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Articles by सोचितल डिक्सॉन

पुत्र के प्रकाश को प्रतिबिंबित करना

मेरी मां से मेरा झगड़ा होने के बाद, उन्होंने मुझे घर से 1 घंटे की दूरी पर मिलने को सहमत हुई । जब मैं वहां पहुंचा, तो पता चला कि वह मेरे पहुंचने से पहले ही वहां से जा चुकी थी। मैंने गुस्से में, उन्हें एक संदेश लिखा। लेकिन जब मुझे लगा कि प्रभु मुझे प्यार से जवाब देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो मैंने इसमें संशोधन किया। । जब मेरी मां ने वह भिन्न तरीके से लिखा हुआ संदेश पढ़ा तो उन्होंने मुझे फोन किया। उन्होंने कहा, "तू बदल गया है" । परमेश्वर ने मेरे संदेश द्वारा उन्हें प्रेरित किया वह यीशु मसीह के बारे में मुझसे पूछे जिसका अंततः परिणाम उन्होंने भी यीशु को अपना निजी उद्धारकर्ता करके स्वीकार किया। 

मत्ती 5 में यीशु ने अपने चेलों को जगत की ज्योति कहा (पद 14) फिर उसने कहा कि, “उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।”(पद16) जैसे ही हम यीशु को अपना उद्धारकर्ता करके स्वीकारते हैं तभी हम पवित्र आत्मा की सामर्थ्य को पा लेते हैं। वह हमें बदल देता है ताकि हम जहां भी जाएं, परमेश्वर की सच्चाई और प्रेम के चमकदार गवाह बन सकें।।

पवित्र आत्मा की सामर्थ्य द्वारा हम आशा और शांति की आनंदमय ज्योति बन कर चमक सके जो प्रतिदिन यीशु के प्रतिरूप में बदलता जाता है। ऐसे में हम जो भी भला काम करते हैं - वह धन्यवाद स्वरूप आराधना में बदलता जाता है जो दूसरों को आकर्षक लगती है और जीवंत विश्वास के रूप में देखी जा सकती है। पवित्र आत्मा को समर्पित होकर - पुत्र यीशु की ज्योति को प्रतिबिंबित करते हुए हम पिता को आदर पहुंचा सकते हैं।

मेरे मन की आँखे खोलो

2001 में, क्रिस्टोफर डफ़ल नाम के समय से पहले जन्मे एक बच्चे ने जीवित बचकर डॉक्टरों को आश्चर्यचकित कर दिया। पाँच महीने की उम्र में, उसे पालक देखभाल व्यवस्था (foster care system) में भेज दिया गया जब तक कि उसकी मौसी के परिवार ने उसे गोद नहीं लिया। एक शिक्षक को एहसास हुआ कि चार वर्षीय क्रिस्टोफर, हालांकि अंधा था और ऑटिज्म से पीड़ित था, लेकिन उसकी आवाज़ का उतार- चढ़ाव एकदम सही था। छह साल के बाद, क्रिस्टोफर ने चर्च के मंच पर खड़े होकर गाया, "ओपन द आईज़ ऑफ़ माय हार्ट।" (मेरे मन की आँखे खोलो) यह वीडियो लाखों लोगों तक ऑनलाइन पहुंचा। 2020 में, क्रिस्टोफर ने विकलांगता वकील के रूप में सेवा करने के अपने लक्ष्यों को साझा किया। वह यह साबित करना जारी रखता है कि परमेश्वर की योजना के प्रति उसके  मन  की आँखें खुली होने से संभावनाएँ असीमित हो जाती हैं ।

प्रेरित पौलुस ने इफिसुस में कलीसिया की उनके साहसिक विश्वास के लिए सराहना की (1:15-16)। उन्होंने परमेश्वर से उन्हें “ज्ञान और प्रकाश की आत्मा” देने के लिए कहा, ताकि वे "उसे बेहतर जान सकें" (पद 17)। उन्होंने प्रार्थना की कि उनकी आंखें " ज्योतिमान " हो जाएं या खुल जाएं, ताकि वे उस आशा और विरासत को समझ सकें जिसका वादा परमेश्वर ने अपने लोगों से किया था (पद 18)।

जब हम परमेश्वर से स्वयं को हमारे सामने प्रकट करने के लिए कहते हैं, हम उसे और अधिक जान सकते हैं और विश्वास के साथ उसके नाम, शक्ति और अधिकार की घोषणा कर सकते हैं (पद 19-23)। यीशु में विश्वास और परमेश्वर के सभी लोगों के प्रति प्रेम के साथ, परमेशवर से हमारे मन की आँखें खुली रखने के लिए कहते हुये हम उन तरीकों से जी सकते हैं जो उसकी असीमित संभावनाओं को साबित करते हैं, ।

मैं आपको देख सकता हूं!

ऑप्टोमेट्रिस्ट (नेत्र दृष्टि की जाँच करने वाला)  ने तीन वर्षीय एंड्रियास को उसके पहले चश्मे को ठीक से पहनने में उसकी मदद की। "आईने में देखो," उसने कहा। एंड्रियास ने अपने आप को आइने में देखाफिर एक आनंद और प्यार भरी मुस्कान के साथ अपने पिता की ओर मुड़ा। तब एंड्रियास के पिता ने धीरे से अपने बेटे के गालों पर गिरे आँसू पोंछे और उससे पूछा, "क्या हुआ?" एंड्रियास ने अपनी बाहें अपने पिता की गर्दन के चारों ओर लपेट दीं। "मैं आपको देख सकता हूं।" वह पीछे हट गया, अपना सिर झुकाया और अपने पिता की आँखों में देखा। "मैं आपको देख सकता हूं!"

जैसे ही हम प्रार्थनापूर्वक बाइबल का अध्ययन करते हैं, पवित्र आत्मा हमें यीशु को देखने के लिए आँखें देता है, जो "अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप" है (कुलुस्सियों 1:15)। हालाँकि, पवित्रशास्त्र के माध्यम से ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ आत्मा द्वारा हमारी दृष्टि साफ़ होने पर भी, हम अभी भी अनंत काल के इस तरफ परमेश्वर की अनंत विशालता की एक झलक ही देख सकते हैं। जब पृथ्वी पर हमारा समय पूरा हो जाएगा या जब यीशु वापस लौटने का अपना वादा पूरा करेगा, तो हम उसे स्पष्ट रूप से देखेंगे (1 कुरिन्थियों 13:12)।

हमें उस आनंद भरे क्षण में विशेष चश्मे की आवश्यकता नहीं होगी जब हम मसीह को आमने-सामने देखेंगे और उसे जानेंगे जैसे वह हम में से प्रत्येक को, मसीह की देह के प्रिय सदस्यों को – जो कि कलीसिया है- जानता है। पवित्र आत्मा हमें विश्वास, आशा और प्रेम से भर देगा, जिसकी हमें तब तक दृढ़ता से खड़े रहने के लिए आवश्यकता है, जब तक कि हम अपने प्यारे और जीवित उद्धारकर्ता की ओर न देखें और कहें, “मैं आपको देख सकता हूँ, यीशु। मैं आपको देख सकता हूं!"

एक दाता का दिल

हमारे पुराने घर में हमारे आखिरी दिन, मेरी दोस्त अपनी चार साल की बेटी किंसली को अलविदा कहने के लिए लाई। “मैं नहीं चाहती कि आप यहां से जायें” किंसली ने कहा। मैंने उसे गले लगाया और उसे अपनी जमा करी हुई चीजों में से एक कैनवास,  हाथ से पेंट किया हुआ पंखा दिया था। जब तुम्हें मेरी याद आये तो इस पंखे का उपयोग करो और याद रखो कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ। किंसली ने पूछा कि “क्या वह कोई दूसरा पंखा ले सकती है, एक कागज वाला।” “ओह वह तो टूटा हुआ है”,  मैंने कहा। मैं चाहता हूं कि तुम्हारे पास मेरा सबसे अच्छा पंखा हो। मुझे किंस्ली को अपना पसंदीदा पंखा देने का कोई अफसोस नहीं था। उसे खुश देखकर मुझे और खुशी हुई। बाद में, किंसली ने अपनी माँ को बताया कि वह दुखी थी क्योंकि मैंने टूटा हुआ पंखा रख लिया था। उन्होंने मुझे एक बिल्कुल नया, सुन्दर बैंगनी रंग का पंखा भेजा। मुझे उदारतापूर्वक देने के बाद किंस्ली को फिर से खुशी महसूस हुई। तो मैं भी खुश हुआ।

ऐसी दुनिया में जो आत्म–संतोष और आत्म–रक्षा को बढ़ावा देती है, हम देने वाले दिल के साथ जीने के बजाय जमाखोरी करने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं। हालाँकि बाइबल कहती है कि “ऐसे हैं, जो छितरा देते हैं, तौभी उनकी बढ़ती ही होती है; और ऐसे भी हैं जो यर्थाथ से कम देते हैं, और इस से उनकी घटती ही होती है।” (नीतिवचन 11:24)। हमारी संस्कृति समृद्धि को अधिक से अधिक प्राप्त करने के रूप में परिभाषित करती है, लेकिन बाइबल कहती है कि “उदार प्राणी हृष्ट पुष्ट हो जाता है, और जो औरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी।” (पद 25)।

परमेश्वर का असीमित और बिना शर्त प्यार और उदारता लगातार हमारी पूर्ति करता है। हममें से प्रत्येक के पास एक दाता का दिल हो सकता है और हम कभी न खत्म होने वाला देने का चक्र बना सकते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि परमेश्वर  सभी अच्छी चीजों का दाता है जो बहुतायत से देने में कभी नहीं थकता।

बिल्कुल यीशु की तरह

2014 में जीवविज्ञानियों ने फिलीपींस में नारंगी पिग्मी समुद्री घोड़े की एक जोड़ी को पकड़ा। वे उन समुद्री जीवों को औरंज कोरल सी फैन (नारंगी मूंगा समुद्री पंखे) के साथ सैन फ्रांसिस्को में कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ साइंसेज में ले गए । वैज्ञानिक जानना चाहते थे कि क्या पिग्मी समुद्री घोड़े अपने माता पिता या अपने पर्यावरण के रंग से मेल खाने के लिए पैदा हुए थे। जब पिग्मी समुद्री घोड़े (सीहॉर्स) ने धुंधले भूरे रंग के बच्चों को जन्म दिया तो वैज्ञानिकों ने टैंक में एक बैंगनी मूंगा समुद्री पंखा रखा। वे बच्चे जिनके माता पिता नारंगी रंग के थे उन्होंने बैंगनी समुद्री पंखे से मेल खाने के लिए अपना रंग बदल लिया। स्वभाव से नाजुक होने के कारण, उनका जीवित रहना उनके माहौल में मेल खाने की उनकी परमेश्वर द्वारा दी गई क्षमता पर निर्भर करता है।

मेल खाना  प्रकृति में एक उपयोगी रक्षा व्यवस्था है। परमेश्वर सभी लोगों को उद्धार प्राप्त करने और हमारे जीने के तरीके के द्वारा दुनिया में अलग दिखने के लिए आमंत्रित करता है। प्रेरित पौलुस, यीशु के विश्वासियों से आग्रह करता है कि वे अपने जीवन के हर पहलू में परमेश्वर का आदर करें, अपने शरीरों को जीवित बलिदान करके उसकी आराधना करें (रोमियों 12:1) । पाप से प्रभावित मनुष्य के रूप में हमारी कमज़ोरी के कारण, विश्वासियों के रूप में हमारा आत्मिक स्वास्थ्य पवित्र आत्मा द्वारा हमारे मन को "नवीनीकृत" करने पर निर्भर करता है, और इस संसार के सदृश बनने से बचने के लिए हमें सशक्त बनाता  हैं, जो परमेश्वर को अस्वीकार करता है और पाप की महिमा करता है  (पद 2)।

इस संसार में मेल खाने का अर्थ है पवित्र शास्त्र के विरोध में रहना। फिर भी, पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा हम यीशु की तरह ही दिख सकते और प्रेम कर सकते हैं!

मसीह की सामर्थ्य

2013 में, लगभग छह सौ प्रत्यक्ष दर्शकों ने कलाबाज निक वॉलेंडा को ग्रैंड कैनियन(Grand Canyon) के पास 1500 फीट चौड़ी खाई के ऊपर एक तंग रस्से पर चलते हुए देखा l उसने 2 इंच मोटी स्टील के रस्से पर कदम रखकर यीशु को धन्यवाद दिया जब उसके मुख्य कैमरा ने नीचे घाटी की ओर इशारा किया l उसने प्रार्थना और यीशु की स्तुति करते हुए रस्से पर इतनी शांति से चला मानो वह फूटपाथ पर टहल रहा हो l हवा के विरुद्ध होने पर, वह रुक कर झुक गया l वह उठा और “उस रस्से को शांत करने” के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हुए अपना संतुलन वापस प्राप्त किया l उस तनी रस्सी पर हर कदम के साथ, उसने मसीह की शक्ति पर अपने भरोसे को तब और अब सुनने वाले हर किसी के सामने प्रदर्शित किया, जैसा कि वीडियों दुनिया भर में देखा जाता है l

जब तूफ़ान ने गलील के समुद्र में शिष्यों को लहरों से घेर लिए, तो सहायता के लिए उनकी याचनाओं में डर दिखाई दिया (मरकुस 4:35-38) l यीशु द्वारा तूफ़ान को शांत करने के बाद, वे जान गए कि वह हवाओं और बाकी सब चीजों को नियंत्रित करता है (पद.39-42) l धीरे-धीरे उस पर उनका भरोसा बढ़ा l उनके व्यक्तिगत अनुभव दूसरों को यीशु की गहरी उपलब्धता और असाधारण ताकत को पहचानने में मदद कर सकते हैं l

जीवन के तूफानों का अनुभव करते समय या दुःख की गहरी घाटियों पर फैले भरोसे की तनी रस्सी पर चलते समय, हम मसीह की शक्ति में विश्वास का प्रदर्शन कर सकते हैं l परमेश्वर हमारे विश्वास-कदम का उपयोग दूसरों को उसमें आशा रखने के लिए प्रेरित करने के लिए करेगा l

हमेशा विश्वासयोग्य परमेश्वर

जब ज़ेवियर प्राथमिक विद्यार्थी था, मैं उसे स्कूल पहुँचाने और लाने जाती थी l एक दिन, मैं उसे लेने देर से पहुंची l मैं कार पार्क करके व्यग्रतापूर्वक प्रार्थना करते हुए उसकी कक्षा की ओर भागी l मैंने उसे अपने बैग को गले लगाए हुए बेंच पर अपने टीचर के बगल में बैठा पायी l “मिजो, मुझे खेद है l क्या तुम ठीक हो?” उसने लम्बी सांस ली l “मैं ठीक हूँ, लेकिन आपके विलम्ब से मैं नाराज़ हूँ l” मैं उसे कैसे दोष दे सकती हूँ? मैं खुद पर भी क्रोधित थी l मैं अपने बेटा से प्यार करती थी लेकिन मैं जानती थी कि ऐसा कई बार होगा जब मैं उसे निराश करुँगी l मैं यह भी जानती थी कि किसी दिन वह परमेश्वर से निराश हो सकता था l इसलिए मैंने उसे कड़ी मेहनत से सिखाया कि परमेश्वर ने कभी भी अपनी प्रतिज्ञा नहीं थोड़ी और न ही तोड़ेगा l

भजन 33 हमें आनंदित प्रशंसा के साथ परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का उत्सव मनाने के लिए उत्साहित करता है (पद.1-3) क्योंकि “यहोवा का वचन सीधा है; और उसका सब काम सच्चाई से होता है” (पद. 4) l परमेश्वर द्वारा रचित संसार को उसकी शक्ति और निर्भरता के मूर्त प्रमाण के रूप में उपयोग करते हुए (पद.5-7), भजनकार “सारी पृथ्वी के [लोगों को]” परमेश्वर की आराधना के लिए बुलाता है (पद.8) l 

जब योजनाएँ विफल हो जाएँ या लोग हमें निराश करें, तो हम परमेश्वर में निराश होने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं l हालाँकि, हम परमेश्वर की विश्वसनीयता पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि उसकी योजनाएँ “सर्वदा स्थिर” रहती हैं (पद.11) l हम परमेश्वर की प्रशंसा कर सकते हैं, भले ही चीजें गलत हो क्योंकि हमारा प्रेमी सृष्टिकर्ता सब कुछ और सबका पालन-पोषण करता है l परमेश्वर हमेशा विश्वासयोग्य है l

ज्यादा अनुग्रह की आवश्यकता

जताया। उसके जाने के बाद एक और महिला मेरे पास आई। " उसके बारे में चिंता मत करो। वह वही है जिसे हम ई.जी.आर.(E.G.R) कहते हैं—Extra Grace Required (ज्यादा अनुग्रह की आवश्यकता)।” 

मैं हँसा। जल्द ही मैंने उस लेबल का हर बार इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जब भी मेरा किसी के साथ मतभेद होता था। वर्षों बाद, मैं उसी कलीसिया में बैठकर उस ई.जी.आर. के मृत्युलेख को सुन रहा था। पादरी ने साझा किया कि कैसे उसने पर्दे के पीछे रहकर परमेश्वर की सेवा की और उदारतापूर्वक दूसरों को दिया। मैंने परमेश्वर से मुझे उसके और किसी और के बारे में न्याय और गपशप करने के लिए क्षमा माँगा, जिसे मैंने अतीत में ई. जी. आर के रूप में लेबल किया था। आखिरकार, मुझे ज्यादा अनुग्रह का उतना ही आवश्यकता था जितना यीशु में किसी अन्य विश्वासी को। 

इफिसियों 2 में, प्रेरित पौलुस कहता है कि सब विश्वासी "...स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे .." (पद.3)। परन्तु परमेश्वर ने हमें उद्धार का उपहार दिया है, एक उपहार जिसके योग्य हम ने कुछ नहीं किया, एक उपहार जिसे हम कभी अर्जित नहीं कर पाते “...ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे” (पद 9)। कोई नहीं। 

जब हम इस जीवन भर की यात्रा के दौरान पल-पल परमेश्वर को समर्पित होते हैं, पवित्र आत्मा हमारे चरित्र को बदलने के लिए काम करेगा ताकि हम मसीह के चरित्र को प्रतिबिंबित कर सकें। हर विश्वासी को ज्यादा अनुग्रह की आवश्यकता है। परन्तु हम कृतज्ञ हो सकते हैं कि परमेश्वर का अनुग्रह पर्याप्त है (2 कुरिन्थियों 12:9)।

यीशु का अनुकरण करो

एक "भेष बदलने का स्वामी" इंडोनेशिया के पानी और ग्रेट बैरियर रीफ में रहता है। नकली ऑक्टोपस, अन्य ऑक्टोपस की तरह, अपने आसपास के साथ मिश्रण करने के लिए अपने त्वचा के रंग को बदल सकता है। जब ज़हरीली लायनफ़िश और यहाँ तक कि घातक समुद्री साँप जैसे जीवों की नकल करने का धमकी मिलता तो यह बुद्धिमान जीव अपना आकार, चाल-ढाल और व्यवहार भी बदलता है।

नकली ऑक्टोपस के विपरीत, यीशु में विश्वास करने वालों का उद्देश्य उस दुनिया से जो हमें घेरा है अलग दिखना है। हम उन लोगों से भयभीत महसूस कर सकते हैं जो हमसे असहमत हैं और उनमें शामिल होने के लिए प्रलोभित हो जाते हैं ताकि हमें मसीह के अनुयायियों के रूप में पहचाना न जाए। हालाँकि, प्रेरित पौलुस हमसे आग्रह करता है कि हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू में यीशु का प्रतिनिधित्व करते हुए हम अपने शरीरों को एक “जीवित, और पवित्र, और परमेश्‍वर को भावता हुआ बलिदान” (रोमियों 12:1) के रूप में पेश करें।

मित्र या परिवार के सदस्य हम पर "इस संसार के सदृश" के अनुरूप होने का दबाव डालने का प्रयास कर सकते हैं (पद. 2)। लेकिन हम परमेश्वर की संतानों के रूप में जो हम कहते हैं उसके साथ अपने जीवन को जोड़कर हम दिखा सकते हैं कि हम किसकी सेवा करते हैं। जब हम शास्त्रों का पालन करते हैं और उनके प्रेमपूर्ण चरित्र को प्रतिबिंबित करते हैं, तो हमारा जीवन यह प्रदर्शित कर सकता है कि आज्ञाकारिता का प्रतिफल हमेशा किसी भी हानि से अधिक होता है। आज आप यीशु का अनुकरण कैसे करेंगे?