क्या हमें साँप दिखेंगे?

हमारा पड़ोसी युवक, एलन घर के निकट एक नदी के किनारे हमारे साथ पैदल घूमते हुए पूछा l

“हमने पहले कभी नहीं देखा, मैंने कहा, “किन्तु देख सकते हैं l इसलिए परमेश्वर से सुरक्षा मांगे l” हम प्रार्थना करके आगे चले l

कुछ मिनट बाद मेरी पत्नी, केरी, अचानक पीछे हटी, और सड़क पर एक कुंडलित जहरीले साँप से बची l हमने उसको जाने दिया l तब हमने परमेश्वर को धन्यवाद दिया l मुझे विश्वास है कि एलन के प्रश्न द्वारा, परमेश्वर ने हमें इस घटना के लिए तैयार किया था, और प्रार्थना उसके शुभ देखभाल का हिस्सा था l

उस शाम हमारा खतरे से बचना दाऊद के शब्द याद दिलाता है : “यहोवा और उसकी सामर्थ्य की खोज करो; उसके दर्शन के लिए लगातार खोज करो” (1 इतिहास 16:11) l यह सलाह यरूशलेम में वाचा के संदूक की वापसी का उत्सव मनानेवाले भजन का हिस्सा है l यह सम्पूर्ण इतिहास में परमेश्वर के लोगों का उनके संघर्ष में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता स्मरण करने, उनको उसे सदा उसकी प्रशंसा करने और उसे “पुकारने” को कहता है (पद.35) l

“[परमेश्वर] के दर्शन के लिए …. खोज करो” का अर्थ क्या है? अर्थात् सबसे साधारण क्षणों में भी उसको खोजो l कभी-कभी प्रार्थनाओं के उत्तर हमारे मांगने से भिन्न होते हैं, किन्तु परमेश्वर हमेशा विश्वासयोग्य है l हमारा अच्छा चरवाहा मार्गदर्शन करते हुए हमें अपनी करुणा, सामर्थ्य, और प्रेम में रखेगा l हम उस पर निर्भर रहें l