कोविड-19 महामारी के दौरान, कई सिंगापुरी संक्रमित होने से बचने के लिए घर में ही रहे l लेकिन भरोसा करते हुए कि सब सुरक्षित है, मैं आनंदपूर्वक तैरता रहा l 

मेरी पत्नी, हालाँकि, भयभीत थी कि मैं एक सार्वजनिक तरणताल में संक्रमित हो सकता हूँ और अपनी वृद्ध माँ को संक्रमित कर सकता हूँ──जो, दूसरे वरिष्ठों की तरह, इस वायरस के चपेट में आ सकती थी l “क्या आप मेरे लिए, कुछ समय के लिए तैरना छोड़ सकते हैं?” उसने कहा l 

पहले, मैं बहस करना चाहता था कि जोखिम बहुत कम था l फिर मुझे एहसास हुआ कि यह उसकी भावनाओं से कम मायने रखता है l मैं तैरने पर जोर क्यों दूँ──शायद ही एक ज़रूरी चीज़──जब इसने व्यर्थ उसको चिंतित किया?  

रोमियों 14 में, पौलुस कुछ ऐसे मामलों को संबोधित किया जैसे कि मसीह में विश्वासियों को कुछ ख़ास भोजन खाना चाहिए या ख़ास त्योहारों को मानना चाहिए l वह चिंतित था कि कुछ लोग अपने विचार दूसरों पर थोप रहे थे l 

पौलुस ने रोम में चर्च को, और हमें, याद दिलाया, कि मसीह में विश्वासी स्थितियों को दूसरे तरीके से देख सकते हैं l हमारी पृष्ठ्भूमि भी विविध हैं जो हमारे दृष्टिकोण और प्रथाओं को रंग देती हैं l उसने लिखा, “हम एक दूसरे पर दोष न लगाएँ, पर तुम ठान लो कि कोई अपने भाई [या बहिन] के सामने ठोकर खाने का कारण न रखे” (पद.13) l

परमेश्वर के अनुग्रह से हमें बहुत स्वतंत्रता मिलती है, जब यह सह विश्वासियों के प्रति उसके प्रेम को वक्त करने में मदद करता है l हम इस स्वतंत्रता का उपयोग नियमों और प्रथाओं को अपने स्वयं के विश्वासों से ऊपर दूसरों की आध्यात्मिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं जो कि सुसमाचार में पाए गए आवश्यक सत्य के विपरीत नहीं है (पद.20) l