6 दिसम्बर 1907 को, अमेरिकी राज्य वेस्ट वर्जिनिया में विस्फोटों ने एक छोटे समुदाय को हिलाकर रख दिया, जो कोयला-खनन उद्योग के इतिहास में सबसे खराब आपदाओं में से एक था l कुछ 360 खनिक मारे गए, और यह अनुमान लगाया गया कि इस भीषण त्रासदी ने लगभग 250 विधवाओं और 1000 बच्चों को बिना पिता के पीछे छोड़ दिया l इतिहासकार बताते हैं कि स्मारक सभा विकास का अनुकूल सेवा स्थान बन गया, जिसमें से अमेरिका में फादर्स डे का उत्सव अंततः आरम्भ होनेवाला था l बड़े नुक्सान में से स्मृति निकली और── आखिरकार──उत्सव l 

मानव इतहास में सबसे बड़ी त्रासदी तब हुई जब मानव ने अपने सृष्टिकर्ता को क्रूस पर चढ़ाया l फिर भी, उस अँधेरे क्षण ने स्मृति और उत्सव दोनों को उत्पन्न किया l जिस रात वह क्रूस पर चढ़नेवाला था, उससे पहले वाली रात में, यीशु ने इस्राएल के फसह के तत्वों को लिया और अपना स्वयं का स्मारक उत्सव बनाया l लूका का आलेख इस तरह से दृश्य का वर्णन है : “फिर उसने रोटी ली, और धन्यवाद करके तोड़ी, और उनको यह कहते हुए दी, ‘यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिए दी जाती है : मेरे स्मरण के लिए यही किया करो’” (22:19) l 

आज भी, जब भी हम प्रभु भोज लेते हैं, हम हमारे लिए उसके महान, असीम प्रेम का आदर करते हैं──हमारे बचाव की लागत को याद करते हैं और जीवन के उपहार का जश्न मनाते हैं जो उसके बलिदान ने उत्पन्न किया l जैसा कि चार्ल्स वेस्ली ने अपने महान भजन में कहा, “अद्भुत प्रेम! संभव कैसे कि तू, मेरा परमेश्वर, मेरे लिए मर जाए?”