जब आप बिजली के अपने उपकरणों को प्लग करते हैं, तो आपको गत उन्नीसवीं शताब्दी के एक कड़वे लड़ाई के परिणाम से लाभ होता है l उस समय, आविष्कारक थॉमस एडिसन और निकोला टेस्ला ने संघर्ष किया कि विकास के लिए किस प्रकार की बिजली सर्वोत्तम थी : एकदिश धारा/डायरेक्ट करंट(DC), उस तरह का करंट जो एक बैटरी से एक टोर्च में जाती है; या प्रत्यावर्ती धारा/अल्टरनेटिव करंट(AC), जो हमें एक बिजली आउटलेट से मिलती है l
आखिरकार, टेस्ला का AC विचार प्रभावी हुआ और घरों, व्यवसायों, और संसार में चारों ओर बिजली देने के लिए उपयोग होता आया है l AC लम्बी दूरी तक बिजली संचारित करने में अधिक सफल है और एक बुद्धिमान चुनाव साबित हुआ l
कभी-कभी हमें बुद्धि की ज़रूरत होती है जब हम यीशु में विश्वासियों के बीच चिंता के मुद्दों का सामना करते हैं (रोमियों 14:1-12 देखें) l प्रेरित पौलुस ने हमें ऐसे मामलों में स्पष्टता के लिए ईश्वर की मदद लेने का आह्वान किया l उसने कहा, “यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा” (फिलिप्पियों 3:15) l कुछ पदों के बाद, हम दो लोगों के परिणाम को देखते हैं जिन्होंने एक मतान्तर द्वारा अपने बीच फूट पड़ने दिया──एक झगड़ा जिसने पौलुस को दुखित किया : “मैं यूओदिया को भी समझाता हूँ और सुन्तुखे को भी, कि वे प्रभु में एक मन रहें” (4:2) l
जब भी कोई अंतर हमें अलग करना शुरू करता है, हम पवित्रशास्त्र में परमेश्वर का अनुग्रह और बुद्धि, परिपक्व विश्वासियों की सलाह, और प्रार्थना की सामर्थ्य को खोजें l आइये हम उसमें “एक मन [रहने] का यत्न करें (पद.2) l
किस तरह आप व्यक्तिगत प्राथमिकताओं की वर्तमान लड़ाई में परमेश्वर का अनुग्रह और बुद्धिमत्ता को लागू कर सकते हैं? जब आप इस लड़ाई का सामना करते हैं तो प्रार्थना क्यों महत्वपूर्ण है?
प्रिय परमेश्वर, जीवन जटिल है l मेरे पास एक स्थिति है, और मैं निश्चित नहीं कि किस रास्ते जाना है l आगे क्या करना है, पवित्र आत्मा की सहायता से, निर्णय करने में मदद करें?