“अरे, पोह फैंग!” एक चर्च मित्र ने टेक्स्ट किया l “माह की देखभाल समूह के लिए, आइए हम सभी को याकूब 5:16 करने के लिए कहें l विश्वास और गोपनीयता का एक सुरक्षित वातावरण बनाएं, ताकि हम अपने जीवन में संघर्ष के एक क्षेत्र को साझा कर सकें और परस्पर प्रार्थना कर सकें l”

एक पल के लिए, मुझे यकीन नहीं था कि कैसे जवाब दूँ l जबकि हमारे छोटे समूह के सदस्य एक-दूसरे को वर्षों से जानते हैं, हम वास्तव में कभी भी अपने सभी दुखों और संघर्षों को परस्पर साझा नहीं करते थे l आखिरकार, असुरक्षित होना भयानक है l

लेकिन सच्चाई यह है कि हम सभी पापी हैं और संघर्ष करते हैं l सबको यीशु चाहिए l परमेश्वर के अद्भुत अनुग्रह और मसीह पर हमारे भरोसे के बारे में असली बातचीत हमें उस पर भरोसा के लिए प्रोत्साहित करने का एक तरीका है l यीशु संग, हम परेशानी से मुक्त जीवन का पाखण्ड करना बंद कर सकते हैं l

तो मैंने जवाब दिया, “हाँ! उसे करते हैं!” शुरू में खराब लगा l लेकिन जैसे ही एक व्यक्ति ने साझा किया, तुरंत दूसरा बोला l हालाँकि कुछ चुप रहे, लेकिन समझ थी l दबाव नहीं था l हमने याकूब 5:16 का दूसरा भाग, “एक दूसरे के लिए प्रार्थना करो” के द्वारा समाप्त किया l

उस दिन मैंने यीशु में विश्वासियों की संगति की सुन्दरता अनुभव किया l मसीह में हमारे समान विश्वास से, हम परस्पर असुरक्षित हो सकते हैं और अपनी निर्बलताओं और संघर्षों में हमारी मदद करने के लिए उस पर और दूसरों पर निर्भर हो सकते हैं l