनी होकर भी [हमारे] लिए कंगाल बन गया” (पद.9) l 

हम भी परमेश्वर से अनुरोध करें ताकि हम भी “इस दान के काम में भी बढ़ते जाएँ” (पद.7) जिससे दूसरों की आवश्यकताओं को प्रेमपूर्वक पूरा कर सकें l