जब मैंने दक्षिणी लुइसियाना में 2016 की बाढ़ के बाद अपने सोशल मीडिया फीड को स्कैन किया, मुझे एक सहेली का पोस्ट मिलाl यह अनुभव करने के बाद कि उसके घर को गिराकर  फिर से बनाया जाएगा, मेरी सहेली की माँ ने उसे सफाई के अत्यंत कष्टदायी कार्य में भी परमेश्वर को ढूँढने के लिए प्रोत्साहित कियाl मेरी सहेली ने बाद में बाइबल के उन पदों की तस्वीरें पोस्ट कीं जिन्हें उसने घर के खुले हुए चौखटों पर पाया,जो स्पष्ट रूप से उस समय लिखे गए थे जब घर बनाया गया थाl लकड़ी के तख्तों पर बाइबल के वचन पढ़कर उसे दिलासा मिलाl 

सम्भवतःदरवाजे की चौखटों पर बाइबल के पदों को लिखने की परंपरा इस्राएल को परमेश्वर की आज्ञा से आयी होगी l परमेश्वर ने इस्राएलियों को निर्देश दिया कि वे उसके आदेशों को याद रखने के तरीके के रूप में चौखटों पर लगाये कि वह(परमेश्वर) कौन है l आज्ञाओं को अपने हृदय पर लिख कर(व्यवस्थाविवरण 6:6) उन्हें अपने बच्चों को सिखा कर (पद.7) परमेश्वर की आज्ञाओं को याद करने के लिए प्रतीकों और अन्य साधनों का उपयोग करके (पद.8), और शब्दों को चौखटों और प्रवेश मार्गों पर लगा कर (पद.9) इस्राएलियों को लगातार परमेश्वर के वचन का स्मरण कराते थे l उन्हें प्रोत्साहित किया गया कि जो कुछ परमेश्वर ने उनसे कहा था या उनके साथ की वाचा को कभी न भूलें l 

अपने घरों में परमेश्वर के वचनों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ उनके अर्थ को अपने हृदयों में बोने से हमें एक ऐसी नींव बनाने में मदद मिल सकती है जो पवित्रशास्त्र में प्रकट की गयी उसकी विश्वासयोग्यता पर निर्भर करती है l और वह उन शब्दों का उपयोग त्रासदी या अत्यंत कष्टदायी नुक्सान के बीच भी हमें दिलासा देने के लिए कर सकता है l