सैलमन मछली पकड़नेवाले मछुआरों की एक कहानी बतायी जाती है जो पूरे दिन मछली पकड़ने के बाद स्कॉटलैंड के एक होटल में इकट्ठे हुए l जब एक मछुआरा अपने मित्रों से मछली पकड़ने की एक घटना का वर्णन कर रहा था, उसका हाथ मेज़ पर रखी एक कांच की गिलास से टकराया और टूटा गिलास दीवार से टकराकर सफ़ेद दीवार पर एक दाग छोड़ गया l वह व्यक्ति अपनी गलती स्वीकार कर होटल के मालिक को उस हानि की भरपाई करना चाही, किन्तु वह कुछ करने में असमर्थ था; दीवार ख़राब हो चुकी थी l निकट बैठे एक व्यक्ति ने कहा, “चिंता न करें l” उठकर, उसने अपने पॉकेट से एक चित्रकारी उपकरण निकालकर उस कुरूप दाग़ के चारों ओर कुछ बनाने लगा l धीरे-धीरे एक शानदार बारहसिंगा का सिर उभर आया l वह व्यक्ति स्कॉटलैंड के  सर्वश्रेष्ठ प्राणी कलाकार, सर ई. एच. लैंडसिअर थे l

भजन 51 का लिखनेवाला इस्राएल का प्रसिद्ध राजा, दाऊद, अपने पापों के कारण खुद के लिए और अपने राष्ट्र के लिए लज्जा का कारण बना l उसने अपने एक मित्र की पत्नी के साथ व्यभिचार किया और मित्र की हत्या भी करवा दी-दोनों ही कृत्य मृत्यु के योग्य थे l ऐसा महसूस हो रहा था मानों उसका जीवन नष्ट हो गया हो l किन्तु उसने परमेश्वर से अनुनय-विनय की : “अपने किये हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा देकर मुझे संभाल” (भजन 51:12) l

दाऊद की तरह अतीत के हमारे लज्जाजनक कार्य और उनकी यादें हमें मध्य रात्रि में परेशान करती हैं l हमें बहुत कुछ सुधारने की इच्छा होती है l

अनुग्रह है जो केवल हमें क्षमा ही नहीं करता किन्तु हमें पहले से बेहतर बनाता है l परमेश्वर कुछ भी बर्बाद नहीं करता है l