सबसे पहले, उस व्यक्ति ने एक टैकल बॉक्स(मछली पकड़ने की सामग्री का डिब्बा) ख़रीदा । अपने शहर के छोटे से मछली के चारे की दूकान पर खड़े होकर, उसके बाद उसने एक शॉपिंग कार्ट को काँटा, चारा, तिरेंदा(bobb।ers), डोरी, और वजन(weight) से भर दिया । अंत में, उसने उसमें जीवित चारा जोड़ा और एक नया बंसी और घिरनी भी जोड़ा । “क्या आपने पहले कभी मछली पकड़ी है?” दूकानदार ने पूछा । उस व्यक्ति ने जवाब दिया नहीं । दूकानदार ने आगे कहा, “इसमें यह भी जोड़ दें । वह एक फर्स्ट एड किट था । वह व्यक्ति सहमत होकर भुगतान कर दिया, और पूरे दिन के बाद भी कुछ भी नहीं पकड़ा──उन काँटों और घिरनी से अपनी उँगलियों में चीरा के सिवा । 

यह शिमोन पतरस की समस्या नहीं थी । एक अनुभवी मछुआ, एक सुबह वह चकित हुआ जब यीशु ने उसे अपना नाव गहरे जल में ले जाने और “मछलियाँ पकड़ने के लिए जाल” डालने को कहा (लूका 5:4) । पूरी रात कुछ नहीं पकड़ने के बाद, शिमोन और उसके सहकर्मियों ने अपने जाल डाले और “बहुत मछलियाँ घेर लाए, और उनके जाल फटने लगे ।” वास्तव में, उसके दोनों नाव बहुत अधिक मछलियों के कारण डूबने लगे (पद.6) । 

इसे देखकर, शिमोन पतरस “यीशु के पाँवों पर गिरा,” और उससे कहने लगा, “हे प्रभु, मेरे पास से जा, क्योंकि मैं पापी मनुष्य हूँ” (पद.8) । यीशु, हालाँकि, पतरस की सही पहचान जानता था । उसने अपने शिष्य से कहा, “अब से तू मनुष्यों को जीवता पकड़ा करेगा ।” यह सुनकर, शिमोन “सब कुछ छोड़कर उसके पीछे हो [लिया]” (पद.10-11) । जब हम उसका अनुसरण करते हैं, वह हमें सीखने में मदद करता है हम कौन हैं और उसके अपने होने के कारण हमें क्या करने के लिए बुलाता है ।