Our Authors

सब कुछ देखें

Articles by लिसा एम समरा

ग्रहण

मैं आँखों की सुरक्षा, देखने का एक आदर्श स्थान, और घर के बने अल्पाहार के साथ तैयार था। लाखों लोगों के साथ मेरा परिवार और मैंने पूर्ण सूर्यग्रहण की पूरी घटना को देखा - चाँद द्वारा पूरे सूर्य को ढक देना। 
ग्रहण ने गर्मी के एक सामान्य उज्जवल दोपहर को असामान्य अँधेरे से ढक दिया। हालाँकि हमारे लिए यह ग्रहण एक मजेदार उत्सव और सृष्टि पर परमेश्वर की अविश्वसनीय शक्ति का स्मरण था (भजन 135:6-7), पूरे इतिहास में दिन में अँधेरा असामान्य और पूर्वाभास/अनिष्ट दर्शन के रूप में देखा गया है (निर्गमन 10:21); मत्ती 27:45), एक संकेत है कि सब कुछ वैसा नहीं है जैसा होना चाहिये।
प्राचीन इस्राएल में विभाजित राज्य के समय नबी, आमोस के लिए यह अँधेरा यही दर्शाता है। आमोस ने उत्तरी राज्य को चेतावनी दी कि यदि वे परमेश्वर से दूर होते रहे तो विनाश होगा। एक संकेत के रूप में, परमेश्वर “सूर्य को दोपहर के समय अस्त [करेगा], और इस देश को दिन दुपहरी अँधियारा कर [देगा]” (आमोस 8:9) l
लेकिन परमेश्वर की अंतिम इच्छा और उद्देश्य था – और है भी - सभी चीजों को सही बनाना। यहाँ तक कि जब लोगों को निर्वासन में ले जाया गया था, तब परमेश्वर ने एक दिन यरूशलेम, में लोगों  के एक बचे हुए भाग को लाने का और “गिरी हुई झोपड़ी को खड़ा [करने], और उसके बाड़े के नाकों को [सुधारने], और उसके खंडहरों को फिर [बनाने]” वादा किया (आमोस 9:11)।
यहाँ तक कि जब जीवन अपने सबसे अँधेरे में हो, तो इस्राएल की तरह, हम यह जानने में आराम पा सकते हैं कि परमेश्वर – सभी लोगों के लिए – ज्योति और आशा वापस लाने का कार्य कर रहा है (प्रेरितों 15:14-18) l

पर्दा डालना

जब मेरी उड़ान सामान्य गति पर पहुँची, उड़ान परिचारक ने प्रथम श्रेणी को अलग करनेवाला पर्दा हटा दिया, और मुझे हवाई जहाज़ पर क्षेत्रों के बीच के मतभेदों की एक चौंकानेवाली याद दिला दी l कुछ यात्रियों को पहले प्रवेश मिलता है, बैठने के लिए पर्याप्त स्थान के साथ पैरों को रखने के लिए अतिरिक्त स्थान और व्यक्तिगत सेवा का आनंद मिलता है l पर्दा उन अनुलाभों(Perks) से मेरे अलगाव का नम्र याद दिलाता है l 

लोगों के समूहों के बीच बहिष्करण अंतर पूरे इतिहास में दिखाई देता है, जिसमें एक तरह से, यहाँ तक कि यरूशलेम में परमेश्वर का मंदिर भी शामिल है, यद्यपि अधिक भुगतान करने की क्षमता के कारण नहीं l गैर-यहूदियों को केवल बाहरी आँगन में आराधना करने की अनुमति थी l इसके बाद महिलाओं का आँगन, और उससे और निकट, पुरुषों के लिए निर्धारित क्षेत्र l आखिर में, महा पवित्र स्थान, जिसे एक परदे के पीछे छिपाया गया था, उस स्थान के रूप में देखा जाता था जहाँ परमेश्वर स्वयं को विशिष्ट रूप से प्रकट करता था, और प्रत्येक वर्ष केवल एक अभिषिक्त याजक उसमें प्रवेश कर सकता था (इब्रानियों 9:1-10) l 

लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से, यह अलगाव अब मौजूद नहीं है l यीशु ने उन सभी अवरोधों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया, जो किसी को भी परमेश्वर तक पहुँचने में बाधा डाल सकती है – यहाँ तक कि हमारे पाप भी (10:17) l जिस तरह मसीह की मृत्यु के समय मंदिर का पर्दा दो भागों में फटा था (मत्ती 2:50-51), उसके क्रूस पर चढ़े शरीर ने परमेश्वर की उपस्थिति के लिए सभी अवरोधों को दूर कर दिया l ऐसा कोई अवरोध नहीं है जो किसी भी विश्वासी को जीवित परमेश्वर की महिमा और प्रेम का अनुभव करने के लिए अलग करने की आवश्यकता हो l 

अत्यधिक विशेषता होना

फिल्म देखनेवालों ने एमिली ब्लंट (एक अमेरिकी अभिनेत्री) की खूबसूरत आवाज़ को मैरी पॉपिंस रिटर्न्स(Mary Poppins Returns) में मुख्य कलाकार की भूमिका में सुना l आश्चर्यजनक रूप से, उसके विवाह के चार साल बीतने पर ही उसके पति को उसके मुखर प्रतिभा का पता चला l एक साक्षात्कार में, उसने पहली बार उसको गाते हुए सुनकर, यह सोचते हुए अपने आश्चर्य का खुलासा किया, “तुम मुझे यह कब बताने जा रही थी?”

रिश्तों में हमें अक्सर नयी, कभी-कभी अप्रत्याशित, बारीकियों की जानकारी मिलती है, जो हमें आश्चर्यचकित करते हैं l मरकुस के सुसमाचार में, मसीह के शिष्यों ने आरम्भ में यीशु की अधूरी तस्वीर के साथ शुरुआत की और संघर्ष किया कि वह कौन है l हालाँकि, गलील के झील में आमना-सामना होने पर,यीशु से अपने को और अधिक प्रकट किया – इस समय प्रकृति की शक्ति के ऊपर उसकी सामर्थ्य का विस्तार l 

5,000 से अधिक लोगों की भीड़ को खिलाने के बाद, यीशु ने अपने शिष्यों को गलील के झील में भेजा, जहाँ वे एक भयंकर अंधी में फंस गए l भोर होने से ठीक पहले, शिष्य किसी को पानी पर चलते देख कर घबरा गए l मसीह की परिचित आवाज़ ने शांति के शब्द बोले, “ढाढ़स बांधो : मैं हूँ; डरो मत!” (मरकुस 6:50) l उसके बाद उसने उग्र आंधी को शांत किया l ऐसी महान शक्ति को देखने के बाद, शिष्य “आश्चर्य करने लगे” (6”51) जब वे मसीह की सामर्थ्य के इस अनुभव को पूरी तरह से समझने में संघर्ष करते रहे l 

जब हम अपने जीवन की आँधियों के विषय यीशु और उसकी शक्ति का अनुभव करते हैं, तो हम एक और पूरी तस्वीर प्राप्त करते हैं कि वह कौन है l और हम चकित होते हैं l 

किताब में आनंदित हों

सुन्दोकू(Tsundoku) l एक जापानी शब्द, जो एक पलंग के निकट मेज़ पर पुस्तकों के ढेर को संदर्भित करता है जो पढ़ने के लिए इंतज़ार कर रहा है l पुस्तकें सीखने या किसी दूसरे समय या स्थान पर भागने की क्षमता प्रदान करती हैं, और मैं उन पृष्ठों के भीतर मिलने वाली प्रसन्नता और अंतर्दृष्टि के लिए अत्यधिक लालसा रखता हूँ l इस प्रकार, ढेर पड़ा रहता है l 

यह विचार कि हम पुस्तक में आनंद और मदद पा सकते हैं, पुस्तकों की पुस्तक के लिए और भी सही है – बाइबल l मैं इस्राएल के नव नियुक्त अगुआ यहोशू को पवित्रशास्त्र में परमेश्वर के निर्देशों में अपने आप को तल्लीन करने के लिए प्रोत्साहित देखता हूँ, जिसे इस्राएलियों को दिए गए प्रतिज्ञात देश में ले जाने के लिए नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था (यहोशू 1:8) l 

आगे की कठिनाई को जानकार, परमेश्वर ने यहोशू को आश्वासन दिया, “मैं . . . तेरे संग . . . रहूँगा” (पद.5) l परमेश्वर की सहायता मुख्य रूप से यहोशु द्वारा परमेश्वर की आज्ञाओं को मानने के द्वारा आएगी l इसलिए परमेश्वर ने उसे निर्देश दिया कि “व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना . . . जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी [करना]” (पद.8) l हालाँकि यहोशू के पास व्यवस्था की पुस्तक थी, फिर भी उसे नियमित रूप से यह जानने और समझने की ज़रूरत थी कि परमेश्वर और उसके लोगों के लिए उसकी इच्छा क्या है l 

क्या आपको अपने दिन के लिए निर्देश, सच्चाई या प्रोत्साहन की ज़रूरत है? जब हम पवित्रशास्त्र को पढ़ने, पालन करने, और पोषण प्राप्त करने के लिए समय निकलते हैं, तो हम इसके पृष्ठों में निहित सभी का स्वाद चख सकते हैं (2 तीमुथियुस 3:16) l 

सर्वदा उपस्थित उपस्थिति

2018 विश्व कप के दौरान, कोलम्बियाई फॉरवर्ड रेडमेल फाल्काओ ने पोलैंड के खिलाफ सातवें मिनट में गोल करके, एक जीत हासिल की l फाल्काओ का अंतर्राष्ट्रीय खेल में यह तीसवाँ प्रभावशाली गोल था, जिसने उसे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में एक कोलम्बियाई खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक गोल करने का गौरव दिलाया l 

फाल्काओ ने बार-बार एक अंक प्राप्त करने के बाद अपनी जर्सी को उठाकर कॉन ननकाएस्तारा सोलो : “यीशु के साथ आप कभी भी अकेले नहीं है” लिखे हुए शब्दों के साथ अपनी शर्ट को दिखाकर अक्सर अपने विश्वास को साझा करने के लिए फुटबॉल पिच पर अपनी सफलता का इस्तेमाल किया l  

फाल्काओ का कथन हमें यीशु के आश्वासन पूर्ण प्रतिज्ञा की ओर इंगित करता है, “मैं जगत के अंत तक सदा तुम्हारे संग हूँ” (मत्ती 28:20) l यह जानकार कि वह स्वर्ग लौटने वाला था, यीशु ने अपने चेलों को यह विश्वास दिलाया कि वह हमेशा अपनी आत्मा की उपस्थिति के द्वारा उनके साथ रहेगा, (पद.20); यूहन्ना 14:16-18) l मसीह की आत्मा उन्हें निकट और दूर के शहरों में यीशु के सन्देश को ले जाने के समय उन्हें आराम, मार्गदर्शन, संरक्षण देगी और सशक्त बनाएगी l जब वे अपरिचित स्थानों में तीव्र अकेलेपन के समयों का अनुभव करेंगे, तो मसीह के शब्द उनके कानों में गूंजेंगे, उनके साथ उसकी उपस्थिति की याद दिलाएगा l 

कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ जाते हैं, चाहे वह घर के करीब हो या दूर, जैसा कि हम अज्ञात में यीशु का अनुसरण करते हैं, हम भी इसी वादे से बंध सकते हैं l यहाँ तक कि जब हम अकेलेपन की भावनाओं का अनुभव करते समय, यीशु से प्रार्थना करते हैं, हम यह जानकार कि वह हमारे साथ है हम आराम पा सकते हैं l 

कभी न भुलाया गया

मेरे बच्चों द्वारा मुझे यह साबित करने के लिए कहा गया कि मैंने पियानो की मूल बातों में महारत हासिल करने में वर्षों का समय लगाया था, मैं बैठ कर सुर सी मेजर(scale C Major) बजाना आरम्भ कर दिया l मुझे दो दशकों में पियानो बजाने का मौका बहुत कब मिला, फिर भी मुझे आश्चर्य हुआ कि मुझे बजाना याद था! अपने को बहादुर महसूस करते हुए, मैं याद से एक के बाद सात भिन्न सुर बजाना आरम्भ कर दिया l मैं चकित हुयी! वर्षों के अभ्यास ने सुर और तकनीक को इतनी गहराई से मेरी ऊंगलियों के “स्मरण” में अंकित कर दिया थे कि वे तुरंत जान जातीं थी कि उन्हें क्या करना था l

कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है l लेकिन परमेश्वर का अपने  बच्चों के लिए प्यार हमारी किसी भी लुप्त होती याद की तुलना में कही अधिक गहराई से अंकित है – वास्तव में, परमेश्वर उन्हें भूल नहीं सकता है l यह वही है जो इस्राएलियों को सुनने की ज़रूरत थी जब निर्वासन ने उन्हें उसके द्वारा त्यागने का एहसास दिलाया था l (यशायाह 49:14) l यशायाह के द्वारा उसका प्रत्युतर ज़ाहिर था : “मैं तुझे नहीं भूल सकता” (पद.15) l अपने लोगों की देखभाल के लिए परमेश्वर का वादा अपने बच्चे के लिए एक माँ के प्यार से अधिक निश्चित था l

अपने न बदलनेवाले प्रेम के बारे में उन्हें आश्वस्त करने के लिए, उसने उन्हें अपनी प्रतिबद्धता की एक तस्वीर दी : “देख, मैंने तेरा चित्र अपने हथेलियों पर खोदकर बनाया है” (पद.16) l यह परमेश्वर की अपने बच्चों के प्रति निरंतर जागरूकता की एक सुन्दर छवि है; उनके नाम और चेहरे हमेशा उनके सामने हैं l

फिर भी आज, हम आसानी से अनदेखी और भूल महसूस कर सकते हैं l यह याद रखना कितना आरामदायक है कि हम परमेश्वर के हाथों में “उकेरे” गए हैं – हमेशा अपने पिता के द्वारा याद किये जाते हैं, देखभाल किये जाते है, और प्यार किये जाते हैं l

यह मैं हूँ(This Is Me)

प्रभावशाली गीत “दिस इज़ मी(This Is Me)” द ग्रेटेस्ट शोमैन में चित्रित एक अविश्वसनीय शो ट्यून है जो पी. टी. बर्मुम के जीवन और उसके चलते-फिरते सर्कस पर आधारित संगीतमय फिल्म है l फिल्म के गीत जिन्हें फिल्म में पात्रों ने गया सामजिक मानदंडों पर विफल होने के कारण मौखिक तानों और दुर्व्यवहार को सहा, जो शब्दों को विनाशकारी गोलियों और चाकुओं के रूप में वर्णन करते हैं जो दाग़ छोड़ जाते हैं l 

गीत की लोकप्रियता इस बात की ओर इशारा करती है कि कितने लोग अदृश्य, किन्तु वास्तविक, घावों को झेलते हैं जो शब्दों के अस्त्रों के रूप में उपयोग द्वारा पैदा होते हैं l

याकूब ने हमारे शब्दों के संभावित खतरे को विनाशकारी और लम्बे समय तक चलनेवाले नुकसान का कारण समझते हुए, जीभ को “एक ऐसी बला” बताया “जो कभी रूकती ही नहीं, [और] प्राण नाशक विष से भरी हुयी है” (3:8) l आश्चर्यजनक मजबूत तुलना करके, याकूब ने विश्वासियों को अपने शब्दों की विशाल शक्ति को पहचानने की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया l इससे भी अधिक, उसने एक सांस द्वारा परमेश्वर की स्तुति करने और उसके बाद दूसरे के द्वारा परमेश्वर की छवि में सृष्ट लोगों को घायल करने की असंगति पर प्रकाश डाला (पद.9-10) l

गीत “दिस इज़ मी(This Is Me)” इसी तरह मौखिक हमलों के सत्य को चुनौती देते हुए बल देता है कि हम सब महान हैं – एक सच्चाई बाइबल जिसकी पुष्टि करती है l बाइबल हर एक मनुष्य की अद्वितीय गरिमा और खूबसूरती को स्थापित करती है, बाहरी दिखावे या किसी भी चीज़ के कारण नहीं जो हमने किया है, बल्कि इसलिए कि हममें से हर एक परमेश्वर द्वारा खूबसूरती से अभिकल्पित हैं  – उसकी अनोखी कृतियाँ (भजन 139:14) l और एक दूसरे के लिए और एक दूसरे के विषय हमारे शब्दों में उस वास्तविकता को फिर से मजबूत करने की शक्ति है l

मैं हानि से नहीं डरूंगा

1957 में, मेल्बा पेटिलो बील्स  “लिटिल रॉक नाइन(Little Rock Nine),”  के एक सदस्य के रूप में चुनी गयी, जो नौ अफ्रीकन अमेरिकन विद्यार्थियों का एक समूह था जिन्होनें अरकंसास, लिटिल रॉक के सेंट्रल हाई स्कूल को सबसे पहले श्वेतों और अश्वेतों दोनों ही के लिए अनिवार्य कर दिया और जो पूर्व में केवल श्वेत लोगों के लिए था l अपने 2018 के वृतांत, आई विल नॉट फियर : माई स्टोरी ऑफ़ ए लाइफटाइम ऑफ़ बिल्डिंग फैथ अंडर फायर (I Will Not Fear: My Story of a Lifetime of Building Faith under Fire), में बील्स उस अन्याय और उत्पीड़न का एक मर्मस्पर्शी वर्णन करती है जिसका सामना वह पंद्रह वर्ष की छात्रा के रूप में प्रतिदिन संघर्ष करते हुए साहस के साथ करती थी l

परन्तु उसने परमेश्वर में अपने गहरे विश्वास के विषय भी लिखा l अपने सबसे अंधकारपूर्ण पलों में, जब भय ने उसे पूर्ण रूप से पराजित करना चाहा, बील्स ने बाइबल के लोकप्रिय पदों को दोहराया जो उसने बचपन में अपनी दादी से सीखे थे l उनको दोहराते समय, उसे अपने साथ परमेश्वर की उपस्थिति याद आई, और वचन ने उसे दृढ़ रहने के लिए साहस दिया l

बील्स अक्सर भजन 23 को दोहराती थी, “चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुयी तराई में होकर चलूँ, तौभी हानि से न [डरूंगी]; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है” (पद.4) और इसे अंगीकार करके आराम पाती थी l उसकी दादी का प्रोत्साहन उसके कानों में गूंजता था और उसे आश्वासन देता था कि परमेश्वर “अति निकट है, और तुम केवल उससे ही सहायता मांग सकती हो l”

यद्यपि हमारी ख़ास स्थितियाँ भिन्न हो सकती हैं, कदाचित हम सब कठिन संघर्षों एवं अभिभूत करनेवाली स्थितियों को सहन करेंगे जो हमें भयभीत करके आसानी से हार मानने के लिए उत्प्रेरित करेंगी l आपका हृदय इस सच्चाई में उत्साहित हो कि परमेश्वर की सामर्थी उपस्थिति हमेशा हमारे साथ है l

सेवक का मन

रसोइया l कार्यक्रम आयोजक (Event Planner) l आहार विज्ञ(Nutritionist) l नर्स l ये कुछ एक जिम्मेदारियां हैं जो आधुनिक माताएं निभाती हैं l 2016 में, शोध के अनुमान के अनुसार माताएं सभवतः एक सप्ताह में बच्चे से सम्बंधित कार्य उन्सठ से छियानवे घंटे करती हैं l

माताएं हमेशा थकी होती हैं इसमें कोई आश्चर्य नहीं है! माँ होने का मतलब है बच्चों की देखभाल के लिए अत्यधिक समय और ऊर्जा खर्च करना, जिन्हें बहुत अधिक सयायता चाहिए  जब वे संसार को जानना सीखते हैं l

जब मेरा दिन मुझे लम्बा महसूस होता है और मुझे ताकीद चाहिए कि दूसरों की देखभाल एक ईमानदार कोशिश है, मुझे बड़ी आशा मिलती है जब मैं यीशु को सेवा करनेवालों को अनुमोदित करते हुए देखती हूँ l

मरकुस रचित सुसमाचार में, शिष्य आपस में वाद-विवाद कर रहे थे कि उनमें बड़ा कौन है l

यीशु शांति से बैठकर उन्हें स्मरण दिलाया कि “यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो सब से छोटा और सब का सेवक बने” (9:35) l उसके बाद उसने एक बालक को गोद में लेकर दूसरों की सेवा करने का महत्त्व दर्शाया, विशेषकर जो हममें सबसे अधिक असहाय हैं (पद.36-37) l

मसीह का प्रतिउत्तर उसके राज्य में महानता का पैमाना क्या होना चाहिए को पुनः स्थापित कर देता है l उसका मानक दूसरों की सेवा करने वाला हृदय है l और यीशु ने प्रतिज्ञा की है कि परमेश्वर की सामर्थी उपस्थिति सेवा करने का चुनाव करनेवालों के साथ रहेगी (पद.37) l

जब आपके पास अपने परिवार या समुदाय में सेवा करने के अवसर हैं, उत्साहित हो जाएं कि यीशु उस समय को और प्रयास को जो आप दूसरों की सेवा में लगाएंगे स्थायी महत्व देता है l