चर्च आराधना के अंत में पास्टर के निमंत्रण पर, लेट्रीस आगे गयी l जब उसे मंडली का अभिवादन करने के लिए आमंत्रित किया गया, तो उसके द्वारा बोले गए वज़नी और अनोखे शब्दों के लिए कोई भी तैयार नहीं था l वह केंटकी, अमेरिका से स्थानांतरित हो गयी थी, जहाँ दिसम्बर 2021 में विनाशकारी बवंडर ने उसके परिवार के सात सदस्यों की जान ले ली थी l “मैं अभी भी मुस्कुरा सकती हूँ क्योंकि परमेश्वर मेरे साथ है,” उसने कहा l यद्यपि आजमाइश से घायल हुई, उसकी गवाही उन लोगों के लिए एक शक्तिशाली प्रोत्साहन थी जो स्वयं की चुनौतियों का सामना कर रहे थे l

भजन 22 में दाऊद के शब्द (जो यीशु की पीड़ा की ओर संकेत करते हैं) एक प्रताड़ित व्यक्ति के हैं जो परमेश्वर द्वारा त्यागा हुआ महसूस करता है (पद.1), दूसरों द्वारा तिरस्कृत और उपहास किया जाता है (पद.6-8), और आक्रमणकारियों से घिरा हुआ है (पद. 12-13) l उसने कमज़ोर और थका हुआ महसूस किया (पद.14-18)—लेकिन वह निराश नहीं था l “परन्तु हे यहोवा, तू दूर न रह! हे मेरे सहायक, मेरी सहायता के लिए फुर्ती कर!” (पद.19) l आपकी वर्तमान चुनौती—हालाँकि संभवतः दाऊद या लेट्रीस की तरह एक ही किस्म की नहीं है—उतनी ही असली है l और पद 24 के शब्द उतने ही अर्थपूर्ण हैं : “उसने दुखी को तुच्छ नहीं जाना; . . . पर जब उसने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सुन ली l” और जब हम परमेश्वर की सहायता का अनुभव करते हैं, तो आइए हम उसकी भलाई की घोषणा करें ताकि दूसरे इसके बारे में सुन सकें (पद.22) l