दक्षिण एशियाई खेलों में मैराथन दौड़ के दौरान सिंगापुर के एशले लियू बढ़त बनाने पर समझ गए कि गलत मोड़ लेने के कारण अग्रणी धावक पीछे रह गए थे। एशले उनकी गलती का लाभ उठा सकते थे परंतु उनकी खिलाड़ी-भावना ने कहा कि यह वास्तविक जीत ना होगी। वह इसलिए जीतना चाहते थे क्योंकि तेज धावक थे-किसी की गलती के कारण नहीं। अपनी भावना पर उन्होंने गति धीमी कर दी ताकि दूसरे उनके बराबर पहुंच सके।

अंततः एशले दौड़ और पदक हार गए। परंतु उन्होंने अपने देशवासियों के दिलों को-और निष्पक्ष खेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। मसीही के रूप में यह उनके विश्वास की अच्छी गवाही थी,  जिससे कईयों ने पूछा होगा, “ वह क्या था जिसने उनसे ऐसा  करवाया?”

उनका यह काम मुझे मेरे कामों से अपने विश्वास को बाँटने की चुनौती देता है। विचारशीलता, दया, या क्षमा जैसे छोटे-छोटे काम परमेश्वर को महिमा दे सकते हैं। जैसे पौलुस कहते हैं, “सब बातों में… (तीतुस 2:7–8)।

दूसरों के लिए किए हमारे सकारात्मक काम संसार को दिखा सकते हैं कि अपने भीतर पवित्र आत्मा के कार्य के कारण हम दूसरों से अलग जीवन जी सकते हैं। अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेर कर संयम और धर्म और भक्ति से जीवन जीने का हमें वह अनुग्रह देंगे (पद 11-12)।