एक होकर धड़कना
कहानियों ने सृष्टि के प्रारंभ से ही मनुष्यों को मोहित किया है- यह लिखित भाषा के अस्तित्व से बहुत पहले ज्ञान प्रसारित करने के एक तरीके के रूप में कार्य करती थी। कहानी सुनने या पढ़ने और शुरुआती पंक्तियों जैसे “एक समय की बात है” से तुरंत जुड़ने का आनंद हम सब जानते हैं। एक कहानी की शक्ति केवल आनंद से बढ़कर है: जब हम एक साथ एक कहानी सुनते हैं, तो हमारे दिल की धड़कनें तालमेल बिठाने लगती हैं! हालांकि हमारे व्यक्तिगत दिल की धड़कन एक दिन के दौरान बदलती रहती है,और संयोग से ही दूसरे से मेल खा सकती है, नए शोध दर्शाते है कि जब हम एक ही समय में एक ही कहानी सुनते हैं तो हमारे दिल एक ही ताल में आ सकते हैं।
परमेश्वर हमें अपनी कहानी इन शब्दों से बताना शुरू करता है, “आदि में” (उत्पति 1:1)। उस समय से जब आदम और हव्वा ने पहली बार सांस ली थी (पद 27), परमेश्वर ने उस अनकही कहानी का इस्तेमाल न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन को आकार देने के लिए लेकिन यह भी — और शायद इससे भी महत्वपूर्ण बात--उनके बच्चों के रूप में हमारे सामूहिक जीवन के लिए किया। बाइबल के द्वारा—अब तक की दर्ज की गई सबसे शानदार गैर- काल्पनिक कहानी— यीशु में हम विश्वासियों के दिल इस तरह जोड़े जाते है कि हम वें लोग होते है जो उसके उद्देश्यों के लिए अलग किये गए है(1 पतरस 2:9)।
प्रतिउत्तर में, हमारे दिल एक लय में धड़के, रचयिता के रचनात्मक कार्यों से प्रसन्न होकर, और हम उनकी कहानी दूसरों के साथ बाँटें, “अन्य जातियों में उसकी महिमा का, और देश देश के लोगों में उसके आश्चर्यकर्मों का वर्णन करो” उनको भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए।
जब आप भयभीत हो
मेरी एक चिकित्सा जांच होनी थी, और यद्दपि हाल ही में मुझे कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या नहीं थी, फिर भी मैं इस जांच को लेकर भयभीत थी। मैं बहुत पहले एक अप्रत्याशित रोगनिदान की यादों से परेशान थी। जबकि मुझे पता था कि परमेश्वर मेरे साथ है और मुझे बस उन पर भरोसा करना चाहिए, मुझे फिर भी डर लग रहा था।
मैं अपने विश्वास की कमी और भय के कारण निराश थी। यदि परमेश्वर हमेशा मेरे साथ है, तो मुझे ऐसी घबराहट महसूस क्यों हो रही थी? फिर एक सुबह मुझे विश्वास है कि उन्होंने मुझे गिदोन की कहानी की ओर लेकर गए। “शूरवीर सूरमा”(6:12) कहलाये जाने वाला, गिदोन मिद्यानियों पर आक्रमण करने की अपनी नियुक्ति से भयभीत था। जबकि परमेश्वर ने उसे अपनी उपस्थिति और विजय का वादा किया था, फिर भी गिदोन ने कई आश्वासनों को ढ़ूंढा (v. 16−23, 36−40)।
हालाँकि, परमेश्वर ने गिदोन को उसके भय के लिए दोषी नहीं ठहराया। आक्रमण की रात, उन्होंने गिदोन को फिर से जीत का आश्वासन दिया, और उसे अपने भय को शांत करने का एक रास्ता भी दिया (7:10-11)।
परमेश्वर ने मेरे डर को भी समझा। उनके आश्वासन ने मुझे उन पर भरोसा करने की हिम्मत दी। मैंने उनकी शांति को अनुभव किया, ये जानते हुए कि परिणाम चाहे कुछ भी हो वह मेरे साथ है। अंत में, मेरी जाँच सामान्य निकली।
हमारे पास एक परमेश्वर है जो हमारे हर एक डर को समझता और पवित्रशास्त्र और पवित्र आत्मा के द्वारा हमें आश्वस्त करता है। (भजन 23:4; यूहन्ना 14:16−17)। हम कृतज्ञता से उनकी आराधना करें, जैसे गिदोन ने की थी (न्यायियों 7:15)।
क्रिसमस कार्ड सिद्ध
बार्कर परिवार का क्रिसमस वीडियो सिद्ध था। बागे पहने तीन चरवाहे (परिवार के छोटे बेटे) घास के मैदान में आग के चारों ओर घिर गए। अचानक एक स्वर्गदूत -उनकी बड़ी बहन, पहाड़ पर से उतरी प्रकाशमान दिखती हुई,गुलाबी उच्च-शीर्ष जूतों को छोड़कर। जैसे-जैसे साउंडट्रैक प्रफुल्लित होता गया, चरवाहों ने आश्चर्य से आकाश की ओर देखा। एक मैदान में एक ट्रेक उन्हें एक वास्तविक बच्चे तक पहुँचाया - आधुनिक खलिहान में उनका नवजात भाई। बड़ी बहन ने अब मरियम की भूमिका निभाई।
फिर कुछ “बोनस पेश” हुआ, जब उनके पिता ने हमें पर्दे के पीछे झांकने दिया। शिकायती बच्चे कहते, “ठंड है।” “मुझे अभी बाथरूम जाना है!” “क्या हम घर जा सकते है?” “ध्यान दो।” उनकी माँ ने एक से अधिक बार कहा। वास्तविकता क्रिसमस-कार्ड सिद्धता से बहुत दूर था।
एक अच्छी तरह से संपादित अंतिम कट के लेंस के माध्यम से मूल क्रिसमस कहानी को देखना आसान है। लेकिन यीशु का जीवन इससे बहुत अलग था। ईर्ष्यालु हेरोदेस ने शैशवावस्था में ही उन्हें मारने का प्रयास किया (मत्ती 2:13)। मरियम और यूसुफ ने उन्हें गलत समझा (लूका 2:41-50)। संसार ने उनसे बैर रखा (यूहन्ना 7:7)। कुछ समय के लिए, “उनके अपने भाइयों ने भी उन पर विश्वास नहीं किया” (7:5)। उनका मिशन भयानक मौत की ओर ले गया। उन्होंने यह सब अपने पिता का आदर करने और हमें छुड़ाने के लिए किए।
बार्कर्स का वीडियो यीशु के इन शब्दों के साथ समाप्त हुआ: “ मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता” (युहन्ना 14:6)। यह ऐसी वास्तविकता है जिसके साथ हम हमेशा-हमेशा के लिए जी सकते हैं।
परमेश्वर के वचन की सामर्थ्य
1968 में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, अपोलो 8 अंतरिक्ष यात्री-फ्रैंक बोरमैन, जिम लोवेल और बिल एंडर्स चंद्र कक्षा में प्रवेश करने वाले पहले इंसान बने। जैसे उन्होंने चाँद की परिक्रमा दस बार की, उन्होंने चाँद और पृथ्वी की तस्वीरों को साझा किया। एक लाइव प्रसारण के दौरान, उन्होंने बारी-बारी से उत्पत्ति 1 को पढ़ा। चालीसवीं वर्षगांठ समारोह में, बोरमैन ने कहा, “हमें बताया गया था कि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हमारे पास मानव आवाज सुनने वाले सबसे ज्यादा दर्शक होंगे। और नासा से हमें केवल यही निर्देश मिला था कि हम कुछ उचित करें।” अपोलो 8 अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा बोले गए बाइबल के पद आज भी ऐतिहासिक रिकॉर्डिंग सुनने वाले लोगों के दिलों में सच्चाई के बीज बोते हैं।
यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा, प्रभु कहते हैं “कान लगाओ, और मेरे पास आओ; सुनो, तब तुम जीवित रहोगे; ”(यशायाह 55:3)। उद्धार के अपने मुफ्त प्रस्ताव को प्रकट करते हुए, वह हमें अपने पापों से मुड़ने और उनकी दया और क्षमा को ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करते हैं (vv. 6-7)। वह अपने विचारों और कार्यों के दिव्य अधिकार की घोषणा करते हैं, जो वास्तव में समझने के लिए हमारे लिए बहुत विशाल है (vv. 8-9)।
फिर भी, परमेश्वर हमें पवित्रशास्त्र के जीवन बदलने वाले शब्दों को बाँटने का अवसर देते हैं, जो यीशु को केन्द्रित करता, और पुष्टि करता है कि अपने लोगों की आत्मिक बढ़ौती के लिए वे ही जिम्मेदार है (vv.10-13)।
पवित्र आत्मा हमें सुसमाचार बाँटने में मदद करता है जैसे पिता अपनी सिद्ध योजना और गति के अनुसार अपने सारे वादों को पूरा करते तो।
ग्रैनी व्हेल
एक ओर्का व्हेल, जिसे शोधकर्ताओं ने “ग्रैनी” नाम दिया है, जाहिर तौर पर “ग्रैंडबेबी व्हेल” के जीवन में अपने भूमिका के महत्व को जानती थी। हाल ही में युवा व्हेल की माँ मर गयी थी, और अनाथ व्हेल इतनी बड़ी नहीं थी कि बिना सुरक्षा और सहारे के बढ़ सके। भले ही ग्रैनी 80 वर्ष की (या उससे अधिक), उसके साथ थी उसे वह सिखाने के लिए जो उसे जानना जरूरी था। ग्रैनी कुछ मछलियों को खुद खाने के बजाय छोट्टे व्हेल के लिए इकट्ठा करती। ताकि वह न केवल भोजन करता बल्कि यह भी सीखता की क्या खाना है और सैलमन (मछली) कहाँ ढूँढनी है जो उसके जीने के लिए जरूरी है।
हम जो कुछ जानते हैं उसे आगे बढ़ाने का एक अलग आदर और आनंद हमारे पास भी है—जो हमारे बाद आ रहे है उनके साथ हम परमेश्वर के अद्भुत कामों और स्वभाव को बाँट सकते हैं। उम्र में बढ़ता भजनकार परमेश्वर से कहता है “... मैं आनेवाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होनेवालों को तेरा पराक्रम न सुनाऊँ।”(भजन 71:18)। जो वह परमेश्वर के बारे में जनता है उसे वह दिल से दूसरों के साथ बाँटना चाहता है--“धर्म का काम, और तेरे किए हुए उद्धार का वर्णन ...”—जो हमें फलने-फूलने के लिए आवश्यक है (v.15)।
भले ही हमारे पास बुढ़ापे के पक्के बाल न हो (v.18), यह घोषणा करना कि हमने परमेश्वर के प्रेम और विश्वासयोग्यता को कैसे अनुभव किया है किसी को उनके साथ उसकी यात्रा में लाभ दे सकता है। उस बुद्धि को बाँटने की हमारी इच्छा वह जो उस व्यक्ति को विपत्ति के समय भी मसीह में जीने और बढ़ने के लिए आवश्यक हो सकता है (v.20)।