कॉलेज फुटबॉल में शायद सबसे हृदयस्पर्शी परंपरा आयोवा विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका में होती है l आयोवा के किन्निक स्टेडियम के बगल में स्थित स्टेड फैमिली चिल्ड्रेन हॉस्पिटल है, और हॉस्पिटल की सबसे ऊपरी मंजिल में फर्श से छत तक खिड़कियाँ हैं जो मैदान का शानदार दृश्य प्रस्तुत करती हैं l खेल के दिनों में, बीमार बच्चे और उनके परिवार नीचे की कार्यवाई देखने के लिए फर्श पर इकठ्ठा होते हैं, और पहली तिमाही के अंत में, कोच, एथलीट और हजारों प्रशंसक हॉस्पिटल की ओर मुड़कर हाथ हिलाते हैं l उन कुछ पलों में बच्चों की आँखों में चमक आ जाती है l खिलाड़ियों से खचाखच भरे स्टेडियम में और हज़ारों की संख्या में टीवी दर्शकों के सामने, खिलाडियों का रूककर अपना परवाह दिखाना शक्तिशाली है l

शास्त्र शक्तिशाली लोगों को (और हम सभी के पास किसी न किसी प्रकार की शक्ति है) निर्देशित करते हैं कि जो कमज़ोर हैं उनकी देखभाल करें, उन पर ध्यान दें जो संघर्ष कर रहे हैं, और उनकी देखभाल करें जिनके शरीर टूटे हुए हैं l हालाँकि, बहुत बार, हम उन लोगों की उपेक्षा करते हैं जिनपर ध्यान देने की ज़रूरत है (यहेजकेल 34:6) l नबी यहेजकेल ने इस्राएल के अगुओं को उनके स्वार्थी स्वभाव के लिए डांटा, उन लोगों की उपेक्षा करने के लिए जिन्हें सहायता की अति आवश्यकता थी l “हाय,” परमेश्वर ने यहेजकेल द्वारा कहा l “तुम ने बीमारों को बलवान न किया, न रोगियों को चंगा किया, न घायलों के घावों को बाँधा” (पद.2, 4) l

कितनी बार हमारी व्यक्तिगत प्राथमिकताएँ, नेतृत्व दर्शन, या आर्थिक नीतियाँ संकट में पड़े लोगों के प्रति कम सम्मान प्रदर्शित करती हैं? परमेश्वर हमें एक अलग मार्ग दिखाता है, जहाँ शक्तिशाली लोग निर्बलों की परवाह करते हैं (पद.11-12) l