“नहीं! नहीं! नहीं! नहीं!”  मैं चिल्लाया l मुझे किसी प्रकार की मदद नहीं मिली l बिलकुल नहीं l मैंने अपनी तेज़ बुद्धि से अपने फ्लश शौचालय की टंकी की मरम्मत की किन्तु पानी का बहना नहीं रुका l  

कितनी बार हमारे बच्चे दूध ढालते समय गिरा देते हैं, और वह सब जगह फ़ैल जाता है l अथवा हमारी भूल से सोडा की 2 लीटर की बोतल बॉक्स में खुल जाती है जिसका परिणाम चौंकानेवाला होता है l

किसी तरल वस्तु का छलककर फ़ैल जाना अच्छी बात नहीं l बिलकुल नहीं l किन्तु एक अपवाद हो सकता है l पौलुस ऐसे लोगों के लिए परिपूर्णता(उमड़ना) का चित्र उपयोग करता है जो परमेश्वर की आत्मा से उमड़ रहे हैं  और जिसका स्वाभाविक परिणाम आशा है (रोमियों 15:13) l हमारे जीवनों में परमेश्वर की प्रबल उपस्थिति के कारण आनंद, शांति, और विश्वास से भरे होने के चित्र को मैं पसंद करता हूँ l इस सीमा तक, वास्तव में, हम अपने स्वर्गिक पिता में बहुतायत का और सुखद भरोसा दर्शा सकते हैं l यह हमारे जीवनों के खूबसूरत, प्रसन्नचित्त काल में हो सकता है l अथवा जब हमारे जीवनों को झटका लगता है l दोनों में से कोई भी, उमड़ कर गिरनेवाला ही हमारे चारो-ओर के लोगों को आशा देता है जिससे वे “सराबोर” हो जाते हैं l