परमेश्वर की बुद्धि जीवनों को बचाता है
एक डाकिया अपने एक ग्राहक के डाक को ढेर में देखकर चिंतित हो गया। डाक कर्मचारी जानता था कि बुजुर्ग महिला अकेली रहती थी और आमतौर पर हर दिन अपना डाक उठाती थी। एक बुद्धिमान निर्णय लेते हुए, कार्यकर्ता ने महिला के पड़ोसियों में से एक को अपनी चिंता बातयी । इस पड़ोसी ने दूसरे पड़ोसी को सचेत किया, जिसके पास उस महिला के घर का एक अतिरिक्त चाबी थी। वे एक साथ अपने दोस्त के घर में गए और उसे फर्श पर पड़ा हुआ पाया। वह चार दिन पहले गिर गई थी और न तो उठ सकी और न ही मदद के लिए पुकार सकी। डाक कर्मचारी की बुद्धिमत्ता, चिंता और कार्य करने के निर्णय से संभवतः उसकी जान बाख गयी ।
नीतिवचन कहता है, “और जो आत्माओं को जीत लेता है वह बुद्धिमान है” (11:30)। परमेश्वर की बुद्धि के अनुसार सही काम करने और जीने से जो विवेक आता है, वह न केवल हमें बल्कि उन लोगों को भी आशीर्वाद दे सकता है जिनसे हम मिलते हैं। उसका और उसके तरीकों का सम्मान करने वाले जीवन जीने का फल एक अच्छा और स्फूर्तिदायक जीवन उत्पन्न कर सकता है। और हमारा फल हमें दूसरों की देखभाल करने और उनकी भलाई का ध्यान रखने के लिए भी प्रेरित करता है।
जैसा कि नीतिवचन के लेखक ने पूरे पुस्तक में दावा किया है, बुद्धि परमेश्वर पर निर्भरता में पाई जाती है। बुद्धि “मुंगे से भी अच्छी है, और सारी मनभावनी वस्तुओं में कोई भी उसके तुल्य नहीं है” (8:11)। जो बुद्धि परमेश्वर प्रदान करता है वह जीवन भर हमारा मार्गदर्शन करती रहती है। यह अनंत काल के लिए किसी का जीवन बचा सकता है।
क्रिसमस के बाद का दिन
क्रिसमस के दिन की सारी खुशियों के बाद, अगला दिन निराशाजनक सा महसूस हुआ। हम दोस्तों के साथ रात भर रुके लेकिन ठीक से सो नहीं पाए। जब हम घर जा रहे थे तो हमारी कार खराब हो गई। फिर बर्फ गिरने लगा। हम कार छोड़कर बर्फबारी और ओलावृष्टि के बीच टैक्सी से घर के तरफ चल पड़े थे।
हम अकेले नहीं हैं जो क्रिसमस के बाद निराशा महसूस किए। चाहे वह अत्यधिक खाने से हो, जिस तरह से रेडियो से कैरोल अचानक गायब हो जाते हैं, या यह तथ्य कि पिछले सप्ताह हमने जो उपहार खरीदे थे वे अब आधी कीमत पर बिक्री पर हैं, क्रिसमस के दिन का जादू जल्दी ही ख़त्म हो सकता है!
बाइबल हमें यीशु के जन्म के अगले दिन के बारे में कभी नहीं बताती। लेकिन हम कल्पना कर सकते हैं कि बेथलहम तक चलने के बाद, आवास के लिए संघर्ष, जन्म देने में मरियम का दर्द, और चरवाहों का बिना बताए आना-जाना (लूका 2:4-18), से मरियम और युसूफ थक गये थे। फिर भी जब मरियम ने अपने नवजात को गोद में उठाया, मैं कल्पना कर सकता हूँ कि वह स्वर्गदूत से अपनी मुलाकात (1:30-33), इलीशिबा का आशीर्वाद (पद.42-45), और अपने बच्चे की नियति के बारे में स्वयं के एहसास (पद.46-55) पर विचार कर रही होगी । मरियम ने अपने मन में ऐसी बातों पर "सोचती रही" (2:19), जिसने उस दिन की थकान और शारीरिक पीड़ा को हल्का कर दिया होगा।
हम सब के पास "बकवास" के दिन होते हैं, शायद क्रिसमस के अगले दिन भी। आइए मरियम के तरह, उस व्यक्ति पर विचार करके उनका सामना करें जो हमारे दुनिया में आया, अपनी उपस्थिति से इसे हमेशा के लिए रोशन कर दिया।
मसीह के जन्म की प्रतिज्ञा
नवंबर 1962 में, भौतिक विज्ञानी जॉन डब्ल्यू. मौचली ने कहा, “यह मानने का कोई कारण नहीं है कि औसत लड़का या लड़की पर्सनल कंप्यूटर में निपुण नहीं हो सकते।” मौचली का अनुमान उस समय उल्लेखनीय लग रहा था, लेकिन यह आश्चर्यजनक रूप से सटीक साबित हुआ। आज, कंप्यूटर या हैंडहेल्ड डिवाइस का उपयोग करना बच्चे द्वारा सीखे जाने वाले शुरुआती कौशलों में से एक है।
जबकि मौचली का अनुमान सच हो गया, वैसे ही और भी महत्वपूर्ण भविष्यवाणियाँ हैं--जो यीशु मसीह के आगमन के बारे में पवित्रशास्त्र में किया गया हैं। उदाहरण के लिए, मीका 5:2 ने घोषित किया, “हे बैतलहम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तो भी तुझ में से मेरे लिये एक पुरुष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करनेवाला होगा; और उसका निकलना प्राचीनकाल से, वरन् अनादि काल से होता आया है।” परमेश्वर ने यीशु को भेजा, जो छोटे से बैतलहम में आए-- उन्हें दाऊद के शाही वंश से चिह्नित किया गया (देखें लूका 2:4-7)।
वही बाइबल जिसने यीशु के प्रथम आगमन की सटीक भविष्यवाणी की थी, वह उनके वापसी का भी वादा करती है (प्रेरितों 1:11)। यीशु ने अपने प्रथम अनुयायियों से वादा किया कि वह उनके लिए वापस आयेंगे (यूहन्ना 14:1-4)।
इस क्रिसमस पर, जब हम यीशु के जन्म के बारे में सटीक भविष्यवाणी किए गए तथ्यों पर विचार करते हैं, हम उसकी वापसी के किए गये वादे पर भी विचार करें और उसे हम उस भव्य क्षण जब हम उसे आमने-सामने देखेंगें के लिए तैयार करने की अनुमति दें!
क्रिसमस का तारा
"यदि आपको वह तारा मिल जाए, तो आप हमेशा अपने घर का रास्ता खोज सकते हैं।" ये मेरे पिता के शब्द थे जब उन्होंने मुझे बचपन में उत्तर तारा(North Star) का पता लगाना सिखाया था। पिताजी ने युद्ध के दौरान सशस्त्र बलों में सेवा की थी, और ऐसे क्षण भी आए जब उनका जीवन रात के आकाश को देख अपना रास्ता ढूंढ़ने पर निर्भर था। इसलिए उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मुझे कई नक्षत्रों के नाम और स्थान मालूम हों, लेकिन पोलारिस(Polaris/Pole Star/North Star) को ढूंढने में सक्षम होना सबसे अधिक महत्वपूर्ण था। उसके स्थान को जानने का मतलब था कि मैं जहां भी था दिशा का ज्ञान प्राप्त कर सकता था और यह जान सकता था कि मुझे कहां होना चाहिए था।
पवित्रशास्त्र एक और अत्यंत महत्वपूर्ण तारे के बारे में बताता है। “पूर्व के ज्योतिषी,” विद्वान लोग (वर्तमान के ईरान और इराक से घिरे क्षेत्र से) उस व्यक्ति के जन्म के संकेतों को आकाश में देख रहे थे जो अपने लोगों के लिए परमेश्वर का राजा बनने वाला था। वे यह पूछते हुए यरूशलेम आए “यहूदियों का राजा जिसका जन्म हुआ है, कहाँ है? क्योंकि हमने पूर्व में उसका तारा देखा है और उसको प्रणाम करने आए हैं” (मत्ती 2:1-2)।
खगोलशास्त्रियों को यह पता नहीं कि बेथलहम का तारा क्यों प्रकट हुआ, लेकिन बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने इसे दुनिया को यीशु—“भोर का चमकता हुआ तारा” (प्रकाशितवाक्य 22:16) की ओर इंगित करने के लिए बनाया था। मसीह हमें हमारे पापों से बचाने और हमें वापस परमेश्वर की ओर मार्गदर्शन करने के लिए आया। उसका अनुसरण करें, और आपको आपके घर का रास्ता मिल जाएगा।
यीशु में संगती
मुझे यह ठीक से पता नहीं कि रविवार की सुबह हमारी आराधना के बाद लाइटों को और चर्च को बंद करने के लिए कौन जिम्मेदार है। लेकिन मैं उस व्यक्ति के बारे में एक बात जानता हूं : रविवार के भोजन में देर होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत से लोग चर्च के बाद इधर-उधर घूमना और जीवन के निर्णयों, हृदय संबंधी मुद्दों और संघर्षों और बहुत कुछ के बारे में बात करना पसंद करते हैं। आराधना के लगभग बीस मिनट बाद भी यह देखना आनंददायक है कि बहुत से लोग अभी भी एक-दूसरे की संगति का आनंद ले रहे हैं।
संगति मसीह-सदृश जीवन का एक प्रमुख घटक है। उस सम्बन्ध के बिना जो साथी विश्वासियों के साथ समय बिताने से आती है, हम विश्वासी होने के कई लाभों से चूक जायेंगे।
उदाहरण के लिए, पौलुस कहता है कि हम “एक दूसरे को शान्ति [दे सकते हैं] और एक दूसरे की उन्नति का कारण” बन सकते हैं (1 थिस्सलुनीकियों 5:11)। इब्रानियों का लेखक इस बात से सहमत है कि हमें एकजुट होने में लापरवाही नहीं करना चाहिए, क्योंकि हमें "एक दूसरे को समझाते” रहना चाहिए (10:25)। और लेखक यह भी कहता है कि जब हम एक साथ होते हैं, तो हम “भले कामों में उस्काने के लिये एक दूसरे की चिन्ता” करते हैं (पद.24)।
यीशु के लिए जीने के लिए समर्पित लोगों के रूप में, हम खुद को विश्वासयोग्यता और सेवा के लिए तैयार करते हैं जब हम “निरुत्साहित को प्रोत्साहित” करते और “सब की ओर सहनशीलता” दिखाते हैं। (1 थिस्सलुनीकियों 5:14)। उस तरह से जीने से, हमें सच्ची संगति का आनंद लेने में और "आपस में और सब से भी भलाई करने में” (पद.15) मदद करता हैं।