माह: जुलाई 2017

क्या मैं वह कह सकता था?

विकासात्मक व्यवहारवादी शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ. बारबरा होवार्ड, कहती हैं, “भाई बहनों की दुश्मनी में पक्षपात की अनुभूति एक सबसे बड़ा कारण है” (“When Parents Have a Favorite Child” nytimes.com) l पुराने नियम का युसूफ एक उदहारण है जो अपने पिता का पसंदीदा पुत्र था, जिसने अपने बड़े भाईयों को क्रोधित किया (उत्पति 37:3-4) l इसलिए उन्होंने उसे मिस्र जाते हुए व्यापारियों को बेचकर यह जताया कि किसी जंगली जानवर ने उसे मार दिया था (37:12-36) l उसके सपने बिखर गए और उसका भविष्य आशाहीन दिखाई दिया l

फिर भी, युसूफ की जीवन यात्रा में, उसने बदतर परिस्थिति में भी, अपने परमेश्वर के प्रति सच्चा रहकर उस पर टिका रहा l अपने मालिक की पत्नी द्वारा झूठा आरोप लगाने और कैद होने पर भी, युसूफ अन्याय से संघर्ष करते हुए प्रभु पर भरोसा रखा l

वर्षों बाद अकाल के समय उसके भाई अनाज खरीदने मिस्र आए और अपने भाई को प्रधान मंत्री देखकर घबरा गए l किन्तु युसूफ बोला, “अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहाँ बेच डाला इससे उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिए मुझे तुम्हारे आगे भेज दिया है ... मुझ को यहाँ पर भेजनेवाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा” (45:5,8) l युसूफ के शब्द मुझे चकित करते हैं कि मैं बदला लेने के लिए तैयार होता l या मैं विनीत होता क्योंकि मेरा भरोसा परमेश्वर पर था?

स्वतंत्रता का उत्सव

अगवा किये जाने और 13 दिनों तक बंधक रहकर स्वतंत्र होने के बाद, न्यूज़ीलैण्ड न्यूज़ कैमरामैन ओलाफ़ वीग़ ने, खूब मुस्करा कर बोला, “मैं अपने सम्पूर्ण जीवन की अपेक्षा अभी सबसे अधिक जीवित महसूस करता हूँ l

समझ से परे कारणों से, स्वतंत्र रहने से अधिक स्वतंत्र होना अधिक हर्षित करता है l

प्रतिदिन स्वतंत्रता का आनंद लेनेवालों के लिए, ओलाफ़ का आनंद एक नेक ताकीद है कि हम भूल जाते हैं कि हम कितना धन्य हैं l यह वास्तव में आत्मिक भी है l हम लम्बे समय से मसीही रहकर अक्सर भूल जाते हैं कि पाप द्वारा बंधक होना कैसा होता है l हम लापरवाह और कृतघ्न हो जाते हैं l किन्तु परमेश्वर एक नए विश्वासी की उल्लसित साक्षी द्वारा उसके जीवन में अपना काम दर्शाकर, हमें याद दिलाता है कि हम भी अपने उस आनंद को स्मरण करें, कि हम भी “पाप की और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र” हैं (रोमियों 8:2) l

यदि स्वतंत्रता आपके लिए उदासीन हो गया है, अथवा यदि आपका ध्यान अपनी अक्षमता पर है, इस को विचारें : अब आप पाप के दास नहीं, किन्तु मसीह यीशु के साथ पवित्रता और अनंत जीवन का आनंद लेने हेतु स्वतंत्र किये गए हैं (6:22) l

परमेश्वर को उन बातों के लिए धन्यवाद देने के लिए समय निकालकर मसीह में अपनी स्वतंत्रता का उत्सव मनाएँ जो आप उसका सेवक होकर स्वतंत्रता से कर सकते हैं l

विभाजन का विनाश

एक लेखन अंतिम-तिथि मेरे सामने थी, जबकि सुबह हम पति-पत्नी में हुई बहस मेरे मन में थी l मेरी आँखें कर्सर पर, उंगलियाँ की-बोर्ड पर थीं l प्रभु, वह भी गलत था l

कंप्यूटर का स्क्रीन बंद होने पर, मेरा प्रतिबिम्ब भौं चढ़ाता दिखा l मेरी अस्वीकृत गलतियां मेरे कार्य में अधिक नुकसानदायक थीं l हम दोनों और परमेश्वर के साथ रिश्ते में कठिनाई हो रही थी l  

मैंने अहंकार छोड़कर, क्षमा मांग ली l मेल की शांति का स्वाद लेते हुए मेरे पति ने भी क्षमा मांग ली l मेरा लेखन समय पर पूरा हुआ l   

इस्राएलियों ने व्यक्तिगत पाप का दर्द और पुनर्स्थापन का आनंद अनुभव किया l यहोशू ने परमेश्वर के लोगों से यरीहो की लड़ाई से समृद्ध बनाने को मना किया(यहोशू 6:18), किन्तु आकान ने अधिग्रहित वस्तुओं को चुराकर अपने तम्बू में छिपा दिया (7:1) l उसके पाप के खुलासे और कार्यवाही पश्चात (पद. 4-12) ही राष्ट्र ने परमेश्वर की शांति का आनंद उठाया l

आकान की तरह, हम सर्वदा विचार नहीं करते कि “अपने तम्बू में पाप छिपाना” हमारे हृदयों को परमेश्वर से दूर करके हमारे आस-पास को प्रभावित करता है l यीशु को प्रभु मानकर, पाप स्वीकार करके, क्षमा ढूँढना परमेश्वर और दूसरों के साथ स्वस्थ्य और विश्वासयोग्य सम्बन्ध स्थापन की बुनियाद है l हम प्रतिदिन प्रेमी सृष्टिकर्ता और पालनहार के प्रति समर्पण द्वारा मिलकर उसकी सेवा और उपस्थिति का आनंद ले सकते हैं l

छोटा मार्ग अपनाना

नैंसी अपनी सहेली की खिड़की की ओर देखकर आहें भरी l बसंती वर्षा और धूप से सुरुचिपूर्ण ढंग से तैयार अनेक फूल खिले हुए थे l

“बिना मेहनत मुझे वही आभा चाहिए,” वह उत्साहपूर्वक बोली l

कुछ छोटे मार्ग ठीक और व्यावहारिक भी हैं l दूसरे हमारी आत्मा की उपेक्षा कर हमें मृत समान बनाते हैं l हम अपने से बिल्कुल भिन्न व्यक्तित्व के समक्ष स्वयं को समर्पित किये बिना किसी कठिनाई और मालिन्य के रोमांच चाहते हैं l हम वास्तविक जीवन के रोमांच में खतरा और पराजय बिना “महानता” चाहते हैं l हम असुविधा बगैर परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहते हैं l

यीशु ने शिष्यों से कहा कि हम कठिन चुनाव से बचकर छोटे मार्ग द्वारा उसको अपना जीवन समर्पित नहीं कर सकते हैं l  यीशु ने एक प्रत्याशित शिष्य को चिताया, “जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं” (लूका 9:62) l मसीह का अनुसरण हमारी वफादारी का पूरा परिवर्तन मांगता है l

यीशु की ओर मुड़ने पर यह कार्य आरंभ होता है l किन्तु यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसने यह भी कहा कि जो “मेरे और सुसमाचार के लिए [त्याग करता है] ... इस समय सौ गुना न पाए, ... और परलोक में अनंत जीवन” (मरकुस 10:29-30) l मसीह का अनुसरण कठिन है, किन्तु उसने पवित्र आत्मा दिया है और पुरस्कार अभी और हमेशा का पूर्ण आनंदित जीवन है l

घर की सफाई

हाल ही में मुझे अपना कमरा बदलने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगा, क्योंकि मुझे एक सम्पूर्ण नया और सुव्यवस्थित आरंभ चाहिए था l पुराने कमरे की घंटों सफाई और छंटाई के बाद, सामान भरे हुए थैले फेंकने, बांटने, या पुनर्चक्रण के लिए मेरे दरवाजे पर थे l किन्तु इस थकाऊ प्रक्रिया के अंत में मेरे रहने के लिए एक सुन्दर कमरा था l

 मुझे घर साफ़ करने की योजना से 1 पतरस 2:1 पढ़ते समय एक नूतन दृष्टिकोण प्राप्त हुआ, जैसे द मेसेज (बाइबिल) में सरल ढंग से लिखा गया है : “इसलिए, घर साफ़ करें! बैरभाव और छल, डाह और निंदा को पूरी तौर से हटाएँ l” रुचिकर बात यह है, नए जीवन के आनंददायक अंगीकार के बाद (1:1-12) पतरस मसीह में उनसे हानिकारक व्यवहार हटाने को कहता है (1:13-2:3) l जब परमेश्वर के साथ हमारी चाल अव्यवस्थित और दूसरों के लिए हमारा प्रेम अस्वाभाविक लगे, यह हमारे उद्धार पर प्रश्न न उठाए l हम बचेंगे के लिए नहीं किन्तु हम बचे हुए हैं के कारण अपना जीवन बदलते हैं (1:23) l

मसीह में नए जीवन की वास्तविकता की तरह, हमारे बुरे आचरण रातों रात गायब नहीं होते l हमें प्रति दिन “घर की सफाई” करनी है, दूसरों को प्रेम करने से रोकनेवाली(1:22) और उन्नति में बाधक(2:2) बातों को हटाना है l तब, उस नए स्थान में, हम मसीह की सामर्थ्य और जीवन द्वारा नूतन निर्माण (पद.5) का आश्चर्य अनुभव करेंगे l