बड़े अफ्रीकी चर्च में, पादरी अपने घुटनों पर गिर गया, और परमेश्वर से प्रार्थना करने लगा l  “हमे याद रखना!” जैसे ही पास्टर ने याचना की, भीड़ ने चिल्लाते हुए उत्तर दिया, “हे प्रभु, हमें स्मरण कर!” यू ट्यूब पर इस पल को देखकर मैं हैरान रह गया कि मेरे आंसू भी आ गए। प्रार्थना महीनों पहले दर्ज की गई थी। फिर भी यह बचपन के समय को याद करता है जब मैंने अपने परिवार के पासबान को परमेश्वर से यही विनती करते सुना। “हमें याद रखो, प्रभु!”

एक बच्चे के रूप में उस प्रार्थना को सुनकर, मैंने गलत तरीके से यह मान लिया था कि परमेश्वर कभी-कभी हमें भूल जाते हैं। परन्तु परमेश्वर सर्वज्ञ है (भजन संहिता 147:5; 1 यूहन्ना 3:20), वह हमेशा हमें देखता है (भजन संहिता 33:13-15), और वह हमें असीम प्रेम करता है (इफिसियों 3:17-19)।

इससे भी अधिक, जैसा कि हम इब्रानी शब्द ज़कार(zakar) में देखते हैं, जिसका अर्थ है “याद रखना,” जब परमेश्वर हमें “याद रखता है”, तो वह हमारे लिए कार्य करता है। ज़कर(zakar)  का अर्थ किसी व्यक्ति की ओर से कार्य करना भी है। इस प्रकार, जब परमेश्वर ने नूह और “जितने बनैले पशु, और घरेलू पशु उसके संग जहाज में थे” की “सुधि ली,” तब उसने “पृथ्वी पर पवन बहाई, और जल घटने लगा” (उत्पत्ति 8:1)। जब परमेश्वर ने बांझ राहेल की भी “सुधि ली,” और उसकी “सुनकर उसकी कोख खोली l इसलिए वह गर्भवती हुयी और उसने एक पुत्र को जन्म दिया” (30:22-23)।

हमें याद करने के लिए प्रार्थना में परमेश्वर से बिनती करने के लिए भरोसे की कितनी बड़ी दलील! वह तय करेगा कि वह कैसे जवाब देता है। हालाँकि, हम यह जानकर प्रार्थना कर सकते हैं कि हमारा विनम्र अनुरोध परमेश्वर को आगे बढ़ने के लिए कहता है।