एक साथ रहें
ड्यूबेरी बैपटिस्ट चर्च 1800 के दशक में मुर्गे की टांग पर विभाजित हो गया। कहानी के विभिन्न संस्करण मौजूद हैं, लेकिन एक मौजूदा सदस्य द्वारा बताया गया वर्णन यह था कि दो लोगों ने चर्च के एक सामुदायीक भोजन में आखिरी टुकड़े पर झगड़े थे l एक व्यक्ति ने कहा कि परमेश्वर चाहता है कि वह उसे प्राप्त करे। दूसरे ने उत्तर दिया कि परमेश्वर को परवाह नहीं है, और वास्तव में वह उसे चाहता था। वे लोग इतने उग्र हो गए कि एक झुंड, सड़क से दो किलोमीटर दूर चला गया और ड्यूबेरी बैपटिस्ट चर्च नंबर 2 शुरू कर दिया। शुक्र है, चर्चों ने अपने मतभेदों को सुलझा लिया है, और हर कोई मानता है कि उनके विभाजन का कारण हास्यास्पद था।
यीशु सहमत है। अपनी मृत्यु से एक रात पहले यीशु ने अपने अनुयायियों के लिए प्रार्थना की। हे पिता, वे “एक हो जाएं, जैसा तू मुझ में है और मैं तुझ में हूं।” हो सकता है कि वे "पूर्ण एकता में लाए जाएं। तब जगत जानेगा कि तू ने मुझे भेजा है" (यूहन्ना 17:21-23)।
पौलुस सहमत है। वह हमसे आग्रह करता है कि "मेल के बन्धन में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो। एक ही देह है और एक ही आत्मा” (इफिसियों 4:3-4), और इन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता है।
हम जो हमारे पाप के लिए मसीह के टूटे हुए शरीर के लिए रोते हैं, हमें उनके शरीर, चर्च को अपने क्रोध, गपशप और गुटबाजी से नहीं फाड़ना चाहिए। चर्च विभाजन के घोटाले के दोषी होने की तुलना में खुद को गलत होने देना बेहतर है। दूसरे आदमी को मुर्गे की टांग──और कुछ मिठाई भी दें!
यीशु का एक सच्चा शिष्य
जब एक कला संग्राहक ने अपनी वैन गोग चित्रकारी (एक प्रसिद्ध पाश्चात्य चित्रकार) एक कला विशेषज्ञ को दिखाया, विशेषज्ञ ने उस पर एक नज़र डाली और कहा कि यह असली नहीं है । संग्राहक ने उसके बाद उस चित्रकारी को अपनी अटारी में छिपा दिया, जहाँ वह पचास वर्षों तक रखा रहा । उसकी मृत्यु के बाद, और अगले चार दशकों तक उस चित्रकारी का रह रह कर मूल्यांकन होता रहा । हर बार यह पक्का किया गया कि वह नकली था──2012 तक, जब तक कि एक विशेषज्ञ ने चित्रकारी फलक(canvas) के धागा विभाजन(thread separation) को गिनने के लिए कंप्यूटर का उपयोग नहीं किया । उसने पता लगाया कि यह एक ही कैनवास से वैन गोग के एक और चित्रकारी के रूप में काटा गया था । कला संग्राहक के पास वैन गोग का असली चित्रकारी था ।
क्या आप नकली की तरह अनुभव करते हैं? क्या आप डरते हैं कि यदि लोग आपको जाचेंगे, वह जान जाएंगे कि आप कितना कम प्रार्थना करते हैं, कितना कम देते हैं, और कितना कम सेवा करते हैं? क्या आप ताँक-झाँक करनेवाली आँखों से दूर, अटारी में छिपने के लिए प्रलोभित हैं?
अपने जीवन की रूप-रेखा, और रंग के नीचे, गहराई में देखें । यदि आप अपने मार्गों से मुड़ गए हैं और यीशु में विश्वास किये हैं, तब आप और वह एक ही कैनवास के हिस्से हैं । यीशु की तस्वीर का उपयोग करने पर, “मैं दाखलता हूँ : तुम डालियाँ हो” (यूहन्ना 15:5) । यीशु और आप सीवनहीन संपूर्णता बनते हैं ।
यीशु में विश्राम करना आपको उसका सच्चा शिष्य बनाता है । यह अपनी तस्वीर को सुधारने का भी केवल एक तरीका है । उसने कहा, “जो मुझे में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते” (पद.5) ।
बुद्धिमान मसीही
कोरोनावायरस महामारी के परिणामस्वरूप संसार भर में स्कूल बंद हो गए l चीन में, शिक्षकों ने डिंगटॉक के साथ प्रत्युत्तर दिया, एक ऑनलाइन ऐप जिसने कक्षा को ऑनलाइन आयोजित करने में सक्षम बनाया l तब उनके विद्यार्थियों को पता लगाया कि अगर डिंगटॉक की रेटिंग बहुत कम हो जाती है, तो यह ऐप स्टोर से हटा दिया जा सकता है l रातों रात हज़ारों एक-स्टार समीक्षाओं ने डिंगटॉक के स्कोर को गिरा दिया l
यीशु अपनी जिम्मेदारियों से किनारा करनेवाले विद्यार्थियों से प्रभावित नहीं होता, लेकिन वह उनकी सरलता की प्रशंसा कर सकता है l उसने एक बर्खास्त किये गए प्रबंधक के बारे में एक असामान्य कहानी बताई, जिसने अपने कार्य के अंतिम दिन अपने स्वामी के देनदारों के कर्ज कम कर दिये l यीशु ने प्रबंधक की बेईमानी की प्रशंसा नहीं की l इसके बजाय उसने उसकी चतुराई की प्रशंसा की और चाहा कि उसके अनुयायी भी उसी तरह चतुर बनें : “मैं तुम से कहता हूँ कि अधर्म के धन से अपने लिए मित्र बना लो, ताकि जब वह जाता रहे तो वे तुम्हें अनंत निवासों में ले लें” (लूका 16:9) l
जब धन/पैसे की बात आती है, कई लोग यह देखते हैं कि वे कितना खो सकते हैं l बुद्धिमान लोग देखते हैं कि वे क्या उपयोग कर सकते हैं l यीशु कहता है कि दूसरों को देने से “मित्र [बनते हैं],” जो सुरक्षा और प्रभाव देते हैं l किसी समूह में अगुआ कौन है? जो भुगतान करता हैं l देने से “अनंत निवास” प्राप्त होता है क्योंकि अपने धन से अलग होना यीशु में हमारे भरोसे को दर्शा सकता है l
अगर आपके पास धन/पैसा नहीं भी है, हमारे पास समय, प्रतिभा, या सुननेवाला एक कान है l आइये परमेश्वर से हमें बताने को कहें कि हम यीशु के लिए दूसरों की सेवा रचनात्मकता से कैसे कर सकते हैं l
आपका नाम क्या है?
किसी ने कहा है हम अपने जीवन में तीन नाम से जाने जाते हैं : नाम जो हमारे माता-पिता हमें देते हैं, नाम जो दूसरे हमें देते हैं(हमारी ख्याति), और वह नाम जो हम खुद को देते हैं(हमारा चरित्र) l नाम जो दूसरे हमें देते हैं मायने रखता है, क्योंकि “बड़े धन से अच्छा नाम अधिक चाहते योग्य है, और सोने चांदी से दूसरों की प्रसन्नता उत्तम है” (नीतिवचन 22:1) l लेकिन जबकि ख्याति महत्वपूर्ण है, चरित्र अधिक मायने रखता है l
एक और नाम है जो और भी अधिक महत्वपूर्ण है l यीशु ने पिरगमुन में मसीहियों से कहा कि यद्यपि उनकी ख्याति जिसके वे योग्य थे बुरी तरह से प्रभावित हुई थी, उसके पास उनके लिए जो लड़ाई लड़ेंगे और आजमाइश पर जय पाएँगे स्वर्ग में एक नया नाम आरक्षित है l “जो जय पाए . . . उसे एक श्वेत पत्थर . . . दूँगा; और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा, जिसे उसके पानेवाले के सिवाय और कोई न जानेगा” (प्रकाशितवाक्य 2:17) l
हम निश्चित नहीं हैं कि यीशु ने एक सफ़ेद पत्थर का वादा क्यों किया? क्या यह जीतने का पुरस्कार है? मसीह के सम्बन्ध में(messianic) जेवनार में शामिल होने का निमंत्रण? शायद यह उसके समान है जो किसी समय जूरी-सदस्य(पंच) रिहाई के लिए समर्थन करते थे l हम नहीं जानते हैं l जो भी है, परमेश्वर वादा करता है कि हमारा नया नाम हमारे शर्म को मिटा देगा (यशायाह 62:1-5) l
हमारी ख्याति तार-तार हो सकती है, और हमारा चरित्र दुरुस्त नहीं होता प्रतीत हो सकता है l लेकिन आख़िरकार कोई भी नाम हमें परिभाषित नहीं करता है l यह नहीं है कि दूसरे आपको किस नाम से पुकारते हैं न ही यह मायने रखता है कि आप खुद को क्या पुकारते हैं l आप वह हैं जो यीशु आपको संबोधित करता है l अपने नए नाम में जीयें l
यीशु में अटूट
लूई जैम्पेरिनी का सैन्य विमान युद्ध के दौरान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें आठ लोगों की मृत्यु हो गयी l “लूई” और दो अन्य लोग जीवन बेड़ा पर कठिनाई से चढ़ने में सफल रहे l दो महीने तक समुद्र में इधर उधर बहते रहे, शार्कों से बचते रहे, तूफानों को पार करने की कोशिश करते रहे, शत्रु की गोलियों से बचते रहे, और कच्ची मछली और चिड़ियों को पकड़कर खाते रहे l अंततः वे बहकर एक द्वीप पर पहुँच गए और तुरंत गिरफ्तार कर लिए गए l दो वर्षों तक लूई को पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और उसने युद्ध बंदी के रूप में निर्दयता से काम किया l उसकी असाधारण कहानी अन्ब्रोकन(Unbroken) पुस्तक में बताई गई है l
यिर्मयाह बाइबल अटूट चरित्रों में से एक है l उसने शत्रु के षड्यंत्रों को सहा (यिर्मयाह 11:18), उसे कोड़े मारे गए और काठ में जकड़ दिया गया (20:2), उसे पीटा गया और काल कोठरी में डाल दिया गया (37:15-16), और उसे एक दलदल वाले गड़हे में रस्सियों से उतार दिया गया (38:6) l वह इसलिए बच गया क्योंकि परमेश्वर ने उसके साथ रहने और उसे बचाने का वादा किया था (1:8) l परमेश्वर हमारे साथ भी समान वादा करता है : “मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूँगा” (इब्रानियों 13:5) l परमेश्वर ने यिर्मयाह को या हम को परेशानी से बचाने की प्रतिज्ञा नहीं की है, लेकिन उसने परेशानियों में से होकर ले जाने की प्रतिज्ञा की है l
लूई ने परमेश्वर की सुरक्षा को पहचाना, और युद्ध के बाद अपना जीवन यीशु को दे दिया l उसने उसे कैद करनेवालों को क्षमा कर दिया और कुछ को मसीह के लिए जीत लिया l लूई ने समझ लिया कि यद्यपि हम समस्याओं से भाग नहीं सकते, मुझे उन्हें अकेले सहने की ज़रूरत नहीं है l जब हम यीशु के साथ उनका सामना करते हैं, हम अटूट हो जाते हैं l
अपने शत्रु से प्रेम
इससे पहले कि वह मुझे देखे, मैं कमरे में निकल गया l मैं छिपने के लिए शर्मिंदा था, लेकिन मैं उसके साथ उस समय पेश नहीं आना चाहता था──या किसी भी समय l मैं उसे डांटना चाहता था, और उसे उसकी औकात बताना चाहता था l यद्यपि मैं उसके अतीत से चिढ़ गया था, यह भी संभव है कि मैंने उसे और अधिक परेशान किया हो!
यहूदी और सामरी भी आपसी रिश्ते को खराब किया था l मिश्रित मूल के लोग और अपने अपने ईश्वरों की उपासना करने वाले होने के कारण, सामरियों ने──यहूदियों की दृष्टि में──गरिज्जीम पर्वत पर एक प्रतिद्वंदी धर्म आरम्भ करके यहूदी वंशावली और विश्वास को बिगाड़ दिया था (यूहन्ना 4:20) l वास्तव में, यहूदी इतना अधिक सामरियों को तुच्छ जानते थे कि वे अपने देश के अन्दर से सीधे मार्ग लेने के बजाय घूमकर लम्बा रास्ता तय करते थे l
यीशु ने एक बेहतर मार्ग बताया l वह सभी लोगों के लिए उद्धार लेकर आया, जिसमें सामरी लोग भी शामिल थे l इसलिए वह पापी स्त्री और उसके नगर को जीवन जल देने के लिए सामरिया के बीच में से होकर गया (पद.4-42) l उसके शिष्यों के लिए उसके अंतिम शब्द उसके नमूना का अनुसरण करना था l उन्हें उसका सुसमाचार यरूशलेम से आरंभ करके और सामरिया में फैलते हुए जब तक वे “पृथ्वी के छोर तक” न पहुँच जाएँ तब तक सभी के साथ साझा करना था (प्रेरितों 1:8) l सामरिया अगले भुगौलिक दृश्य से कहीं अधिक था l वह मिशन/उद्देश्य का सबसे पीड़ादायक भाग था l शिष्यों को उन लोगों से प्रेम करने के लिए पूर्वाग्रह के जीवनकालों को दूर करना था, जिन्हें वे पसन्द नहीं करते थे l
क्या यीशु हमारी शिकायतों से अधिक हमारे लिए मायने रखता है? सुनिश्चित करने का केवल एक ही तरीका है l अपने “सामरी” से प्यार करें l
यीशु हमें पुनर्स्थापित करता है
यद्यपि अशोक ने कुछ गलत नहीं की थी, उत्पादन-लाइन से उसकी नौकरी छूट गयी l दूसरे विभाग में लापरवाही की वजह से उनके द्वारा निर्मित कारों में समस्या पैदा हो गई । कई दुर्घटनाओं की खबर के बाद, जागरूक ग्राहकों ने उनका ब्रांड खरीदना बंद कर दिया । कंपनी को अपने कर्मचारी कम करनी पड़ी, जिससे अशोक की नौकरी चली गयी l उसकी संपार्श्विक/जमानत क्षति (collateral damage) है, और यह उचित नहीं है । कभी नहीं है ।
इतिहास की पहली जमानत क्षति पहले पाप के तुरंत बाद हुयी । आदम और हव्वा अपने नंगेपन से शर्मिंदा थे, तो प्रभु ने उन्हें अनुग्रह से “चमड़े के अंगरखे” पहनाए (उत्पति 3:21) । यह कल्पना करना दर्दनाक है, लेकिन एक या अधिक जानवर जो बगीचे में हमेशा सुरक्षित रहते थे अब वध किए गए और उनका चमड़ा खींचा गया l
बहुत कुछ आने वाला था l परमेश्वर ने इस्राएल से कहा, “प्रति दिन तू वर्ष भर का एक निर्दोष भेड़ का बच्चा यहोवा के होमबलि के लिये तैयार करना, यह प्रति भोर को तैयार किया जाए” (यहेजकेल 46:13) । हर l एक l दिन l मनुष्य के पाप के कारण कई हज़ार जानवर बलिदान किए जा चुके हैं l”
हमारे पापों को ढकने के लिए उनकी मृत्यु आवश्यक थी, जब तक परमेश्वर का मेमना, यीशु, इसे हटाने नहीं आया (यूहन्ना 1:29 ) । इसे “जमानत मरम्मत”कहो। जैसे आदम का पाप हमें मारता है, इसलिये आखिरी आदम (मसीह) की आज्ञाकारिता उन सभी को जो उस पर विश्वास करते है पुनर्स्थापित करता हैं (रोमियों 5:17-19) । जमानत मरम्मत उचित नहीं है——वह यीशु के जीवन की लागत है——पर यह मुफ्त है। विश्वास में यीशु के पास पहुँचों और उस उद्धार को जो वह प्रदान करता है ग्रहण करो । और उसका धर्मी जीवन आपके लिए गिना जायेगा ।
आप कौन है?
हमारे विडियो सम्मेलन के अगुए ने कहा, “गुड मोर्निंग!” मैंने कहा “हेलो” पर मैं उनको नहीं देख रहा था । मैं अपने ही स्क्रीन पर अपनी ही छवि से विकर्षित हो गया था l क्या मैं ऐसा दिखता हूँ? कॉल पर मैंने दूसरों के मुस्कुराते हुए चेहरों को देखा l वह उनकी तरह ही दिखता है । तो हाँ, यह तो मैं ही हूँ l मुझे कुछ वजन कम करना होगा l और बाल कटवाना होगा ।
अपने मन में, फिरौन काफी महान् था l वह “जाति, जाति में . . . जवान सिंह . . . समुद्र के मगर के समान [था] (यहेजकेल 32:2) l परन्तु फिर उसने अपनी झलक परमेश्वर के परिपेक्ष्य में देखा । परमेश्वर ने कहा कि वह मुसीबत में था और वह उसके शव को जंगली जानवरों के सामने डाल [देगा], जिससे “बहुत सी जाति[याँ] . . . तेरे कारण विस्मित [होंगी], और . . . उनके [राजाओं के . . . तेरे कारण . . . रोएँ खड़े हो जाएंगे” (पद.10) l फिरौन जितना सोचता था उससे वह कम प्रभावित हुआ l
हम सोच सकते है कि हम “आत्मिक रूप से सुंदर” है──जब तक कि हम अपने पाप को जैसे परमेश्वर देखता है नहीं देखते हैं l उसके पवित्र मापदंड की तुलना में “हमारे धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान हैं” (यशायाह 64:6) l लेकिन परमेश्वर कुछ और भी देखता है, कुछ और भी ज्यादा सच्चा; वह यीशु को देखता है, और वह हमें यीशु में देखता है ।
आप कैसे हैं के बारे में हतोत्साहित महसूस कर रहे है? याद रखें कि आप कौन हैं यह नहीं है । यदि आपने यीशु में भरोसा किया है, तो आप यीशु में है, और उसकी पवित्रता आपको ढक देती है । आप अपनी कल्पना से भी ज्यादा सुन्दर है ।
मृत्यु क्षेत्र
2019 में, एक पर्वतारोही ने माउंट एवरेस्ट के शिखर से अपना अंतिम सूर्योदय देखा l वह खतरनाक चढ़ाई से बच गया, लेकिन उच्च तुंगता(high altitude) ने उसके हृदय को सिकोड़ दिया, और नीचे दुर्गम यात्रा पथ पर उसकी मृत्यु हो गयी l एक चिकित्सा विशेषज्ञ पर्वतारोहियों को चेतावनी देते हैं कि वे अपनी यात्रा के अंत के रूप में शिखर के विषय न सोचें l याद रखते हुए कि “वे मृत्यु क्षेत्र में हैं,” उन्हें शीघ्रता से ऊपर चढ़ना और नीचे उतरना पड़ता है l
दाऊद ने अपनी खतरनाक चढ़ाई पर बच गया l उसने शेरों और भालुओं को मार डाला, गोलियत को मार डाला, शाऊल के भाले और सेना को चकमा दिया, और पहाड़ का राजा बनने के लिए पलिश्तियों और अम्मोनियों को पराजित किया l
लेकिन दाऊद भूल गया कि वह मृत्यु क्षेत्र में था l अपनी सफलता के चरम पर, “जहाँ जहाँ दाऊद जाता था वहां वहां यहोवा उसको जयवंत करता था” (2 शमूएल 8:6), उसने व्यभिचार और हत्या की l उसकी शुरुआती गलती? वह पर्वत छोटी पर ठहर गया l जब उसकी सेना नई चुनौतियों के लिए तैयार हुई, तो वह “यरूशलेम में रह गया” (11:1) l दाऊद ने एक बार गोलियत से लड़ने के लिए स्वेच्छा से भाग लिया था; अब वह अपनी जीत की प्रशंसा में सुस्ताया l
जब परमेश्वर के साथ-साथ, सभी लोग, कहते हैं कि आप विशेष हैं तो उस अवस्था में अपने आपे में रहना कठिन होता है (7:11-16) l लेकिन हमें रहना चाहिए l अगर हमें कुछ सफलता मिली है, तो हम उचित रूप से उपलब्धि का जश्न मना सकते हैं और बधाई स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए l हम मृत्यु क्षेत्र में हैं l पहाड़ से नीचे आइए l विनम्रतापूर्वक घाटी में दूसरों की सेवा करें─परमेश्वर से आपके हृदय और आपके कदमों की रक्षा करने के लिए कहिये l